IB की रिपोर्ट पर मुकेश अंबानी की सिक्योरिटी और बढ़ी, अब मिलेगी Z+ – Up18 News

IB की रिपोर्ट पर मुकेश अंबानी की सिक्योरिटी और बढ़ी, अब मिलेगी Z+

BUSINESS

 

केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने उद्योगपति मुकेश अंबानी की सिक्योरिटी बढ़ा दी है। MHA ने उन्हें Z+ कैटेगरी की सिक्योरिटी दी है। सिक्योरिटी पर खर्च का भुगतान मुकेश अंबानी करेंगे। इससे पहले उन्हें Z कैटेगरी की सिक्योरिटी मिली हुई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक IB की सिफारिश पर गृह मंत्रालय ने यह फैसला लिया है। IB के मुताबिक मुकेश अंबानी को खतरा है।

मुकेश अंबानी की सिक्योरिटी ऐसे समय में बढ़ाई गई है, जब पिछले साल उनके घर एंटीलिया के बाहर एक संदिग्ध कार मिली थी, जिसमें जिलेटिन की 20 छड़ें पाई गई थी। इसके अलावा उन्हें धमकी भरे कॉल भी मिलते रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक कई दिनों से अंबानी की सिक्योरिटी बढ़ाने को लेकर केंद्र सरकार विचार कर रही थी।

58 कमांडो करेंगे अंबानी की सिक्योरिटी

CRPF के करीब 58 कमांडो मुकेश अंबानी और उनके परिवार की सिक्योरिटी में 24 घंटे तैनात रहेंगे। ये जवान जर्मन में बनी हेकलर एंड कोच MP5 सब-मशीन गन समेत कई आधुनिक हथियारों से लैस रहते हैं। इस गन से एक मिनट में 800 राउंड गोलियां दागी जा सकती हैं। बता दें कि Z+ सिक्योरिटी भारत में VVIP की सबसे हाई लेवल की सुरक्षा के लिए 6 सेंट्रल सिक्योरिटी लेवल है। पहले से ही उनकी सिक्योरिटी में राउंड द क्लॉक ट्रेंड 6 ड्राइवर होते हैं।

29 जून को अंबानी की सिक्योरिटी हटाने के खिलाफ दाखिल हुई थी याचिका

बिजनेसमैन मुकेश अंबानी की Z+ सिक्योरिटी के मामले में विकास साहा नाम के शख्स ने त्रिपुरा हाईकोर्ट में 29 जून को एक याचिका दायर की थी। इस पर हाई कोर्ट ने केंद्र से जवाब तलब करते हुए उस खतरे के आकलन की डिटेल मांगी थी, जिसके आधार पर अंबानी और उनके परिवार को सिक्योरिटी दी गई है। इससे नाराज केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

कोर्ट में केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया कि किसी परिवार को दी गई सिक्योरिटी जनहित का मुद्दा नहीं है और अंबानी की सिक्योरिटी का त्रिपुरा से कोई लेना-देना भी नहीं है। जिसके बाद केंद्र सरकार को त्रिपुरा हाई कोर्ट से जारी निर्देश पर सुप्रीम कोर्ट ने 22 जुलाई को स्टे लगा दिया था।

2020 में सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की थी अंबानी की सिक्योरिटी से जुड़ी याचिका

ये पहली बार नहीं है जब मुकेश अंबानी की Z+ सिक्योरिटी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हुई है। इससे पहले नवंबर 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने मुकेश अंबानी और उनके परिवार को मिली Z+ सिक्योरिटी वापस लेने की मांग वाली एक याचिका खारिज कर दी थी।

कैसी होती है अंबानी की सिक्योरिटी

अंबानी की सिक्योरिटी में शामिल हर जवान मार्शल आर्ट और निहत्थे युद्ध कौशल में माहिर होता है। अंबानी की सिक्योरिटी में तैनात CRPF कमांडो फोर्स में हथियारबंद गार्ड्स, साथ में चलने वाले गार्ड्स, ड्राइवर, पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (PSO), तलाशी लेने वाली टीम शामिल है।

ये कमांडो दो शिफ्ट में काम करते हैं और ये CRPF के एक इंस्पेक्टर लेवल अधिकारी के सुपरविजन में काम करते हैं। CRPF के जवान अंबानी के घर के आसपास संदिग्ध गतिविधियों या व्यक्तियों पर नजर बनाए रखते हैं।

उनके घर के आसपास का पूरा इलाका हाई-रेजोलूशन CCTV कैमरे से कवर होता है। हथियारबंद सुरक्षाकर्मी गेट पर, बिल्डिंग के अंदर और घर के बाहर खड़ी गाड़ियों में तैनात रहते हैं। इसके अलावा किसी VIP के घर आने-जाने वाले लोगों के लिए 6 फ्रीस्किंग और स्क्रीनिंग करने वाले तैनात रहते हैं।

Z कैटिगरी सिक्योरिटी पाने वाले देश के पहले बिजनेसमैन हैं मुकेश अंबानी

मुकेश अंबानी और उनके परिवार को 2013 में Z कैटिगरी की सिक्योरिटी दी गई थी। इसे बाद में Z+ कर दिया गया था। अंबानी को ये सिक्योरिटी खुफिया एजेंसियों के तरफ से उन पर आतंकी हमले के खतरे की आशंका जताने के बाद दी गई थी। अंबानी को आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन से धमकी मिलने के बाद UPA सरकार ने 2013 में Z सिक्योरिटी देने का फैसला किया था।

–एजेंसी

Dr. Bhanu Pratap Singh