केरल के राज्यपाल ने कहा, राज्य को कुलपतियों के संचालन की शक्ति नहीं दी जा सकती

केरल के राज्यपाल ने कहा, राज्य को कुलपतियों के संचालन की शक्ति नहीं दी जा सकती

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केरल में विश्वविद्यालय कानून संशोधन विधेयक को लेकर विवाद एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन पर अपनी बात से पलटने का आरोप लगाया है। राज्यपाल का कहना है कि मुझे यह नहीं समझ आ रहा है कि पहले तो यह बात को रखने का आश्वासन देते हैं, फिर अपनी बात से पीछे क्यों हट जाते हैं।

राज्यपाल का आरोप है कि मुझे तो सरकार की ओर से बाकायदा पत्र लिखकर इस बाबत आश्वासन दिया था कि कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का कहना है कि जब तक मैं इस पद पर हूं कम से कम तब तक तो विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता के साथ किसी तरह का खिलवाड़ नहीं होने दूंगा।

सरकार कैसे कर सकती है कुलपतियों का संचालन: राज्यपाल

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का कहना है कि कुलपतियों के संचालन का का काम सरकार कैसे कर सकती है। राज्यपाल ने कहा कि सब कुछ मेरिट के आधार पर माना जाएगा। सरकार को कुलपतियों को संचालित करने की शक्ति नहीं दी जा सकती है। मैं यह बात पूरे स्पष्ट तरीके से कह रहा हूं, यही कार्यकारी हस्तक्षेप होगा।

राज्यपाल की शक्तियों को कम करने के लिए लाया गया संशोधन विधेयक

केरल विधानसभा में बीते 1 सितंबर को विश्वविद्यालय कानून संशोधन विधेयक लाया गया था। इसके पीछे सरकार की मंशा बिल्कुल साफ थी। दरअसल केरल सरकार और राज्यपाल के बीच हमेशा ठनी रहती है।

बिल को लाने के पीछे की वजह राज्यपाल की शक्तियों को कम करना था। लेकिन सरकार की सबसे बड़ी अड़चन तो यह है कि बिल पर राज्यपाल के बिना किसी हस्ताक्षर के इसे कैसे पास माना जाए। वहीं राज्यपाल इस बात को लेकर अड़े हैं कि मैं किसी भी ऐसे संशोधन बिल पर साइन नहीं करूंगा जो कि संविधान के खिलाफ हो।

Dr. Bhanu Pratap Singh