अजन्मे का 5248 वां जन्मोत्सव मनाने को सजधज कर तैयार हुआ मथुरा

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Mathura (Uttar Pradesh, India) मथुरा। श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र के दिन रात्री के १२ बजे हुआ था। समूचे ब्रज सहित देश और विदेश में कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 12 अगस्त को मनाया जाएगा। भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण का 5248 वाँ जन्मोत्सव जन्माष्टमी के रूप में मनाया जायेगा। श्री कृष्ण जन्मस्थान पर जन्माष्टमी 12 अगस्त को मनाई जाएगी। इधर, ठा. द्वारिकाधीश मंदिर, वृन्दावन के ठा. बांकेबिहारी मंदिर में भी कृष्ण जन्माष्टमी पर्व तो मनाया जाएगा पर वहां मंदिर के फर्श के धंस जाने और उसके निमार्ण कार्य के चलते व कोविड-19 के नियमानुसार मंदिर में सेवायतों को छोड़कर स्थानीय एवं बाहरी श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

मुस्लिम समाज के लोग श्रीकृष्ण और राधा की सुंदर और आकर्षक पोशाकें तैयार करने में लगे हैं
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर हिंदू ही नहीं बल्कि ब्रज का मुस्लिम समाज भी पूरी लगन और श्रद्धा के साथ तैयारियों में जुटा है। ब्रज के मुस्लिम भगवान श्रीकृष्ण और राधा की सुंदर और आकर्षक पोशाकें तैयार करने में लगे हैं। ब्रज के लाला के जन्मोत्सव की तैयारियों में जुटे मुस्लिम समाज के लोग सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश दे रहे हैं। लेकिन इस साल कोरोना महामारी ने पोशाक कारोबार पर भी असर डाला है। मंदिर बंद होने से बाजार में खरीदार कम मिल रहे हैं।

इस बार लोग घरों में रह कर ही जन्माष्टमी मनाएंगे
इस बीच सबसे महत्वपूर्ण यह है कि कोरोना के चलते समूचे ब्रज में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की कोई परंपरा टूटेगी नहीं, समस्त आयोजन उसी विधि-विधान और उत्साह के साथ संपन्न होंगे जैसे के हजारों साल से होते आ रहे हैं। घर-घर में कान्हा के अवतरण की खुशियां मनाई जायेंगी। इस बार लोग घरों में रह कर भी जन्माष्टमी मनाएंगे। अपनों के साथ अपने घर में कान्हा के जन्म की खुशियां मनाने का मौका कोरोना ने ब्रजवासियों को दिया है।

भगवान श्रीकृष्ण का 5248 वां जन्ममहोत्सव दिव्यता के साथ मनाया जायेगा
श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने जन्मस्थान पर पत्रकारों को बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का 5248 वां जन्ममहोत्सव दिव्यता के साथ मनाया जायेगा। केशवदेवजी, श्रीगर्भगृह, श्रीयोगमाया, भागवत भवन मंदिर को आकर्षक रूप से सजाया जा रहा है। पत्र, पुष्प, रत्न प्रतिकृति, वस्त्र आदि के संयोजन से बनाए गए गए पुर्णेंदु कुंज बंगले में विराजमान हो ठाकुरजी बड़े ही मनोहारी स्वरूप में दर्शन देंगे। ठाकुरजी रेशम, जरी व रत्न प्रतिकृति के सुंदर संयोजन से बनी पुष्प वृत पोशाक धारण करेंगे।

10 अगस्त दोपहर 12 बजे से 13 अगस्त शाम चार बजे तक श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद रहेगा

12 अगस्त को सुबह मंगला दर्शन से पूर्व भगवान इसी पोशाक को धारण कर दर्शन देंगे। 11 अगस्त की शाम छह बजे श्रीकेशवदेव मंदिर से संत, आयोजन समिति के सदस्य ढोल, नगाड़े, झांझ, मंजीरे, के बीच भगवान श्रीराधाकृष्ण को पोशाक अर्पित करने के लिए संकीर्तन करते हुए जाएंगे। रेशम, रत्न प्रतिकृतियों से बने मुकुट को ठाकुरजी धारण करेंगे। संस्थान के सदस्य गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी ने बताया कि 12 अगस्त को सुबह शहनाई, नगाड़ों के वादन के साथ भगवान की मंगला आरती के दर्शन होंगे। इस वर्ष कोरोना महामारी के ध्यान में रख कर 10 अगस्त दोपहर 12 बजे से 13 अगस्त शाम चार बजे तक श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद रहेगा।

Dr. Bhanu Pratap Singh