उत्तरी इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर हुए कई रॉकेट हमले

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उत्तरी इराक में स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर रविवार को एक के बाद एक कई रॉकेट हमले हुए। रॉकेट ने यूएस आर्मी बेस और इरबिल में एक कुर्दिश न्यूज़ चैनल के ऑफिस को निशाना बनाया। गवर्नर ओमद खोशनावी ने पुष्टि करते हुए बताया कम से कम पांच ‘ईरानी बैलिस्टिक मिसाइलों’ ने रविवार को शहर पर हमला किया। उन्होंने कहा कि फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि मिसाइलों का टारगेट साइट पर मौजूद अमेरिकी वाणिज्य दूतावास था या शहर का हवाईअड्डा।
डेलीमेल की खबर के मुताबिक कुर्दिश स्वास्थ्य मंत्री समन बरज़ांजी ने कहा कि इरबिल ब्लास्ट के बाद लोग हताहत हुए हैं। बाद में अमेरिकी अधिकारियों ने पुष्टि की कि इस हमले में कोई भी सैनिक हताहत नहीं हुआ है। इस हमले के बारे में अधिक जानकारी तो सामने नहीं आई लेकिन सोशल मीडिया पर शेयर किए गए कुछ वीडियो में दावा किया गया कि ईरान की तरफ से इरबिल स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे पर बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गईं।
अमेरिकी बेस पर लगातार हो रहे हमले
इराकी शिया मुस्लिम मौलवी मुक्तदा अल-सदर ने ट्विटर पर कहा कि इरबिल में आग लगी हुई है… जैसे कुर्द इराकी हैं ही नहीं। इससे पहले इरबिल अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर स्थित अमेरिकी बेस पर सितंबर में, अमेरिका पर 9/11 हमलों की 20वीं बरसी पर भी रॉकेट दागे गए थे। पिछले कुछ सालों में इरबिल एयरपोर्ट पर कई बार हमले हो चुके हैं। ज्यादातर हमलों में विस्फोटकों से लैस ड्रोन का इस्तेमाल किया गया।
इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ रहे अमेरिकी सैनिक
अमेरिकी अधिकारी इन हमलों के लिए ईरान-गठबंधन शिया मुस्लिम मिलिशिया को जिम्मेदार ठहराते हैं, जिन्होंने बचे हुए 2500 अमेरिकी सैनिकों के देश छोड़ने तक लड़ने की कसम खाई है। अमेरिकी सेना एक अंतर्राष्ट्रीय सैन्य गठबंधन का नेतृत्व कर रही है। इसका उद्देश्य इराकी बलों को सुन्नी चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ने में मदद करना है।
-एजेंसियां

Dr. Bhanu Pratap Singh