पवन आगरी कवि

राम पर नया गीत जारी, निःस्वार्थ लिखा, निःस्वार्थ गाया और निःस्वार्थ बनाया, हमने छापा भी निःस्वार्थ

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पवन आगरी ने लिखा, सुजाता शर्मा ने गाया और अविनाश शर्मा ने बनाया

वीडियो में राम मंदिर, नरेंद्र मोदी और कार सेवा का भी चित्रांकन

डॉ. भानु प्रताप सिंह

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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. आगरा की लता मंगेशकर के रूप में प्रसिद्ध सुजाता शर्मा को मैंने एक बार ही सुना है। वे गाती हैं तो बिलकुल डूब जाती हैं। सुनने वाले भी बस सुनते ही रहते हैं। उन्होंने राम मंदिर पर केंद्रित गीत को सुर दिया है। जितना कर्णप्रिय गाया है, उतना ही शब्द संयोजन शानदार है। अंतरराष्ट्रीय हास्य कवि पवन आगरी लिखते हैं तो कुछ अनोखा ही होगा। यह गीत पवन आगरी की छवि से हटकर है। लगता है वे अपनी छवि हास्यकवि के साथ गंभीर कवि के रूप में भी करने के लिए आतुर हैं। अविनाश शर्मा ने गीत के बोल के अनुसार शानदार चित्रांकन किया है। कुल मिलाकर चार मिनट 12 सेकेंड्स का वीडियो देखना शुरू करें तो अंत तक अवश्य देखेंगे।

जब कोई काम राम के नाम पर किया जाता है तो सारी बाधाएं भाग जाती हैं। यही हुआ है इस गीत के साथ। दो दिन में गीत लिखा गया और वीडियो भी बन गया। एक रेस्टोरेंट में गीत का वीडियो पत्रकारों को दिखाया गया।

फिल्म निर्माता रंजीत सामा ने कहा, रंजीत सामा से हमने पूछा कि राम पर तो बहुत सारे भजन हैं, फिर भी नया गीत जारी करने की क्या आवश्यकता पड़ी?  रंजीत सामा ने बड़ा शानदार जवाब दिया- ये कोई प्रोफेशनल तरीका नहीं है कि इससे धन अर्जित करना है। मन की शांति के लिए जो हमारे ग्रुप वालों को अच्छा लगा, वह किया गया और गाया गया। इलेक्शन से इसका कोई लेना-देना नहीं है। यह पहला वीडियो है जिसमें सूर्य की किरण प्रभु राम के मस्तक पर, उसे इस वीडियो में डाला है।

सुजाता शर्मा
बाएं से संजय दुबे, रंजीत सामा, सुजाता शर्मा, पवन आगरी, अविनाश शर्मा।

पवन आगरी कहते हैं कि मुझे लगा कि प्रभु राम सबके हैं। उनके ऊपर कुछ लिखना पड़े तो बहुत अच्छा लगा। जब सुजाता जी ने मुझे धुन सुनाई। सूर्य तिलक की नई बात है। राम भक्तों को कुछ नया सुनने को मिलेगा। अधिकाधिक लोग इसे शेयर करें।

अब सुनते हैं गायक सुजाता शर्मा ने क्या कहा- ऐसे बहुत सारे भजन हैं, बहुत से संगीतकारों, सिंगर ने गाने लिखे हैं और गाये हैं। जब मुझे कोई चीज बहुत भा जाती है तो लगता है कि गाना चाहिए। माथे पर सूर्य की किरण कैसे संभव है, यह भाव अंदर आया वह गा दिया।

अविनाश शर्मा ने बहुत सुंदर तरीके से चित्रांकन किया है। उन्होंने बताया कि निःस्वार्थ भाव से लेखन था, उसके मद्देनजर मेरा मन किया। गाना बनाने में इतना मन लग रहा था कि दो दिन में ही काम हो गया।

सुजाता शर्मा बोल पड़ीं- निःस्वार्थ गाना, निःस्वार्थ लिखना, निःस्वार्थ बनाना, सब निःस्वार्थ। किसी को पैसा देना नहीं। इस पर हमने भी कहा- निःस्वार्थ आए हैं और निःस्वार्थ छापेंगे।

म्यूजिक वीडियो के रिलीज के समय गजेंद्र सिंह, संजय दुबे, प्रमोद वर्मा, मनीष शर्मा, नीरज तिवारी सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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Dr. Bhanu Pratap Singh