नई दिल्ली। DeepFake का खतरा लगातार बढ़ रहा है। भारत में अक्षय कुमार, रश्मिका मंदाना, शाहरुख और सचिन तेंदुलकर जैसी बड़ी हस्तियां भेई डीपफेक का शिकार हो चुकी हैं। चुनावों में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन इस खतरे से निपटने की तैयारी Google ने कर ली है।
Google ने शुक्रवार को शक्ति नामक समाचार प्रकाशकों और तथ्य जांचकर्ताओं के एक संघ के लिए अपने समर्थन की घोषणा की, ताकि डीपफेक जैसी ऑनलाइन गलत सूचनाओं का शीघ्र पता लगाने में मदद मिल सके और एक सामान्य भंडार बनाया जा सके जिसका उपयोग समाचार प्रकाशक गलत सूचनाओं से निपटने के लिए कर सकें।
गूगल इंडिया ने कहा, “जैसा कि भारत अपने आम चुनावों की तैयारी कर रहा है, हम लोगों को विश्वसनीय जानकारी तक पहुंचने में मदद करने में समाचार प्रकाशकों, पत्रकारों और तथ्य-जांचकर्ताओं की आवश्यक भूमिका को पहचानते हैं।”
Google ने डीपफेक चेकर एडवांस टूल Shakti से फेक कंटेंट, वीडियो और फोटो का पता लगा सकता है। गूगल के प्लेटफॉर्म पर चुनावों से जुड़े सभी विज्ञापन पब्लिक किए जाएंगे। हर विज्ञापनों के साथ टैग नजर आएगा, जिससे पता चलेगा कि उसपर यकीन किया जा सकता है या नहीं? इसके लिए एक फैक्ट चेकिंग टीम जो AI से जनरेट हुए वीडियो, ऑडियो, फोटो और डीपफेक का पता लगाएगी। वहीं सरकार के निर्देश पर मेटा ने अपने प्लेटफॉर्म्स पर डीपफेक चेकर टूल लॉन्च कर दिया है। वाट्सऐप यूजर्स अब डीपफेक वीडियो से निपटने के लिए चैटबॉट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
शक्ति डेटालीड्स द्वारा संचालित एक अखिल भारतीय नेटवर्क है, जो गूगल न्यूज इनिशिएटिव के सहयोग से मिसइनफॉर्मेशन कॉम्बैट एलायंस, द क्विंट, विश्वासन्यूज, बूम, फैक्टली और न्यूजचेकर के सहयोग से संचालित होता है।
गूगल इंडिया ने कहा कि आज से आम चुनाव के समापन तक, यह परियोजना स्वतंत्र तथ्य जांचकर्ताओं और भारतीय भाषा प्रकाशकों को जोड़ेगी, जिससे उन्हें चुनाव से संबंधित वायरल गलत सूचना और डीपफेक पर तथ्य जांच, अनुसंधान संसाधन और अलर्ट साझा करने के लिए एक सहयोगी मंच मिलेगा।
– एजेंसी
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