पाकिस्तान की हालत श्रीलंका से अलग नहीं है: पूर्व चेयरमैन FBR

पाकिस्तान की हालत श्रीलंका से अलग नहीं है: पूर्व चेयरमैन FBR

INTERNATIONAL


दक्षिण एशिया के कई देशों की आर्थिक हालत लगातार बदतर हो रही है. श्रीलंका आधिकारिक रूप से डिफॉल्टर हो चुका है. विदेशी क़र्ज़ चुकाने की तारीख़ निकल गई लेकिन उसने अदायगी से हाथ खड़ा कर दिया.
श्रीलंका में लोग सड़क पर हैं और कई ज़रूरी सामान नहीं हैं. यहाँ तक कि पेट्रोल और डीज़ल भी नहीं हैं. दक्षिण एशिया के एक और देश पाकिस्तान की भी हालत पस्त है. विदेशी मुद्रा भंडार यहाँ भी ख़ाली है.
आयात कम करने और विदेशी मुद्रा बचाने के लिए पाकिस्तान ने पिछले हफ़्ते ही सभी ग़ैर-ज़रूरी लग्ज़री सामानों के आयात पर पाबंदी लगा दी थी. पाकिस्तान में इस स्थिति को आर्थिक आपातकाल कहा जा रहा है.
पाकिस्तान का चालू खाता घाटा 17 अरब डॉलर से ज़्यादा हो गया है. पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 16 अरब डॉलर तक सिमट गया है और वहाँ की मुद्रा रुपया भी एक डॉलर की तुलना में 200 रुपए तक पहुँच गया है.
पाकिस्तान की सूचना और प्रसारण मंत्री मरियम औरंगज़ेब ने पत्रकारों से कहा था कि जिन लग्ज़री सामानों के आयात पर पाबंदी लगाई गई है, उनका इस्तेमाल बहुत ही कम लोगों के बीच होता है.
पाकिस्तान की वित्तीय मामलों की जांच एजेंसी फ़ेडरल बोर्ड ऑफ़ रेवेन्यू यानी एफ़बीआर के पूर्व चेयरमैन सैयद शब्बर ज़ैदी ने 15 मई को ट्वीट कर कहा था कि पाकिस्तान की हालत श्रीलंका से अलग नहीं है.
ज़ैदी ने कहा था, ”क्या यह शर्मनाक नहीं है कि 22 करोड़ की आबादी वाले परमाणु शक्ति संपन्न देश अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, सऊदी अरब, यूएई और चीन से भीख मांग रहा है. हम इस स्थिति में कैसे पहुँचे? हमें आत्मवालोकन करना चाहिए. 1947 के बाद से ऐसी क्या ग़लती हुई है कि चीज़ें ठीक नहीं हो रही हैं. हमें सत्य का अन्वेषण करने की ज़रूरत है.”
ज़ैदी ने ट्वीट कर कहा है, ”इकनॉमिस्ट मैग्ज़ीन ने अनुमान लगाया है कि भारत तेज़ गति से विकास करेगा. भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 650 अरब डॉलर तक पहुँच चुका है. बांग्लादेश भी विकाशील देशों की श्रेणी में आ गया है. पाकिस्तान में आख़िर क्या समस्या है?”
पाकिस्तान के जाने-माने आर्थिक स्तंभकार फ़ारुख़ सलीम ने पाकिस्तानी वेबसाइट द न्यूज़ में एक लेख लिखा है, जिसमें बताया है कि गया है कि पाकिस्तान भी डिफॉल्ट होने की कगार पर है.
फ़ारुख़ सलीम ने लिखा है, ”अगस्त 2021 में पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 20 अरब डॉलर था लेकिन पिछले नौ महीनों में इस में 10 अरब डॉलर की गिरावट आई है. पिछले आठ हफ़्तों में स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान को छह अरब डॉलर का नुक़सान हुआ है. यह साफ़ है कि एसबीपी के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा नहीं है कि क़र्ज़ों का भुगतान समय पर कर सके.”
बांग्लादेश में भी विदेशी मुद्रा भंडार कम होकर 42 अरब डॉलर हो गया है. कहा जा रहा है कि यह सात महीनों के आयात बिल से ज़्यादा नहीं है. नेपाल की हालत भी ठीक नहीं है और मालदीव पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहा था.
-एजेंसियां

Dr. Bhanu Pratap Singh