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मीडिया कॉनक्लेव-2021 में अनेक विषयों पर मंथन, धांसू पत्रकारों को मिले अवॉर्ड, देखें सूची और तस्वीरें

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Agra, Uttar Pradesh, India. कॉरपोरेट काउंसिल फॉर लीडरशिप एंड अवेयरनेस (सीसीएलए) द्वारा आगरा के एक होटल में मीडिया कॉन्क्लेव 2021 का आयोजन किया गया। कॉन्क्लेव के मुख्य अतिथि सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल रहे। कॉनक्लेव का उद्घाटन सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल के साथ नेशनल टीवी एंकर अमिताभ अग्निहोत्री और गरिमा सिंह, एफमेक अध्यक्ष पूरन डावर, आयोजन अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता, सीसीएलए आगरा के अध्यक्ष डॉ. सुरेंद्र सिंह भगौर,  महासचिव अजय शर्मा, ब्रजेश शर्मा, विवेक जैन एवं सचिन अवस्थी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। विवेक जैन ने मीडिया कॉनक्लेव के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।

बाएं से सुरेन्द्र सिंह, डॉ. सुशील गु्ता, डॉ. बच्चन सिंह सिकरवार, अमिताभ अग्निहोत्री, गरिमा सिंह, डॉ. गिरिजा शंकर शर्मा, विनोद भारद्वाज।

अमिताभ अग्निहोत्री और गरिमा सिंह छाये

कॉन्क्लेव में चार सत्र आयोजित हुए जिसमें पत्रकार, साहित्यकार और बुद्धिजीवियों ने विचार रखे। सभी वरिष्ठ पत्रकार, संपादक और टीवी एंकर अमिताभ अग्निहोत्री ने कीनोट दिया। दिल्ली से आईं टीवी न्यूज एंकर गरिमा सिंह ने संचालन किया। मीडिया जगत की वर्तमान दशा और दिशा विषय पर डॉ. गिरिजाशंकर शर्मा, विनोद भारद्वाज, ड़ॉ. सुरेन्द्र सिंह ने विचार रखे। मीडिया जगत के वर्तमान परिदृश्य में चुनौती और अवसर विषय पर डॉ. सुशील गुप्ता, विवेक जैन सचिव अवस्थी, राजीव दाधिच ने भाग लिया।  उपेक्षित बौद्धिक श्रमिक विषय पर राजीव सक्सेना, पवन आगरी, अम्बरीश गौड, अनिल शर्मा ने विचार रखे।  मीडिया बनाम सोशल मीडिया विषय पर भी मंथन हुआ। इस मौके पर मीडिया जगत में अपनी उत्कृष्ट कार्यशैली से मिसाल पेश करने वाली शख्सियतों को नोबेल मीडिया अवार्ड भी प्रदान किये गए। लंच के बाद मीडिया बनाम सोशल मीडिया विषय पर संवाद हुआ, जिसमें साहित्यकार सर्वज्ञ शेखर गुप्त, विवेक पाठक, शंकर देव तिवारी, डॉ. रजनीश त्यागी, डॉ. सुरेन्द्र सिंह भगौर, पूजा ने भाग लिया। यह सत्र लंच और पुरस्कार वितरण के बाद हुआ, इस कारण अधिकांश पत्रकार चले गए।

अरविन्द शर्मा गुड्डू का सम्मान। साथ में डॉ.सुरेन्द्र सिंह भगौर, डॉ. सुशील गुप्ता, प्रो. एसपी सिंह बघेल, अमिताभ अग्निहोत्री, गरिमा सिंह।

(1) लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड 2021

मरणोपरांत स्वतंत्रता सेनानी और पत्रकार स्व. श्रीकृष्णदत्त पालीवाल को प्रदान किया गया। यह अवार्ड उनके परिजन देवेन्द्र दत्त पालीवाल ने ग्रहण किया।

देवेन्द्र दत्त पालीवाल का सम्मान।

(2) नोबेल मीडिया आउटस्टैंडिंग कंट्रीब्यूशन अवार्ड

विनोद भारद्वाज, राजीव सक्सेना, सिराज कुरैशी और डॉ. महेश धाकड़

महेश धाकड़ का सम्मान।

(3) नोबेल मीडिया लीडरशिप अवार्ड

मनोज मिश्रा हिन्दुस्तान, संजीव जैन दैनिक जागरण, चंद्रमोहन शर्मा अमर उजाला

राजीव सक्सेना का सम्मान

(5) नोबेल मीडिया टीवी जर्नलिस्ट अवार्ड

अरविन्द शर्मा गुड्डू (आज तक), विनीत दुबे

डॉ. सिराज कुरैशी का सम्मान

(6) नोबेल मीडिया जर्नलिस्ट अवार्ड

विशाल शर्मा हिन्दुस्तान, अमित कुलश्रेष्ठ अमर उजाला, अखिल दीक्षित आई नेक्स्ट,  निर्लोश कुमार, मीतेन रघुवंशी नए समीकरण, अधर शर्मा जनसंदेश टाइम्स,

विनीत दुबे का सम्मान

(7) नोबेल मीडिया फोटो जर्नलिस्ट अवार्ड

रणविजय सिंह हिन्दुस्तान। साथ ही असलम सलीमी को सम्मानित किया गया।

अधर शर्मा का सम्मान।

(8) नोबेल मीडिया वेब जर्नलिस्ट अवार्ड

श्यामवीर सिंह (भास्कर)

मीतेन रघुवंशी का सम्मान

पत्रकार नारद मुनि के वंशज है। पत्रकारों के लिए भी वृद्धा अवस्था में पेंशन की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि पत्रकार का जीवन सुरक्षित हो सके।

प्रो. एसपी सिंह बघेल, सांसद, आगरा

जो पत्रकारिता का लक्ष्य लेकर आ रहे है उन्हें मेरा प्रणाम। हमको ऐसा लगता कि 10 चैनल ही देश चला रहे है। जिन पर हम उंगलिया उठाते हैं उनमें बदलाव जरूर आएगा। जिन लोगों को पत्रकारिता सूट नहीं करती वो पत्रकारिता छोड़ दें।

अखिल दीक्षित का सम्मान

अमिताभ अग्निहोत्री, नेशनल टीवी एंकर

आज कल दैनिक समाचार पत्र फॉलोअप से मुँह मोड़ रहे है। मेरा ऐसा मानना है कि भविष्य में आने वाले पत्रकारों के लिए यूपीएससी की तर्ज पर एक परीक्षा जरूर होनी चाहिए।

असलम सलीमी का सम्मान।

गरिमा सिंह, नेशनल टीवी एंकर

पत्रकार को आलोचना के साथ अगर कही अच्छे कार्य हो रहे है तो उनकी भी तारीफ करनी चाहिए।  पत्रकारिता एक जुनून है ये जन्म से ही खून में होती है। 

श्यामवीर सिंह का सम्मान।

पूरन डावर, अध्यक्ष एफमेक

पत्रकारिता एक ग्लैमर है जो जिसको लग जाये आजीवन नहीं छूटता है। पत्रकारों के जीवन जीने के लिए सरकार को एक योजना शुरू करनी चाहिए। 

अशोक अग्निहोत्री ताऊ का सम्मान

डॉ. सुशील गुप्ता, निदेशक प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल

आजकल पत्रकार संस्थानों में पत्रकारों को बेहद कम मेहनताना मिलता है जिस से उन्हें जीवन जीने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। मौजूदा सरकार को पत्रकारों के परिवार को मरणोपरांत को करीब एक करोड़ रुपये की बीमा की सहायता दी जानी चाहिए।

डॉ. सुरेंद्र सिंह भगौर, अध्यक्ष, सीसीएलए

सत्ता का दबाब पत्रकार पर रहता है पर अगर पांच सौ खबरें टीवी पर चलती है तो मेरा ऐसा मानना है कि दस खबरों पर ही सत्ता का दबाव होता है।

अजय शर्मा, महासचिव, सीसीएलए