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ब्रह्माकुमारीज के ज्ञान सरोवर माउंट आबू में राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन-4: नैतिक मुद्दे और समाधान विषय पर मंथन, पत्रकार निरीह, संपादक के स्तर पर भी गिरावट आई

NATIONAL लेख

डॉ. भानु प्रताप सिंह

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Gyan Sarovar, Mount Abu, Rajasthan, India. प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय (Prajapita Brahma Kumaris Ishwariya vishwa vidyalaya) के मीडिया विंग, राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन (Media wing, rajyoa Educaion and Research Foundation) ने वीर भूमि राजस्थान के माउंट आबू स्थित ज्ञान सरोवर (Gyan Sarovar, Mount Abu, Rajasthan) में राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन आयोजित किया। इसे नाम दिया गया- Media conference and meditation retreat. विषय था- राष्ट्रीय विकास के लिए मीडिया की जिम्मेदारी (Media Responsibility for National Development)। यह 5 से 9 मई, 2023 तक चला। कार्यक्रम स्थल ज्ञान सरोवर ने अपने नाम को सार्थक किया। पहाड़ों के बीच, हरीतिमा से आच्छादित, स्वास्थ्यवर्धक, प्रदूषणरहित, शांत वातावरण, खुशी की खुराक और ध्यान (Meditation) के साथ पत्रकारों ने पांच दिन तक ज्ञानवर्धन किया। भाग्यशाली पत्रकार पूरे पांच दिन रहे। यूं तो मीडिया सम्मेलन के कुछ समाचार प्रकाशित हो चुके हैं लेकिन यहां सत्रवार रिपोर्टिंग प्रस्तुत की जा रही है। दूसरे दिन 6-5-2023 को शाम चार बजे से  नैतिक मुद्देः समाधान (Ethical issues – solution) पर चर्चा हुई। आइए जानते हैं किसने क्या कहा-

ब्रह्माकुमारीज मीडिया विंग के राष्ट्रीय समन्वयक बीके सुशांत ने प्रस्तावना प्रस्तुत करते हुए कहा-

  1. मीडिया अगर नैतिकता को साथ न रखे तो व्यक्तिगत, व्यावसायिक, सामाजिक समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता है।
  2. मुख्य समस्या नैतिक मुद्दों के उल्लंघन के कारण ही है।
  3. नैतिक मुद्दों का अर्थ है पाठक को क्या पढ़ाएं और दर्शकों को क्या दिखाएं।
  4. नैतिक मुद्दों की बात आती है तो यह सोचना होगा कि जनता के लिए क्या हितकारी है और क्या अहितकारी।
  5. पत्रकार की अंतरआत्मा की आवाज और विवेक तय करेगा कि समाज के लिए क्या हितकारी है।
  6. ऐसी भाषा न हो जो शांति, अहिंसा, सौहार्द्र को खराब कर दे। इसे सुरक्षित रखने का दायित्व मीडिया का है।
  7. समाज को बेहतर दिशा देना, नागरिकों को सशक्त बने का काम भी मीडिया का है।
  8. नकारात्मक तथ्यों को भी सकारात्मकता के साथ प्रस्तुत करें। इसीलिए हम सॉल्यूशन बेस्ड मीडिया अभियान चला रहे हैं।
  9. कल्याणकारी भावना के साथ कंटेंट देना मुख्य नैतिक मुद्दा है। इसका समाधान भी हमारे अंदर ही है।

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विशिष्ट अतिथि ज्ञानामृत पत्रिका की संपादक बीके उर्मिला ने कहा-

  1. मीडिया वही मुद्दे ले जो देशहित में है।
  2. जापान के मीडिया में कोई नकारात्मक समाचार प्रकाशित नहीं होता है।
  3. शांति, अहिंसा, प्रेम से जुड़े स्थाई स्तंभ शुरू किए जाने चाहिए।
  4. सर्वजनहिताय के मूल्य लाने के लिए आत्मा का अध्येयन करना होगा।
  5. ज्ञान, पवित्रता, शांति, प्रेम, खुशी, आनंद, शक्ति ये आत्मा के गुण हैं। आध्यात्मिक चेतना के साथ काम करें तो ये मूल्य जीवन में आते हैं।
  6. समाचार पत्र सदाचार पत्र बनें। समाचार के अंत में ये लाइन जोड़ दें कि विवाद करने वाले इंसान हैं, सब परमात्मा के बच्चे हैं।

 

जन टीवी जयपुर के प्रबंधक डॉ. फिरोज खान ने कहा-

  1. मीडिया वालों पर तंज करते हुए शेर पढ़ा- एक शख्स की मेरे दिल में इज्जत बहुत है, भला तो वो भी नहीं मगर बुरा कम है।
  2. मीडिया की सर्वाधिक जिम्मेदारी है क्योंकि प्रभावशाली है। कोई भी सूचना मीडिया के माध्यम से करोड़ों लोगों तक पहुंच जाती है।
  3. मीडिया की मुख्य धारा का नैतिक पतन हुआ है।
  4. आम आदमी आत्मावलोकन करे कि वह कैसी स्थिति में आ गया है जिसे मीडिया दिखा रहा है।
  5. समाज में जो हो रहा है, उसे सही दिशा देने की जिम्मेदारी मुख्य धारा के मीडिया की है।

नोएडा इंटरेनशनल यूनिवर्सिटी, जे एंड एम सी, नोएडा में सहायक आचार्य और टीवी विशेषज्ञ आदर्श कुमार ने कहा-

  1. हल्दी घाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक को भी अपनी जिम्मेदारी का अहसास था और हम ता मानव हैं, हमें अपनी जिम्मेदारी का अहसास अधिक होना चाहिए।
  2. समय के साथ पत्रकारिता के मूल्य भूल गए हैं।
  3. मीडिया व्यवसाय है, इस सच के साथ पढ़ोगे तो तकलीफ कम होगी। कुछ अखबारों ने मूल्य बचाए हैं। रेडियो पर अच्छे समाचार आते हैं।
  4. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया खतरनाक है।
  5. अच्छा इंसान बनें और मीडिया के माध्यम से अच्छा इंसान बनाएं। हर जगह अच्छा कंटेंट है, इसे पढ़ें।

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दैनिक ट्रिब्यून, चंडीगढ़ के सहायक संपादक अरुण नैथानी ने कहा-

  1. पत्रकार समाज को सही दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है लेकिन निरीह स्थिति में है। संपादक के स्तर पर भी गिरावट आई है।
  2. आने वाला समय भयावह है। ए.आई. (कृत्रिम बुद्धि) से खतरनाक खबरें गढ़ी जा रही हैं।

दैनिक देशोन्नति (खामोगांव, महाराष्ट्र) के स्थानीय संपादक राजेश ओ. राजोरे ने कहा-

  1. मडिया को राजयोग की व्याधि ने घेर लिया है और सामाजिक हित के रास्ते से भटक गया है।
  2. आज अखबार बिक कर छप रहा है।
  3. कलम के पुजारी अगर सो गए तो वतन के पुजारी वतन बेच देंगे।
  4. नैतिक समस्या का समाधान पत्रकार ही कर सकते हैं। इसके लिए आचार संहिता लानी चाहिए।
  5. हम अपने अखबार में पेज-1 पर अपराध की खबरें नहीं छापते हैं।

अंतरराष्ट्रीय पहलवान संग्राम सिंह की पत्नी, सामाजिक कार्यकर्ता, टीवी एक्टर, संग्राम सिंह चैरिटेबल फाउंडेशन की निदेशक पायल रोहतगी ने कहा-

  1. पेड न्यूज और एजेंडा न्यूज हानिकारक है।
  2. हेट स्पीच को प्रमोट करना सामाजिक अपराध है।
  3. पारदर्शिता के लिए मीडिया हाउस में ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग होनी चाहिए।
  4. मेरी सलाह है कि आत्मा की आवाज सुनना सिखाएं।

ब्रह्माकुमारीज के ज्ञान सरोवर माउंट आबू आकर पता चला कि शांति का मंत्र तो बी.के. भाई-बहनों के पास है

सत्र की अध्यक्षता करते हुए ब्रह्माकुमारीज सेंटर जयपुर की निदेशक बीके सुषमा ने कहा-

  1. संसार में कोई भी चीज नैतिकता के बिना नहीं है। नैतिकता का नाम कहीं प्रिंसिपल्स, कहीं रूल तो कहीं अनुशासन है।
  2. हर चीज अपने नियम यानी नैतिकता में चल रही है। नैतिकता का मतलब जो शास्वत- निरंतर है।
  3. सुख-शांति के लिए जीवन में आध्यात्मिकता चाहिए।
  4. धर्म का अर्थ है प्रिंसपल ऑफ लाइफ। वैल्यू (मूल्य) के बिना जीवन नहीं है। समाचार में भी आचार, विचार, व्यवहार होता है।
  5. समाचार क्या है, जैसे श्रीकृष्ण ने अर्जुन को मोटीवेट किया।
  6. पत्रकारिता का उद्देश्य लोकहित, मित्रता का वातावरण बनाना है। हमें महाभारत के संजय की तरह साक्षी होकर देखना है और इसी से सही न्यूज आएगी।
  7. हर कर्म को श्रेष्ठ बनाना है और इसका बीज है विचार। शक्तिशाली विचार रखने हैं। किसी भी काम में भ्रमित नहीं होना है।
  8. कोई भी काम करें तो आह्वान करें- सर्वशक्तिवान शिव बाबा आओ मेरे साथ।

मीडिया विंग दिल्ली के जोनल समन्वयक बीके सुनीता ने ध्यान का अनुभव कराया। बीके महाराष्ट्र से आईं कु. देविका रानी ने नृत्य प्रस्तुत किया। सत्र का समन्वय मीडिया विंग अहमदाबाद के अतिरिक्त जोनल समन्वयक बीके संजय ने किया।

Dr. Bhanu Pratap Singh