‘कुछ भारतीयों को नौकरी के नाम पर रूस ले जाने और फिर वहां की सेना में काम कराने’ के मामले में सामने आ रही मीडिया रिपोर्ट्स पर विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया दी है.
विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है- “हमने रूसी सेना से रिहाई के लिए मदद मांगने वाले भारतीयों के संबंध में मीडिया में कुछ ग़लत रिपोर्टें देखी हैं. ”
“मॉस्को में भारतीय दूतावास के संज्ञान में लाए गए ऐसे हर मामले को रूसी अधिकारियों के साथ हमने दृढ़ता से उठाया गया है और मंत्रालय के ध्यान में लाए गए मामलों को नई दिल्ली में रूसी दूतावास के साथ उठाया गया है. इसके नतीजे में कई भारतीयों को छोड़ा जा चुका है.”
“हम रूसी सेना से भारतीय नागरिकों की जल्द रिहाई के लिए रूसी अधिकारियों के साथ काम कर रहे हैं और ये हमारी प्राथमिकता भी है और प्रतिबद्धता भी हैं.”
बीते सप्ताह ख़बर आई कि कुछ भारतीय युवाओं को रूस में नौकरी के नाम पर ले जाया गया और फिर उनसे वहां सेना में जबरन काम कराया जा रहा है.
उनका दावा है कि एजेंटों ने उन्हें नौकरी के नाम पर बुलाया और फिर उनकी भर्ती रूसी सेना में करा दी. हाल के दिनों में कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र, जम्मू और कश्मीर और तेलंगाना से 16 लोग रूस गए हैं.
रूस में फंसे लोगों के अनुसार एजेंटों ने उनसे कहा था कि उन्हें रूस में हेल्पर और सिक्योरिटी से जुड़ी नौकरियां दी जाएगी, सेना में नहीं. हालांकि रूस जाने के बाद उन्हें सेना में काम करवाया जा रहा है. इस नेटवर्क में दो एजेंट रूस में थे और दो भारत में थे.
-एजेंसी
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