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नई शिक्षा नीति पर महत्वपूर्ण खबरः स्कूल संचालन में कई चुनौतियां से होगा सामना

NATIONAL PRESS RELEASE REGIONAL

 
Agra, Uttar Pradesh, India. एसोसिएशन ऑफ प्रोग्रेसिव स्कूल्स ऑफ आगरा (अप्सा) द्वारा छात्रों के विकास हेतु शिक्षकों को शिक्षा के जगत में होने वाले बदलाव व नवीन आयामों से परिचित कराने के उद्देश्य से समय-समय पर विभिन्न उत्कृष्ट श्रेणी की संगोष्ठी तथा कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है। इसी श्रृंखला में अप्सा द्वारा  नई शिक्षा निति 2020 विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन माउंट लिट्रा जी स्कूल  में किया गया। कार्यशाला में  अदिति रॉय मुख्य वक्ता के रूप में आईं। उन्होंने कहा- नई शिक्षा नीति के कारण स्कूल संचालन में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

प्रचलित तरीकों से न सिखाएं

प्रथम सत्र में श्रीमती अदिति रॉय ने बताया कि नई शिक्षा नीति किस प्रकार बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहायक होगी। अब शिक्षकों को पुराने प्रचलित तरीकों से न सिखाकर सिखाने के उस तरीके का चुनाव करना है, जिसमें बच्चा सीखना चाहता है। अतिथि वक्ता ने विद्यालय के निदेशक तथा प्रधानाचार्य के प्रति आभार व्यक्त किया। सभी प्रतिभागियों को प्रतिभागिता को प्रमाण-पत्र दिया गया। स्पर्श बंसल,  डॉ. सुशील गुप्ता तथा प्रधानाचार्या ने अतिथि वक्ता को स्मृति चिह्न प्रदान कर आभार प्रकट किया। कार्यशाला से सभी प्रतिभागी शिक्षक लाभान्वित हुए। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती रंजीता रानी ने किया।

प्रयोगात्मक ज्ञान पर ध्यान

आज NEP वर्कशॉप में सभी ने देश के भविष्य को स्वर्णिम बनाने के लिए नई तकनीक सीखी है। सन् १९६८ से २०९६ तक चली आ रही शिक्षा पद्यति  को बदलने का एक अच्छा कदम बताया है। अदिति रॉय ने किताबी ज्ञान की तुलना में प्रयोगात्मक ज्ञान पर ध्यान देना आवश्यक बताया। साथ ही एन. ई.पी. के उद्देश्य और ई. सी. सी. ई. के माइन्ड मैप के दस डोमेन्स द्वारा छात्रों का संपूर्ण विकास करने में सहायक बताया। पीयर प्रेशर को कम करने के साथ परीक्षा के दबाव को भी कम करने के लिए अंकों के आंकलन को भी बदलने को आवश्यक बताया।

10+2 के फार्मेट को पूरी तरह खत्म

नई शिक्षा नीति में 10+2 के फार्मेट को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। अभी तक हमारे देश में स्कूली पाठ्यक्रम 10+2 के हिसाब से चलता है लेकिन अब ये 5+ 3+ 3+ 4 के हिसाब से होगा। इसका मतलब है कि प्राइमरी से दूसरी कक्षा तक एक हिस्सा, फिर तीसरी से पांचवीं तक दूसरा हिस्सा, छठी से आठवीं तक तीसरा हिस्सा और नौंवी से 12 तक आखिरी हिस्सा होगा।

एक्टिविटी आधारित शिक्षण

उनहोंने बताया कि पहले तीन साल बच्चे आंगनबाड़ी में प्री-स्कूलिंग शिक्षा लेंगे। फिर अगले दो साल कक्षा एक एवं दो में बच्चे स्कूल में पढ़ेंगे। इन पांच सालों की पढ़ाई के लिए एक नया पाठ्यक्रम तैयार होगा। मोटे तौर पर एक्टिविटी आधारित शिक्षण पर ध्यान रहेगा। इसमें तीन से आठ साल तक की आयु के बच्चे कवर होंगे। इस प्रकार पढ़ाई के पहले पांच साल का चरण पूरा होगा।

प्रीप्रेटरी स्टेज

इस चरण में कक्षा तीन से पांच तक की पढ़ाई होगी। इस दौरान प्रयोगों के जरिए बच्चों को विज्ञान, गणित, कला आदि की पढ़ाई कराई जाएगी। आठ से 11 साल तक की उम्र के बच्चों को इसमें कवर किया जाएगा।

मिडिल स्टेज

इसमें कक्षा 6-8 की कक्षाओं की पढ़ाई होगी तथा 11-14 साल की उम्र के बच्चों को कवर किया जाएगा। इन कक्षाओं में विषय आधारित पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा। कक्षा छह से ही कौशल विकास कोर्स भी शुरू हो जाएंगे।

सेकेंडरी स्टेज

कक्षा नौ से 12 की पढ़ाई दो चरणों में होगी जिसमें विषयों का गहन अध्ययन कराया जाएगा। विषयों को चुनने की आजादी भी होगी।

ध्यान देने योग्य बातें

(१) नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के तहत वर्ष 2030 तक सकल नामांकन अनुपात को 100% लाने का लक्ष्य रखा गया है।

(२) नई शिक्षा नीति के अन्तर्गत शिक्षा क्षेत्र पर सकल घरेलू उत्पाद के 6% हिस्से के सार्वजनिक व्यय का लक्ष्य रखा गया है।

(३) ‘मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय’ का नाम परिवर्तित कर ‘शिक्षा मंत्रालय’ कर दिया गया है।

(४) पाँचवीं कक्षा तक की शिक्षा में मातृभाषा/स्थानीय या क्षेत्रीय भाषा को शिक्षा के माध्यम के रूप में अपनाने पर बल दिया गया है। साथ ही मातृभाषा को कक्षा-8 और आगे की शिक्षा के लिये प्राथमिकता देने का सुझाव दिया गया है।

140 प्रशिक्षु शिक्षकों ने भाग लिया

कार्यशाला में  शिक्षकों को विस्तार में नई शिक्षा निति 2020 से अवगत कराया गया । इस कार्यशाला में आगरा शहर के 38 विद्यालयों के लगभग 140 (प्रशिक्षु) शिक्षकों ने एवं अप्सा से संबद्ध विद्यालयों के प्रबंधक तथा प्रधानाचार्यों  ने अपने-अपने विद्यालय का प्रतिनिधित्व किया। कार्यशाला मे शामिल होने वाले विद्यालयों में सेंट एन्ड्रूज पब्लिक स्कूल, एस० जी० पाब्लिक स्कूल, एस० एस० पब्लिक स्कूल, सिम्बोजिया पब्लिक स्कूल,कर्नल्स ब्राइटलैंड पब्लिक स्कूल, सरस्वती विद्या मंदिर, गायत्री पब्लिक स्कूल, सेंट पीटर्स कॉलेज, प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल आदि प्रमुख थे।

उल्लेखनीय उपस्थिति

एसोसिएशन ऑफ़ प्रोग्रेसिव स्कूल्स (अप्सा) से डॉ. सुशील गुप्ता (अध्यक्ष-अप्सा),  डॉ. गिरधर शर्मा (सचिव-अप्सा), प्रद्युम्न चतुर्वेदी (कोषाध्यक्ष-अप्सा), जी. एस. राणा (उपाध्यक्ष CBSE -अप्सा), फादर. एण्ड्रयू मैथ्यू कोरेया (उपाध्यक्ष ICSE-अप्सा), त्रिलोक सिंह राणा (संयुक्त सचिव-अप्सा), स्पर्श बंसल,  मनीष गुप्ता, सुमित उपध्याय, रूबीना खानम, डॉ. आर. एन. चौहान, श्रुति शर्मा,  डॉ. शुभि प्रसाद,  डॉ. वंदना घोष, रंजीता रानी,  रवि नारंग,  प्रदीप चाहर, कर्नल अपूर्व त्यागी आदि उपस्थित थे। माउंट लिट्रा जी स्कूल के निदेशक स्पर्श बंसल और प्राचार्या रंजीता रानी, पशासक अंकुर काबरा द्वारा माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। निदेशक स्पर्श बंसल ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यशाला आयोजित करने का उद्देश्य अप्सा द्वारा बताया।