विपत्ति कभी कह कर नहीं आती है| कभी लापरवाही से तो कभी प्राकृतिक आपदा के रूप में आती है। आगजनी ऐसी विपत्ति है जो हमारी लापरवाही से आती है। संपत्ति के नुकसान के साथ जनहानि का भी नुकसान उठाना पड़ता है| आज 4 मई को अंतरराष्ट्रीय अग्निशामक दिवस (इंटरनेशनल फायर फाइटर्स डे) है। आज हम इन्हीं के बारे में बात करेंगे।
अग्निशामक दिवस कब शुरू हुआ
अग्निशामक दिवस 1999 से मनाया जा रह है। ऑस्ट्रेलियाई जंगल में आग के दौरान 5 अग्निशामकों ने अपनी जान आग बुझाते वक्त गंवा दी थी| यह दिन सेंड फ्लोरियन के जन्म दिवस पर मनाया जाता है| सेंट फ्लोरियन को रोमन बटालियन के पहले कमांडिंग फायर फाइटर्स में से एक कहा जाता है|फ्लोरियन फायर फाइटर्स के संरक्षक संत है| भारत में राष्ट्रीय अग्निशमन दिवस 13 अप्रैल को मनाया जाता है |
अंतर्राष्ट्रीय अग्निशामक दिवस का उद्देश्य
अंतर्राष्ट्रीय अग्निशामक दिवस दुनियाभर में अग्निशमन कर्मियों को नमन करने, उनकी सेवाओं को धन्यवाद देने के लिए मनाया जाता है। अग्निशामक दूसरों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा के लिए एक सैनिक की तरह कार्य करते हैं। कभी-कभी यह समर्पण उनके प्राणों की आहुति तक ले लेता है|
नीले और लाल रंग के रिबन का महत्व
यह एक ऐसा दिन है जिसमें वर्तमान और अतीत के अग्निशामकों को उनके योगदान के लिए धन्यवाद दिया जा सकता है| अग्निशामकों के लिए लाल और नीले रंग का महत्व है। आग का प्रतीक है लाल और पानी का प्रतीक है नीला रंग। इन रंगों को अंतराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता है| मई के पहले रविवार को दोपहर में अग्निशामकों के सम्मान में 30 सेकेंड्स के लिए अग्निशमन केन्द्र सायरन बजाता है। बलिदनी अग्निशामकों को श्रद्धांजलि स्वरूप एक मिनट का मौन रखा जाता है। विश्व के सभी फायर फाइटर्स को सम्मान व नमन |

–राजीव गुप्ता, आगरा
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