डॉक्टर भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में महाराणा प्रताप जयंती मनाई

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Agra, Uttar Pradesh, India. डॉक्टर भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के खंदारी परिसर स्थित दाऊदयाल व्यावसायिक शिक्षण संस्थान में महाराणा प्रताप के जन्मदिवस के अवसर पर राष्ट्र नायक के रूप में महाराणा प्रताप का योगदान विषय पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ।

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में पर्यटन एवं होटल प्रबंधन संस्थान के प्रोफेसर यू एन शुक्ला ने पंडित श्याम नारायण पांडे द्वारा रचित हल्दीघाटी नामक महाकाव्य की पंक्तियों को प्रस्तुत कर विद्यार्थियों में जोश भर दिया। प्रोफेसर शुक्ला ने बताया कि महाराणा प्रताप केवल भारतीय राष्ट्र के नायक नहीं है बल्कि वियतनाम जैसे देश भी उन्हें महानायक के रूप में मानते हैं।

Maharana pratap jayanti
Maharana pratap jayanti मनाते आगरा विश्वविद्यालय के शिक्षक

उन्होंने बताया कि विश्व में गुरिल्ला युद्ध की शुरुआत महाराणा प्रताप से ही हुई थी जिसे कालांतर में छत्रपति शिवाजी महाराज ने मुगलों के खिलाफ उपयोग में लिया। प्रोफेसर शुक्ला ने यूक्रेन और रशिया युद्ध की परिस्थितियों को भारत की तत्कालीन परिस्थितियों मुगल बनाम राजपूताना से जोड़कर तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में इंजीनियरिंग संस्थान के निदेशक प्रोफेसर वी के सारस्वत ने वर्तमान में महाराणा प्रताप के सिद्धांतों को सार्थक करते हुए छात्र छात्राओं को आगे बढ़कर देश में व्याप्त विभिन्न अराजक तत्वों के खिलाफ खड़े होने के लिए आव्हान किया।

students of agra university
students of agra university

कार्यक्रम का संचालन करते हुए संस्थान के प्रोफेसर संतोष बिहारी शर्मा ने महाराणा प्रताप की जीवनी पर प्रकाश डाला। उनके बचपन में आई कठिनाइयों तथा उनके साहस और वीरता का वर्णन किया । इस अवसर पर संस्थान के दो छात्रों यथा सक्षम कुमार चौहान एवं अंजलि गुप्ता ने भी अपना वक्तव्य महाराणा प्रताप की जीवनी पर प्रस्तुत किया। संस्थान के निदेशक प्रोफेसर शरद चंद्र उपाध्याय ने विद्यार्थियों को महाराणा प्रताप के पदचिन्हों पर चलकर देश की जिम्मेदारियों को लेने का आव्हान किया। सभी आगुन्तको को धन्यवाद ज्ञापित किया।

कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु संस्थान के शिक्षक डॉक्टर के के पचौरी, डॉक्टर प्रवीण यादव, विशाल भसीन, सारिका सिंह ,सुनील कुमार नवीन गुप्ता आदि का योगदान रहा। सभागार में छात्र छात्राओं की गरिमापूर्ण उपस्थिति बनी रही। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया।

Dr. Bhanu Pratap Singh