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आँखों की रोशनी चली गई पर हिम्मत न हारी, पढ़िए KBC में पहुंची हिमानी बुंदेला की Motivational Story

NATIONAL PRESS RELEASE REGIONAL वायरल साक्षात्कार

Agra, Uttar Pradesh, India. आज मैं आपको हिमानी बुंदेला से मिलवाता हूँ। बड़ी प्यारी बच्ची है। अध्ययन और अध्यापन में तेजतर्रार है। वह अंक विद्या में निपुण है। तमाम अधिकारी उसकी अंक विद्या का लाभ उठाते रहते हैं। हिमानी इस समय चर्चा में है। इसका कारण यह है कि वह 30 अगस्त, 2021 को केबीसी-13 (कौन बनेगा करोड़पति) में अमिताभ बच्चन के सामने हॉट सीट पर दिखेगी। आप सब यह तो जानते ही हैं कि केबीसी का प्रसारण सोनी टीवी पर हो रहा है। पूरी खबर जरूर पढ़ें क्योंकि हो सकता है आपको या आपके बच्चों को प्रेरणा मिल जाए।

हिमानी के परिवार के बारे में

हिमानी की मैं चर्चा इसलिए भी कर रहा हूँ कि वह मेरे मित्र विजय सिंह बुंदेला की पुत्री है। विजय सिंह बुंदेला एक दर्जन भाषाओं के जानकार हैं। उनके परिवार का फिल्म अभिनेता और राजनेता राजा बुंदेला से गहरा नाता है। एक ही खानदान के हैं। हिमानी की मां सरोज बुंदेला गृहणी हैं। उनसे मिलिए तो लगता ही नहीं है कि वे ऐसे पति की पत्नी और ऐसी बेटी की मां हैं, जिनका नाम राष्ट्रीय स्तर पर छाया हुआ है। हिमानी की बहन चेतना सिंह बुंदेला, भावना बुंदेला और हिमानी से छोटी पूजा बुंदेला, भाई का नाम रोहित सिंह बुंदेला हैं। गुरु गोविंद सिंह नगर, राजपुर चुंगी, आगरा में निवासरत हैं। हिमानी इस समय केन्द्रीय विद्याय नम्बर-1 में गणित की अध्यापक हैं।

15 साल की थी तब आँखों की रोशनी चली गई

हिमानी की तमन्ना डॉक्टर बनने की थी। जब वह 15 वर्ष की थीं तो एक दर्दनाक हादसे में उनकी आंखों की रोशनी चली गई। हिमानी को लगा कि अब सबकुछ खत्म हो गया है। परिवार का साथ मिला और हिमानी की हिम्मत, सब ठीक होने लगा। अध्ययन जारी रखा। मानवकीय विषय में स्नातक किया। फिर डॉ. शकुंतला यूनिवर्सिटी, लखनऊ से बीएड किया। इसके साथ ही केंद्रीय विद्यालय में चयन हो गया। भले ही उसकी आँखें नहीं हैं, लेकिन आंतरिक चक्षुओं से सब देख लेती है। केन्द्रीय विद्यालय में वह लोकप्रिय शिक्षक है।

रोचक है कहानी

केबीसी में पहुंचने की कहानी भी पड़ी रोचक है। हिमानी बताती हैं- जब मैं 5-6 साल की थी तो टीवी पर आने का बहुत शौक था। रियल्टी शो मुझे काफी पसंद थे। मेरे सपना था कि मैं भी इसमें एक दिन प्रतिभाग करूँ। नौ वर्ष की उम्र में केबीसी देखना शुरू किया। केबीसी देखकर लगा कि यही शो है जो टीवी स्क्रीन पर दिखने का मेरा सपना पूरा कर सकता है। मैं हमेशा घर पर कहती थी कि मुझे केबीसी में जाना है। अमिताभ बच्चन से मिलता है। दोस्तों के साथ मिलकर हम खुद केबीसी खेला करते थे। मैं अमिताभ बच्चन बनती थी। पिछले पांच साल से मैं लगातार केबीसी में प्रतिभाग के लिए पंजीकरण करा रही थी। जब अप्रैल में मुझे केबीसी में प्रतिभाग के लिए कॉल आया, तो विश्वास ही नहीं हुआ। पहले दो बार तो मैंने कॉल ही कट कर दिया था। जब तीसरी बार कॉल आया तो रिसीव किया। परिजनों ने कहा कि हो सकता है कि फेक कॉल हो। मुझसे ऐसी कोई जानकारी नहीं मांगी गई थी, जिससे कुछ गलत होने का शक हो। आखिरकार मेरा चयन केबीसी के लिए हो गया।

शब्दों में बयां नहीं कर सकती

हिमानी बताती हैं- मेरा बचपन का सपना पूरा हो गया। वह पल आ गया जब मैं सदी के महानायक के सामने हॉट सीट पर बैठी थी। उस पल को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। क्विज कम्पटीशन का बहुत शौक है। कौन बनेगा केंद्रीय विद्यालय चैंपियन के नाम से क्विज शुरू किया था। इसलिए सामान्य ज्ञान लगातार बढ़ता रहा।

Dr. Bhanu Pratap Singh