इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा है कि ग़ज़ा से हमास को हटाने के बाद वे वहां फ़लस्तीनी प्राधिकरण के नियंत्रण की इजाज़त नहीं देंगे.
नेतन्याहू ने कहा कि हमारे सबसे मजबूत सहयोगी अमेरिका की इच्छा के बावजूद इसराइल ‘हमास्तान’ को ‘फ़तहस्तान’ में बदलने की अनुमति नहीं देगा.
फ़लस्तीनी प्राधिकरण के अध्यक्ष महमूद अब्बास के नेतृत्व वाली फ़तह पार्टी की ही वेस्ट बैंक में सरकार है.
इसराइली अख़बार टाइम्स ऑफ़ इसराइल के अनुसार, उन्होंने कहा है कि ग़ज़ा में एक ‘सिविल गवर्नमेंट’ होगी, जो अपने बच्चों को ‘इसराइल को बर्बाद करने’ की सीख नहीं देगा.
नेतन्याहू ने एक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए बताया कि फ़लस्तीनी प्राधिकरण के कब्जे वाले फ़लस्तीनी इलाके ‘वेस्ट बैंक’ के 82 प्रतिशत लोगों ने इसराइल पर सात अक्टूबर को हुए हमले को उचित करार दिया है.
उन्होंने कहा कि युद्ध ख़त्म होने के बाद इसराइली सेना ग़ज़ा में सुरक्षा के लिए ज़िम्मेदार होगी.
हमास के कब्जे में अभी भी रह रहे 100 से अधिक इसराइली नागरिकों की रिहाई के बारे में उन्होंने कहा कि हाल के अस्थाई सीजफायर की वजह ‘सेना का दबाव’ थी और यह दबाव ही बाक़ी बंधकों की रिहाई तय करेगा.
वहीं एक बड़े बयान में नेतन्याहू ने कहा कि उन्हें पिछले 30 सालों से दोनों पक्षों के बीच 1993 में हुए ओस्लो समझौते पर ‘ब्रेक’ लगाने और फ़लस्तीनी राज्य बनने से रोकने के लिए ‘ज़िम्मेदार’ बताया जाता है, जो कि ‘सच’ है.
उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा करने पर ‘गर्व’ है, क्योंकि आज हर कोई इसका अंजाम समझता है.
Compiled: up18 News
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