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भावी उद्यमी तैयार कर रहा एम.एस.एम.ई. और रोजगार भारती, प्रशिक्षण शुरू

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Agra, Uttar Pradesh, India. भारत सरकार सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय एमएसएमई विकास एवं सुविधा कार्यालय आगरा और रोजगार भारती भावी उद्यमी तैयार कर रहे हैं। इस निमित्त शिक्षित युवाओं के लिए 6 साप्ताहिक कंप्यूटराइज्ड अकाउंटिंग एवं कार्यालय सहायता विषय पर उद्यमिता एवं कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम किया जा रहा है। संजय पैलेस आगरा प्रशिक्षण में आरंभ किया गया है।

 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सतीश चंद्र अग्रवाल, मंत्री केशव धाम वृंदावन, मुख्य वक्ता भवेंद्र शर्मा सेवानिवृत्त बैंक प्रबंधक केनरा बैंक आगरा एवं अध्यक्ष किशोर खन्ना प्रबंध निदेशक रोमसंस ग्रुप आगरा रहे। सीए श्री प्रमोद चौहान महामंत्री रोजगार भारती ब्रज प्रांत ने उद्यमिता एवं रोजगार क्षेत्र में युवाओं को सहयोग प्रदान करने में रोजगार भारती के प्रयासों के बारे में अवगत कराय।

 

मुख्य वक्ता भवेंद्र शर्मा ने भारत के व्यापारिक इतिहास एवं वर्तमान सामर्थ्य के बारे में प्रशिक्षणार्थियों एवं भावी उद्यमियों को जानकारी प्रदान कर उत्साहवर्धन किया। मुख्य अतिथि सतीश चंद्र अग्रवाल ने भगवान विश्वकर्मा जो कि शिल्प के अभियंता हैं, का वर्णन करते हुए सभी शिक्षार्थियों को कौशल में पारंगत प्राप्त करते हुए भारत माता का गौरव बढ़ाने की ओर जोर दिया।

students
प्रशिक्षणार्थी

एम.एस.एम.ई. के सहायक निदेशक ग्रेड-1 डॉ मुकेश शर्मा (आईईएस) ने कौशल एवं उद्यमिता क्षेत्र में एम.एस.एम.ई. मंत्रालय द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में अवगत कराया। उन्होँने कहा कि शिक्षार्थी इस प्रकार के कार्यक्रमों से प्रशिक्षण पाने के उपरांत भविष्य के सफल उद्यमी बन सकते हैं

 

कार्यक्रम अध्यक्ष किशोर कुमार खन्ना प्रबंध निदेशक रोमसंस ग्रुप ने बताया कि किस प्रकार एक छोटा उद्यमी अपने शुरुआत के समय में कम पूंजी लगाकर व्यापार या उद्योग प्रारंभ करता है। धीरे-धीरे अपनी मेहनत और कुशलता से उसे बड़ा रूप देता है।

 

कार्यक्रम का संचालन श्री नितिन बहल विभाग संयोजक रोजगार भारती आगरा ने किया। इस कार्यक्रम में 30 शिक्षार्थियों को 6 सप्ताह का प्रशिक्षण दिया जाना है| कार्यक्रम में श्री रमाशंकर सिंह, राहुल सक्सेना, सोमेश गौतम, शैलेन्द्र शर्मा, राजवीर सिंह, गौरव, विवेक मिश्र, अभिषेक, यतेंद्र द्विवेदी, अजय मिश्रा, जितेंद्र सिकरवार, कमल जैन आदि का सहयोग रहा ।

 

Dr. Bhanu Pratap Singh