दिलचस्प मामला: रिटायरमेंट के डेढ़ महीने बाद भी पूर्व CJI की सेवा में तैनात हैं 28 सपोर्ट स्टाफ – Up18 News

दिलचस्प मामला: रिटायरमेंट के डेढ़ महीने बाद भी पूर्व CJI की सेवा में तैनात हैं 28 सपोर्ट स्टाफ

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संसद के शीतकालीन सत्र में कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने एक सवाल के जवाब में पूर्व जजों को मिलने वालीं सुविधाओं की फेहरिस्त गिनाई थी। कोर्ट में लटके मामलों के सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय कानून मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के पूर्व जजों को आवास से लेकर सपोर्ट स्टाफ और सुरक्षा समेत सारी सुविधाएं गिनाईं।

साथ में यह बताना नहीं भूले कि मंत्री को तो ‘रिटायरमेंट’ के बाद बतौर संसद सदस्य मिलने वाली पेंशन के अलावा कोई और सुविधा नहीं मिलती। केंद्र सरकार ने रिटायर जजों को मिलने वाली सुविधाओं में इसी साल इजाफा किया था लेकिन पूर्व सीजेआई यूयू ललित का मामला दिलचस्प है। रिटायरमेंट के डेढ़ महीने बाद भी उनकी सेवा में 28 सपोर्ट स्टाफ तैनात हैं।

सीजेआई रहते मिले थे 40 से ज्यादा सपोर्ट स्टाफ

पूर्व सीजेआई यूयू ललित को अपने 74 दिनों के कार्यकाल में पद पर रहते हुए उनके आधिकारिक आवास 19 अकबर रोड पर 40 से ज्यादा सपोर्ट स्टाफ मिले हुए थे। राष्ट्रपति भवन और प्रधानमंत्री कार्यालय के अलावा संवैधानिक पोस्ट पर काबिज किसी भी अन्य व्यक्ति को चपरासियों और सपोर्ट स्टाफ का इतना बड़ा लाव-लश्कर नहीं मिला है।

जस्टिस ललित 27 अगस्त 2022 से 8 नवंबर 2022 तक देश के 49वें चीफ जस्टिस थे। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने अपने कुछ सपोर्ट स्टाफ को रिलीज कर दिया  लेकिन डेढ़ महीने से ज्यादा वक्त बाद भी आज उनके 19 अकबर रोड आवास पर 28 सपोर्ट स्टाफ तैनात हैं। इनमें से कुछ BVG इंडिया के कर्मचारी हैं, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने साफ-सफाई और रखरखाव के काम के लिए आउटसोर्स कर रखा है।

पहले के सीजेआई रिटायरमेंट के बाद सिर्फ 2-3 स्टाफ ही रखते थे

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इससे पहले के सीजेआई को अपने ऑफिशल रेजिडेंस पर औसतन 12 से 15 सपोर्ट स्टाफ मिलते थे। रिटायरमेंट के बाद वे इनमें से 2 से 3 को ही रखते थे। अगर रिटायर्ड सीजेआई दिल्ली में रहते हैं तो उन्हें सुप्रीम कोर्ट की तरफ से सपोर्ट स्टाफ मुहैया कराए जाते हैं। अगर वे अपने गृह राज्य में रहने का फैसला करते हैं तो संबंधित हाई कोर्ट की तरफ से ये सुविधा मुहैया कराई जाती है।

इस साल अगस्त में बदला था पूर्व जजों को मिलने वालीं सुविधाओं से जुड़ा नियम

इस साल अगस्त में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट जजेज रूल्स, 1959 में बदलाव करके पूर्व जजों को मिलने वालीं सुविधाओं में बदलाव किया था। कुछ सुविधाएं खत्म की गई थीं तो कुछ बढ़ाई गई थीं। नए नियमों के तहत सीजेआई को रिटायरमेंट के बाद 6 महीने तक टाइप-7 बंगला मिलेगा जिसका कोई रेंट नहीं लगेगा।

जस्टिस एनवी रमण को रिटायरमेंट के बाद 2 तुगलक रोड पर 6 महीने के लिए बंगला अलॉट हुआ था। इसी तरह जस्टिस ललित को शाहजहां रोड पर बंगले की पेशकश की गई थी लेकिन उन्होंने उसे ठुकरा दिया क्योंकि बिल्डिंग की हालत ठीक नहीं थी।

अगले महीने नए बंगले में शिफ्ट होंगे जस्टिस ललित, हो सकता है नए जजों के आवास का संकट

इस बीच सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने 19 अकबर रोड वाले बंगले में शिफ्ट होने का फैसला किया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस ललित को अपने पुल बंगलों में से एक- 17 सफदरजंग रोड को ऑफर किया जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। इस बंगले में जस्टिस एल. नागेश्वर राव रहा करते थे और फिलहाल इसके मरम्मत का काम चल रहा है।

जस्टिस ललित अगले साल इस बंगले में शिफ्ट हो सकते हैं। हालांकि, उन्होंने सीजेआई रहते मिले सपोर्ट स्टाफ में से ज्यादातर को अब भी बरकरार रखा है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार जस्टिस ललित के ऑफिस ने इन मौजूदा 28 सपोर्ट स्टाफ में से 12 को आगे भी बरकरार रखने का अनुरोध किया है जब वह अकबर रोड से सफदरजंग रोड बंगले पर शिफ्ट होंगे। चूंकि, जनवरी में सुप्रीम कोर्ट को 5 नए जज मिल सकते हैं लिहाजा तब उनके लिए आवास की दिक्कत हो सकती है। वजह ये है कि जस्टिस ललित को सुप्रीम कोर्ट के पुल बंगले में से एक को अलॉट किया गया है।

19 अकबर रोड बंगले का है अपना अलग इतिहास

19 अकबर रोड बंगले का अपना अलग ही इतिहास है। यह शुरुआत में पूर्व राष्ट्रपति फखरूद्दीन अली अहमद की पत्नी बेगम आबिदा अहमद को अलॉट किया गया था। पूर्व राष्ट्रपति की पद पर रहते हुए फरवरी 1977 में मौत हो गई थी। उनके वकील बेटे बदर दुरेज अहमद 2002 में दिल्ली हाई कोर्ट के जज बन गए जिसके बाद उन्होंने उसी बंगले में रहना जारी रखा। 2003 में बेगम आबिदा अहमद की मौत के बाद यह बंगला उनके बेटे जस्टिस अहमद को अलॉट हो गया। वह जब 2017 में जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस नियुक्त हुए तब यह बंगला सुप्रीम कोर्ट पुल का हिस्सा बन गया।

रिटायरमेंट के बाद जजों को मिलती हैं ये सुविधाएं

कुछ दिन पहले ही केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में रिटायर्ड जजों को मिलने वालीं सुविधाओं का जिक्र किया था। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को रिटायरमेंट के बाद एक डोमेस्टिक हेल्प मिलेगा जो जूनियर कोर्ट अटेंडेंट के समकक्ष होगा। इसके अलावा एक और स्टाफर मिलेगा जो जूनियर कोर्ट अटेंडेंट के समकक्ष होगा। साथ में एक सेक्रटरियल असिस्टेंट मिलेगा जो सुप्रीम कोर्ट के ब्रांच ऑफिस के समकक्ष होगा।

इसी तरह सुप्रीम कोर्ट के जज को रिटायर होने पर एक डोमेस्टिक हेल्प और एक स्टाफर मिलेगा। रिटायर होने के बाद 6 महीने के लिए उन्हें टाइप-7 का आवास मिलेगा और 5 साल तक उन्हें सुरक्षा मिलेगी। दरअसल, अगस्त 2022 में जजों को मिलने वालीं सुविधाओं को बढ़ाया गया था।

पूर्व सीजेआई को डोमेस्टिक हेल्फ, ड्राइवर और ऑफिस से जुड़े कामकाज के लिए एक अन्य स्टाफ की सुविधा आजीवन मिलेगी। उनके आवास पर फ्री टेलिफोन की सुविधा होगी जिससे वे हर महीने 4200 रुपये तक की बात कर सकेंगे। हालांकि, पहले पूर्व सीजेआई को टेलिफोन खर्च के मद में हर महीने 70 हजार रुपये और पूर्व जजों को 39 हजार रुपये मिलते थे।

 

Dr. Bhanu Pratap Singh