डॉ. भानु प्रताप सिंह ‘चपौटा’
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Agra, Uttar Pradesh, Bharat, India. एमएसएमई विकास कार्यालय एवं रोजगार भारती द्वारा संयुक्त रूप से उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन जी डी कॉन्वेंट स्कूल अवधपुरी आगरा में किया गया। उपस्थित महिलाओं एवं पुरुषों को फैशन डिजाइनिंग, मेहंदी एवं श्रृंगार क्षेत्र में स्वरोजगार अपनाने हेतु प्रेरित किया गया |
इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. सीमा सिंह सहायक प्रोफेसर सेठ पदमचंद जैन प्रबंधन संस्थान आगरा ने बताया कि स्वरोजगार हेतु व्यक्ति को अपने उत्पाद एवं सेवाओं के बारे में नवीनतम जानकारी रखनी चाहिए। उन्होंने मोबाइल उद्योग के बारे में उदाहरण देते हुए बताया कि 3 महीने के अंदर ही नवीनतम मोबाइल फोन बाजार में आ जाते हैं। मोबाइल के प्रयोग ने घड़ी, रेडियो, मनोरंजन के अन्य साधनों से दूर कर दिया है। लिज्जत पापड़ वाली महिला ने पापड़ बनाने का कार्य छगन लाल किराने वाले से 1959 में 80 रूपये उधार लेकर उन्हीं की दुकान के माध्यम से बेचना आरम्भ किया था। आज के दिन में लिज्जत पापड़ का 25 देशों में 1600 करोड़ से ऊपर व्यापार है। 1974 में टिफिन व्यापार तरला दलाल ने शुरू किया और आज 2500 व्यक्तियों को रोजगार दे रही हैं।
खाना बनाने का काम टिफिन सिस्टम छोटे शहर में भी बढ़ रहा है। महिलाएं शादी के उपरांत भी टिफिन बनाकर अच्छा शुरुआत कर सकती हैं। अपने नए विचार से जोमेटो ने काम शुरू किया। खाने से पूर्व मीनू पर ऑर्डर लेकर उन्होंने ऑनलाइन सर्विस आरम्भ की।
रोजगार भारती के विभाग से संयोजक राजवीर सिंह ने रोजगार भारती की महिला उद्यमिता क्षेत्र में भूमिका के बारे में अवगत कराया। उन्होंने कहा रोजगार भारती फैशन डिजाइनिंग, टैली अकाउंटिंग, कारपेंटर, प्लम्बर, इलेक्ट्रिशियन, कंप्यूटर नेटवर्किंग एवं हार्डवेयर क्षेत्र में युवाओं को प्रशिक्षित कर स्वरोजगार हेतु कार्य कर रही है।
ग्लेम प्रोफेशनल एकादमी के निदेशक आशीष मिश्रा ने बताया मेहंदी एवं फैशन डिजाइनिंग को व्यक्ति शौकिया भी सीख सकता है। मेहंदी लगाने की टीम बनाएं तो एक दिन में एक-एक लाख रुपये तक कमाए जा सकते हैं। इस तरह एक व्यक्ति अपनी टोली बनाकर रोजगार हेतु अच्छा कार्य कर सकता है।
डॉ मुकेश शर्मा आईईएस सहायक निदेशक ग्रेड 1 एमएसएमई ने बताया कि शुरुआत में कौशल विकास अर्जन कर रोजगार के रूप में जो आप धन अर्जित करते हैं। वह एक खुशी का क्षण होता हैष अपने द्वारा कमाया हुआ धन स्वरोजगार को बढ़ाने में प्रेरित और आत्मनिर्भरता पैदा करता है। उन्होंने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत पंजीकरण प्रशिक्षण टूलकिट की उपलब्धता एवं बैंक द्वारा प्रदत्त पांच प्रतिशत ब्याज में ₹100000 का ऋण, उसके पश्चात आवश्यकतानुसार 2 लाख का ऋण की जानकारी उपलब्ध कराई।
भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक आगरा शाखा के प्रबंधक आकाश सोनी ने बताया कि स्वयं सहायता समूह एवं सूक्ष्म वित्तीय संस्थाओं के माध्यम से महिलाएं अपना कोष बनाकर कार्य कर आगे बढ़ सकती हैं। उन्होंने अपील की कि प्रत्येक छोटे उद्यमी को बैंकिंग प्रणाली से जुड़ना चाहिए। साथ ही उन्होंने जिनके पास पैन नंबर या जीएसटी रजिस्ट्रेशन नहीं है उनको उद्यम पंजीकरण पोर्टल के स्थान पर उद्यम सहायता पोर्टल से जोड़ने हेतु आग्रह किया।
कार्यक्रम संचालन रोजगार भारती के महानगर संयोजक सोमेश गौतम एवं धन्यवाद ज्ञापन सह संयोजक विवेक मिश्रा ने दिया । निशा उपाध्याय, नेहा गर्ग, यतेंद्र द्विवेदी छावनी महानगर संयोजक, देवेंद्र सिंह नेगी संयोजक लवकुश नगर, रमाशंकर कार्यालय प्रमुख, भारत सिंह नगर संयोजक, विशाल परिहार, योगेश्वर, पवन, रवि, का सहयोग रहा।
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