panchayat election

फिर सामाजिक ताने-बाने को तबाह कर गया पंचायत चुनाव, गांवों में तनाव

NATIONAL POLITICS PRESS RELEASE REGIONAL

Mathura, Uttar Pradesh, India. त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के परिणाम आना बाकी हैं। 29 अप्रैल को चौथे चरण के लिए मथुरा जनपद में मतदान हो गया। दो मई को तमगणना शुरू होगी। चुनाव परिणाम से पहले इन चुनावों के दुष्परिणाम आना शुरू हो गये हैं।


ग्राम पंचायत ककरारी में प्रधान पद के दो प्रत्याशियों में मतदान के दौरान मारपीट हो गई थी। थाना मांट प्रभारी भीम सिंह जावला ने लेखराज सिंह और सुंदर सिंह को हिरासत में ले लिया था। शुक्रवार को दोनों का शांतिभंग में चालान कर दिया गया। इस पर भारी संख्या में ग्रामीण मांट थाने पर पहुंच गये और हंगामा करने लगे। गांव उमारी में भी जमकर मारपीट हुई। कहीं फायरिंग, कहीं पथराव की सूचनाएं हैं। कहा यही जा सकता है कि पुलिस की सख्ती की वजह से ग्रामीणों में धधक रही नफरत की आग दब कर रह गई। धीरे धीरे यह आग अब जोर पकड़ने लगी है।


रुझानों से पता चल रहा है कि पंचायत चुनावों ने ग्रामीण क्षेत्र में सामाजिक तानेबाने को बुरी तरह प्रभावित किया है। एक तरह से सामाजिक तानेबाने को इन चुनावों ने तबाह कर दिया है। पंचायत चुनावों को चुनावी रंजिश बढ़ाने और इसके तहत होने वाली घटनाओं के लिए जाना जाता है। गांवों में जितने मुकदमे एक दूसरे के खिलाफ लोग पांच साल में दर्ज कराते हैं उनमें बडी संख्या ऐसे मामलों की रहती है जिसके पीछे चुनावी रंजिश छुपी रही हो।

 इस समय ग्रामीण क्षेत्र में तनाव अपने चरम पर है। मतदान हो चुका है और परिणाम आना बाकी है। प्रत्याशी और उनके कट्टर समर्थक इस गणित में लगे हैं कि उन्हें किस वार्ड से कितने मत मिले हैं। इसके लिए वह मोहल्ला और गली-गली इसकी टोह ले रहे हैं। हर ग्रामीण एक दूसरे को शक की नजर से देख रहा है। किसी को किसी का विश्वास तक नहीं है। अफवाह इस समय आग में घी का काम कर रही हैं। कुछ लोग इसका लाभ उठाने का प्रयास कर सकते हैं। एक महीने से भी अधिक समय तक पानी की तरह पैसा बहाने के बाद प्रत्याशियों को अपने सगे संबंधियों तक पर अविश्वास हो गया है। कट्टर समर्थक भी संदेह के घेरे में आ गये हैं। चुनाव परिणाम के कुछ दिन बात तक यह तनातनी कायम रहेगी इसके बाद माहौली धीरे धीरे सामान्य होने लगेगा।

हालांकि इस बीच हर गांव संवेदनशील बना हुआ है। कुछ क्षेत्रों में तापमान बढ़ा हुआ है तो कहीं तनातनी कुछ कम है। पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह से सक्रिय है। लगातार हर छोटी बड़ी घटना पर सख्त कार्रवाही की जा रही है। लोगों को लगातार इस बात की हिदायत दी जा रही है कि वह शांति बनाए रखें। कोरोना की गाइड लाइन का पालन कराने की तरफ अभी तक मशीनरी का ध्यान ही नहीं गया है। चुनाव के बाद यह उम्मीद की जा सकती है कि कुछ सख्ती के साथ लोगों को घर के अंदर रहने के लिए विवश किया जाएगा।

https://booksclinic.com/product/mere-hasaband-mujhko-pyaar-nahi-karte/
पुस्तक खरीदने के लिए क्लिक करें