रावण के दहन का विरोध, लंकापति के आदर्शों को करें आत्मसात ….

रावण के दहन का विरोध, लंकापति के आदर्शों को आत्मसात करें

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Agra, Uttar Pradesh, India. नवरात्र पर प्राचीन कैलाश मंदिर पर बाबा भोलेनाथ का अभिषेक और आरती शिव तांडव स्त्रोत का पाठ किया। लंकापति दशानन महाराज पूजा समिति ने दशहरा पर रावण दहन का विरोध करते हुए दशानन के आदर्शों को आत्मसात करने की अपील की गई।

अपने अंदर के रावण को मारें

डॉ.मदन मोहन शर्मा संयोजक लंकापति दशानन महाराज रावण पूजा आयोजन समिति ने कहा कि रावण का दहन करने का विरोध किया जा रहा है।आम जन से भी अपील है कि वे अपने अंदर के रावण को मारें,रावण का दहन न करें।

  1. समिति अध्यक्ष एडवोकेट उमाकांत सारस्वत ने कहा कि हिन्दू रीति रिवाज में एक व्यक्ति का दाह संस्कार एक बार ही किया जाता है तो रावण दहन बार-बार क्यों?कैलाश मंदिर महन्त गौरव गिरी ने कहा कि शिवलिंग पर लंकापति रावण गंगाजल से अभिषेक करते थे कि वह अपना क्रोध काबू कर सकें।

शिवतांडव स्त्रोत का हुआ पाठ

संरक्षक विनोद सारस्वत, महेश सारस्वत,लंकेश, दीपक सारस्वत ने लंकापति दशानन महाराज पूजा समिति द्वारा शिवशंकर भोलेनाथ का अभिषेक किया गया। भोलेनाथ के सामने दशानन लंकापति रावण द्वारा रचित शिवतांडव स्त्रोत का पाठ किया गया। बदले दौर में लंकापति के आदर्शों को अपनी जिंदगी में शामिल करने का संकल्प लिया गया।शाम को दशानन की आरती की गई। दशानन महाराज स्वरूप आनंद जोशी भोले शंकर का स्वरूप राजी खिरवार शिव तांडव स्त्रोत का पाठ राजा खिरवार ने किया

पूजा में प्रमुख रूप से डॉ.मदन मोहन शर्मा संयोजक उमाकांत सारस्वत एडवोकेट अध्यक्ष डॉ.विनोद सारस्वत महेश सारस्वत लंकेश दीपक सारस्वत, नकुल सारस्वत, सारांश सारस्वत, पवन बघेल, मनोज कुशवाह, कुनाल, दिव्यांशु गोयल, विवेक पाराशर, भाजपा नेता सुजीत कुशवाह, प्रदीप कुशवाह, अभिषेक आदि उपस्थित थेl

Dr. Bhanu Pratap Singh