नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से राइट टू एजुकेशन के तहत मदरसा शिक्षा को भी ले आया गया है। केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि आरटीई के तहत पहली से आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई मुफ्त कर दी गई है। अब इसे मदरसा शिक्षा में भी लागू किया गया है। इस कारण वर्ग 8 तक की कक्षाओं में पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी। प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप केवल नौवीं और 10वीं के स्टूडेंट्स को मिलेगी।
यूपी में लागू हुआ सरकारी स्कूलों वाला सिस्टम
प्रदेश सरकार की ओर से चलने वाले स्कूलों में स्कॉलरशिप अभी नहीं मिलती है। पहले परिषदीय स्कूलों में वर्ग 8 तक की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को भी स्कॉलरशिप का लाभ मिलता था। पिछले वर्षों में आरटीई लागू होने के बाद इसे बंद कर दिया गया। अब इसी सिस्टम को मदरसों में भी लागू किया गया है। कक्षा एक से आठवीं तक के छात्रों को बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों की तरह ही दोपहर का भोजन, यूनिफॉर्म, किताबें और अन्य सुविधाएं मिलेंगी।
केंद्र सरकार की ओर से मदरसा संस्थानों में कक्षा पहली से आठवीं तके विद्यार्थियों की स्कॉलरशिप को बंद करने का निर्णय लिया गया है।
यूपी सरकार की ओर से जारी आदेश के तहत शैक्षणिक सत्र 2022-23 से छात्रवृत्ति मिलनी शुरू हो जाएगी। अब तक यूपी के मदरसों में पढ़ाई करने वाले कक्षा पहली से पांचवीं तक के विद्यार्थियों को 1000 रुपये बतौर स्कॉलरशिप दी जाती है। छठी से आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स के लिए छात्रवृत्ति कर राशि अलग-अलग है।
सरकार के आदेश का प्रभाव करीब 6 लाख विद्यार्थियों पर पड़ेगा। दरअसल, केंद्र सरकार की ओर से कक्षा पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों को मुफ्त शिक्षा देने का प्रावधान किया गया है। इस निर्णय के तहत स्कूलों में स्कॉलरशिप की व्यवस्था को बदल दिया गया है।
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