dr devashish bhattacharya

उत्तरी बाईपास कीठम संरक्षित वन क्षेत्र के लिए विनाशकारी, पर्यावरण प्रेमी चिन्तित

HEALTH NATIONAL PRESS RELEASE REGIONAL लेख

Agra, Uttar Pradesh, India. रविवार सुबह यमुना किनारे स्थित एत्माउद्दौला व्यू पॉइंट पार्क पर आयोजित एक सभा में आगरा के बिगड़ते पर्यावरण संतुलन पर गहरी चिंता व्यक्त की गयी। सूर सरोवर वन्य क्षेत्र और उस से सटी ग्रीन बफर जोन से निरंतर छेड़छाड के खिलाफ आगरा के पर्यावरण प्रेमियों और यमुना भक्तों ने आवाज़ उठाई। चेतावनी दी कि इस ईको सेंसिटिव एरिया में असंतुलन पैदा करने के गंभीर परिणाम होंगे।

समूचे क्षेत्र का विनाश हो जाएगा

पर्यावरणविद डॉ. देवाशीष भट्टाचार्य ने कहा कि सूर सरोवर को अब रामसर वेटलैंड साइट घोषित कर दिया गया है, अत: किसी तरह का निर्माण या नया रोड प्रोजेक्ट समूचे क्षेत्र का विनाश कर देगा, मथुरा रिफाइनरी और ताजमहल के बीच एक ग्रीन बफर हर सूरत में बचा रहना चाहिए। रिवर कनेक्ट कैंपेन के ब्रज खंडेलवाल ने यमुना नदी की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बावजूद अनेक वादों के नदी की हालत चिंताजनक बनी हुई है। वृन्दावन कुम्भ के पूर्व यमुना की सफाई हो और जलस्तर बढ़ाया जाये।

ये है मुद्दा

हाल ही में दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) से संज्ञान में आया है कि एक 24 किलोमीटर लंबा उत्तरी बाईपास प्रस्तावित किया जा रहा है, जो सूर सरोवर पक्षी अभयारण्य और अकबरपुर, बाबरपुर और बाईंपुर वन रेंज के बहुत संवेदनशील क्षेत्र से गुजर सकता है। यह पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा है। यह प्रस्तावित नई सड़क परियोजना न केवल वन्यजीवों के लिए एक बड़ा खतरा होगी, बल्कि मथुरा रिफाइनरी और ताजमहल के बीच अत्यधिक महत्वपूर्ण बफर ज़ोन में प्राकृतिक पारिस्थितिक संतुलन को भी बिगाड़ देगी। इसके अलावा सूर सरोवर पक्षी अभयारण्य एक रामसर संरक्षित संरक्षण स्थल है। यह क्षेत्र अजगर का प्राकृतिक आश्रय व वाइल्ड लाइफ एसओएस द्वारा संचालित दुनिया का सबसे बड़े भालू आश्रय का घर भी है। इसके साथ ही यह क्षेत्र ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से भी बहुत ही महत्व रखता है |

 प्रस्ताव से निराशा

पर्यावरण से जुड़े व्यक्तियों ने मांग की है कि पर्यावरण दृष्टि से अति महत्वपूर्ण सूर सरोवर पक्षी अभयारण्य व इसके आस पास के यमुना किनारे से लगे इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार के बाईपास अथवा किसी भी अन्य निर्माण की किसी भी योजना को सख्ती से रोका जाए | पर्यावरणविदों ने बताया कि वे पिछले कई वर्षों से भूमि पर कब्जा करने वालों और अतिक्रमणकारियों से पूरे संवेदनशील क्षेत्र की रक्षा करने के लिए वे कड़ी मेहनत कर रहे थे, लेकिन अब इस नई सड़क योजना से उन्हें घोर निराशा हुई है |

 शहरीकरण ने प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ा

पर्यावरणविद डॉ देवाशीष भट्टाचार्य ने कहा कि सूर सरोवर पक्षी अभयारण्य और इसके चारों ओर उपस्थित ग्रीन बेल्ट मथुरा रिफाइनरी और इसके आसपास के राजमार्गों से प्रदूषण को अवशोषित करती है। तेजी से शहरीकरण ने पहले ही प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ दिया है तथा निहित स्वार्थों को बढ़ावा देने वाले इस प्रस्तावित उत्तरी बाईपास परियोजना ने संतुलन को और भी अधिक गंभीर बना दिया है| एक अन्य प्रस्ताव में श्रवण कुमार सिंह ने  केंद्र और राज्य सरकारों से मांग की कि यमुना में जल छोड़ा जाए और सफाई की समुचित व्यवस्था की जाये

रिवर कनेक्ट अभियान क़ी प्रमुख माँगे

1. 2022 तक कारबन फुट प्रिंट और वैश्विक तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक कम करें।

 2. टीटीजेड  सभापति को सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट जज होना चाहिए या उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश को। टीटीजेड के लिए एक अलग कार्यालय और स्टाफ होना चाहिए।

3. दिवंगत डीके जोशी के स्थान पर नए सुप्रीम कोर्ट के निगरानी सदस्य की नियुक्ति हो

4. टीटीजेड  सूर सरोवर पक्षी विहार के 2 किलोमीटर के दायरे में किसी भी व्यावसायिक गतिविधि के लिए अनुमति न देकर उसे संरक्षित क्षेत्र घोषित करे

5. कोयले / जीवाश्म ईंधन को जलाना पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए।

 6. पवित्र नदी यमुना को जीवंत/जीवित इकाई का दर्जा दिया जाना चाहिए और यमुना जी को प्रदूषित करने वाले किसी व्यक्ति को भारी अर्थ दंड और जेल हो।

7. यमुना की नियमित सफाई / ड्रेजिंग / डिसिल्टिंग युद्धस्तर पर होनी चाहिए।

8. प्राथमिकता प्रकृति के साथ सतत विकास की होनी चाहिए और प्रदूषण फैलाने वलों पर भारी पेनल्टी लगे।

9. आगरा के ऐतिहासिक शहर का उचित सीवेज उपचार और अपशिष्ट प्रबंधन किया जाए।

10. आगरा को हेरिटेज सिटी का दर्जा देने की घोषणा। अपस्ट्रीम बैराज से पानी का हिस्सा आगरा जारी करें

11.ताजमहल के डाउनस्ट्रीम में यमुना बैराज पर त्वरित कार्रवाई करें

12.दिल्ली से आगरा के लिए पर्यटक नौका सेवा शुरू करें

 13. वृंदावन कुंभ के लिए यमुना में तत्काल पानी छोड़ें

14.यमुना तट मे घाटों के पुनर्निर्माण व  रखरखाव के लिए व्यापाक योजना बनाई जाये।

15.घाटों व पार्को पर अनधिकृत कब्जे हटाए जाएं।

ये रहे उपस्थित

नंदन श्रोत्रिय, पंडित जुगल किशोर, चतुर्भुज तिवारी, राहुल राज, दीपक, अमित कोहली, डॉ पंचशील शर्मा, संदीप अग्रवाल, शाहतोष गौतम, रंजन शर्मा, निधि पाठक, शशिकांत उपाध्याय, रिमझिम वर्मा, पद्मिनी अय्यर, अजित चौधरी। अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार और रिवर कनेक्ट कैंपेन के संयोजक ब्रज खंडेलवाल ने की। संचालन डॉ. देवाशीष भट्टाचार्य ने किया।