दुबई में पाकिस्तान के दूतावास ने अपने ही लोगों को दी चेतावनी

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बीते सप्ताह अपनी सरकार गिरने के बाद इमरान ख़ान ने समर्थकों से अपील की थी कि वे सड़कों पर उतरें और नई सरकार का विरोध करें.
इस अपील के बाद पाकिस्तान ही नहीं बल्कि दूसरे मुल्कों में भी इमरान ख़ान के समर्थन में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ यानी पीटीआई कार्यकर्ताओं ने रैलियां कीं. दोहा और दुबई में भी रैलियां हुईं.
रविवार को लंदन में रह रहे पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ के आवास के बाहर भी प्रदर्शन हुए.
हालाँकि, अब दुबई में पाकिस्तान के दूतावास ने अपने ही लोगों को चेतावनी दी है. दूतावास ने स्पष्ट कर दिया है कि दुबई में रह रहे पाकिस्तानियों को यहीं के क़ानून का पालन करना होगा वरना उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई हो सकती है.
क्या कहा पाकिस्तानी दूतावास ने
यूएई में पाकिस्तान के दूतावास ने ट्वीट किया, “संयुक्त अरब अमीरात में रह रहे सभी पाकिस्तानियों को बताया जा रहा है कि इस देश में जुलूस और विरोध प्रदर्शन ग़ैर-क़ानूनी हैं. जो इस क़ानून को तोड़ेगा उसे इसके परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. इसलिए, सभी को सलाह दी जा रही है कि वे स्थानीय क़ानूनों का सख़्ती से पालन करें.” पाकिस्तानी दूतावास ने 13 अप्रैल को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अपने नागरिकों को चेताया है.
बीते शनिवार अविश्वास मत हारने के बाद इमरान ख़ान की सरकार गिर गई थी. इसके बाद इमरान ख़ान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ पीटीआई ने दुबई में प्रदर्शन किया था.
ट्विटर पर पीटीआई ने लिखा- “दुबई, यूएई का प्रदर्शन पाकिस्तान के लिए था लेकिन दुनियाभर में पाकिस्तानी इमरान ख़ान के समर्थन में खड़े हो रहे हैं.”
पीटीआई ने पाकिस्तान के कई शहरों में भी बड़ी-बड़ी रैलियां की थीं. इनमें इस्लामाबाद, कराची, पेशावर और लाहौर शामिल थे. इन रैलियों में हज़ारों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने इमरान ख़ान के लिए समर्थन जताया था.
इमरान ख़ान के समर्थन में नारेबाज़ी
सोशल मीडिया पर शेयर किए गए कुछ वीडियो में देखा जा सकता है कि दुबई और दोहा में बहुत से पाकिस्तानी नागरिक झंडों के साथ सड़कों पर उतरे और इमरान ख़ान के समर्थन में नारे लगाए.
अल-अरबिया के अनुसार खाड़ी देशों में प्रदर्शन नहीं होते और पहले ऐसा करने वाले कई प्रवासियों को वापस उनके देश तक भेजा जा चुका है.
पाकिस्तान के क़तर और यूएई दोनों से अच्छे संबंध हैं और यूएई में रह रहे प्रवासियों में पाकिस्तानियों की बड़ी तादाद है.
साल 2018 में प्रधानमंत्री बनने वाले इमरान ख़ान ने कुर्सी जाने के बाद अपने समर्थकों से अपील की थी कि वो उनके समर्थन में सड़कों पर आएं.
-एजेंसियां

Dr. Bhanu Pratap Singh