Mathura (Uttar Pradesh, India)। मथुरा। धर्म नगरी मथुरा वृंदावन के संत समाज में नेपाली प्रधानमंत्री के बयानों से आक्रोष है। बुधवार को नेपाली प्रधानमंत्री का पुतला फूंका गया। साथ ही उन पर भारत और नेपाल के संबंध खराब करने का आरोप भी लगाया गया। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली ने अयोध्या और भगवान राम को लेकर कई विवादित बयान दिये हैं। उन विवादित बयान को लेकर बुधवार को काशी विद्वत परिषद एवं नेपाली परिषद की बैठक मोतीझील श्री गुरु कार्षि्ण कृपा धाम वृंदावन पर हुई। बैठक में नेपाली समाज के वरिष्ठ धर्मात्मा एवं काशी विद्वत परिषद के बृज मंडल के सदस्यों ने नेपाली प्रधानमंत्री के बयान की घोर निंदा की। डॉ. मनोज मोहन शास्त्री ने कहा कि यह ओली की बोली नहीं है वह चीन की भाषा बोल रहे हैं। यह निर्णय किसी भी कीमत से मान्य नहीं किया जाएगा।
सीता माता नेपाल की थी हम ननिहाल पक्ष से प्रेम करते हैं
संजीव कृष्ण ठाकुर ने कहा कि नेपाल से भारत का बहुत बड़ा नाता है। सीता माता नेपाल की थी इसीलिए हमारा ननिहाल नेपाल में है तो हम लोग भांजे हैं ननिहाल पक्ष से प्रेम करते हैं यदि ननिहाल पक्ष मामा लोग नहीं मानेंगे तो कृष्ण ने मथुरा में कंस मामा को जैसे सबक सिखाया था उसी तरह से हम भांजे भी नेपाल को फिर सबक सिखाने में पीछे नहीं हटेंगे। काशी विद्वत परिषद पश्चिमी भारत के प्रभारी कार्षि्ण नागेंद्र महाराज ने कहा कि नेपाल के प्रधानमंत्री ने यह जो वक्तव्य दिया है शास्त्रोक्त नहीं है। ना हीं इतिहास में कहीं इसका वर्णन है। यह मनगढ़ंत बयान है जो कि चीन के कहने पर दिया है।
बैठक में डॉ मनोज मोहन शास्त्री, संजीव कृष्ण ठाकुर, अनुराग कृष्ण शास्त्री, कार्षि्ण नागेंद्र महाराज, विपिन बापू, शिवांश भाई कृष्ण, नेपाली समाज से कथा व्यास हरी शरण उपाध्याय, नेपाली समाज के अध्यक्ष राजकमल ओझा, नारायण दास नागा, वृन्दावन दास, विष्णु प्रिया आचार्य, युवराज, बद्री कृष्ण दास आदि उपस्थित रहे।
तिब्बत जैसी गलती न करे नेपालः नेपाली समाज
कार्षि्ण नागेंद्र महाराज ने नेपाली समाज की ओर से कहाकि चीन ने प्रधानमंत्री ओली को प्रलोभन दिखाया होगा इस वजह से यह वक्तव्य नेपाल के प्रधानमंत्री ने बोला, लेकिन नेपाल के लोगों को समझना चाहिए नेपाल के प्रधानमंत्री को समझना चाहिए कि चीन की चाल में तिब्बत फंसा था तो तिब्बत के लोग आज दर-दर भटक रहे हैं। भारत में शरणार्थी हैं उसी प्रकार से यह नेपाल को भी तबाह बर्बाद कर देंगे और वहां के लोगों को दर-दर भटकने के लिए मजबूर कर देगा चीन यह चीन, नीच है इसलिए इससे सावधान रहना चाहिए।
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