dheerendra krishna shashtri

बागेश्वर धाम में चमत्कार पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री या हनुमान जी का

RELIGION/ CULTURE लेख

मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के एक गांव में बागेश्वर धाम है, जो आजकल मीडिया के कारण काफी सुर्खियों में हो गया है। जिस बागेश्वर धाम की आजकल चर्चाएं पूरे देश में हो रही है, उस गांव में 70 वर्ष पुराना हनुमानजी का एक सिद्ध मंदिर है। वर्तमान में उस मंदिर के प्रमुख पं. धीरेन्द्र शास्त्री (धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री) हैं, जो कि बारहवीं पास हैं। अब पूरे देश में अपने चमत्कारों के लिए आजकल एक चर्चा का विषय बन चुके हैं। पहले वह सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपने चमत्कारी दरबारों को लगाने के लिए चर्चित थे।

 

जोशीमठ में आदि शंकराचार्य ज्योतिर्मठ के वर्तमान पीठाधीश्वर सर्वोच्च धर्मगुरु स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कथावाचक पं धीरेन्द्र शास्त्री के चमत्कारों का समर्थन नहीं किया है। ज्यादातर हिन्दू भारत को एक हिन्दू राष्ट्र बनाने के समर्थन में उनके कसीदे भी पढ़ रहे हैं। कुछ चुनिन्दा हिन्दू समुदाय हनुमानजी के प्रति अटूट आस्था एवं श्रद्धा के कारण वो खुलकर अपने विचारों को व्यक्त नहीं कर पा रहे हैं। वैसे आप सभी को जानकारी होगी कि जिस चमत्कार की बात बागेश्वर धाम के प्रमुख कथावाचक पं. धीरेंद्र शास्त्री कर रहे हैं, इस तरह की अतृप्त भटकती हुई नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करने का पुराना दरबार आपको राजस्थान के मेहंदीपुर बालाजी के दरबार में भी देखने को मिलेगा। वहां हनुमान जी की बाल-रूप की सिद्ध बालाजी की प्रतिमा के समक्ष सुबह-शाम की आरती के दौरान नकारात्मक ऊर्जाओं से ग्रसित कुछ पुरुष एवं महिलाएं स्वतः ही बालाजी की दिव्य शक्ति के समक्ष झूमने लगते हैं।  कुछ आत्माएं तो खुलकर बोलने लगती हैं, और कुछ जमीन में सिर पटकने लगती हैं। कुछ नकारात्मक ऊर्जाएं राजस्थान के मेहंदीपुर बालाजी मंदिर की सीमा आरम्भ होने से पहले ही उस पीड़ित व्यक्ति के शरीर से कुछ समय के लिए बाहर निकल जाती हैं तामसिक एवम क्रूर नकारात्मक ऊर्जाएं ही बालाजी के सिद्ध स्थल तक पहुंचने का साहस जुटा पाती हैं। कुछ नकारात्मक ऊर्जाएं बालाजी की दिव्य शक्ति के बंधन में बंधकर वहीं रह जाती हैं और व्यक्ति स्वस्थ महसूस करने लगता है। यही बालाजी के सिद्धस्थल की वास्तविकता है।

 

इसी प्रकार की स्थिति मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के बागेश्वर धाम में हनुमानजी के मंदिर की प्रतिमा के समक्ष है। ज्यादातर हिन्दू समुदाय पं. धीरेन्द्र शास्त्री के चमत्कार से जोड़ कर देख रहे हैं, जबकि वास्तविकता उस मंदिर में स्थित सिद्ध हनुमान की प्रतिमा के चमत्कार का है, जो कि राजस्थान के मेहंदीपुर बालाजी के तरह ही एक सिद्ध प्रतिमा है।

 

हम उपरोक्त तथ्यों को वैदिक हिन्दू ज्योतिष के नजरिए से देखें तो जितनी भी नकारात्मक ऊर्जाएं, किसी भी व्यक्ति को असामान्य रूप से पीड़ित करती हैं, उनमें से ज्यादातर किसी भी व्यक्ति की जन्मकुंडली में मौजूद पितृ दोष के प्रकोप के कारण आती हैं, वैदिक हिन्दू ज्योतिष में पितृ दोष का प्रकोप लगभग 70 फीसदी व्यक्तियों की जन्मकुंडलियों में सामान्यतः देखा गया है। जब किसी परिवार में किसी भी कारणवश अकाल मृत्यु हो जाती है, तब वह आत्मा पूर्ण रूप से मुक्त अवस्था प्राप्त नहीं कर पाती है, और वो परिवार के अंदर ही किसी व्यक्ति का माध्यम बनकर उस परिवार के सदस्यों से अपनी पूर्ण मुक्त अवस्था की प्राप्ति के लिए परिवार का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए उस परिवार को असामान्य रूप से परेशानी करती रहती है।  इस तरह के ग्रह-योग असामान्य समस्या से ग्रसित व्यक्ति की जन्मकुंडली में मौजूद होते हैं अर्थात ऐसी असामान्य समस्याओं से ग्रसित व्यक्तियों की जन्मकुंडली को गहराई से समझने की जरूरत होती है, क्योंकि जन्मकुंडली में पितृ दोष के प्रकोप में महत्वपूर्ण भूमिका चाण्डाल छाया ग्रह राहु की होती है अर्थात जब हमारी जन्मकुंडली में छाया ग्रह राहु हमारे मान्यता प्राप्त 7 ग्रहों से जब भी किसी एक ग्रह के साथ भी एक-साथ युति बनाता है, तब ऐसा व्यक्ति असामान्य रूप से नकारात्मक ऊर्जाओं से ग्रसित हो जाता है, जिसका सम्बन्ध ज्यादातर पितृ दोष के प्रकोप से ही होता है, और कुछ नकारात्मक ऊर्जाएं व्यक्ति के अंदर काले जादू के कारण भी प्रवेश करके व्यक्ति के शरीर पर अपना आधिपत्य स्थापित कर लेती हैं।

 

नकारात्मक ऊर्जाओं से पूर्ण मुक्ति का स्थायी समाधान केवल बिहार स्थित गया धाम में अपने परिवार के ज्ञात और अज्ञात सात पीढ़ियों तक के अतृप्त पूर्वजों के पिंडदान के बाद ही पूर्ण रूप से प्राप्त होता है। बालाजी के दरबार में नकारात्मक ऊर्जाएं अल्प समय के लिए दिव्य बालाजी की शक्ति के बंधन में बंध जाती हैं। पूर्ण रूप से असामान्य समस्याओं का स्थायी समाधान कभी-कभी बालाजी के दरबार में पूर्ण रूप से नहीं हो पाता है, विशेकर पितृ दोष के प्रकोप वाली नकारात्मक ऊर्जाओं का।

एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम

चेयरमैन वैदिक सूत्रम, आगरा

Dr. Bhanu Pratap Singh