Agra, Uttar Pradesh, India. आगरा इनर रिंग रोड /लैंड पार्सल जमीन खरीद घोटाले में दोषियों के खिलाफ एफआईआर की माँग को लेकर किसानों का आमरण अनशन और भूखहड़ताल 22वें दिन जारी रही। किसान नेता श्याम सिंह चाहर व सोमबीर यादव की हालत गंभीर है। राधारानी तोमर का इलाज एसएन हॉस्पिटल में चल रहा है। उनके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हो रहा है। तहसील सदर में धरना-प्रदर्शन जारी है। 800 करोड़ रुपये के इनर रिंग रोड भूमि अधिग्रहण घोटाला में कमिश्नर से लेकर चपरासी तक 100 से अधिक अधिकारी औरकर्मचारी फंसे हुए हैं। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र तक इस घोटाले के तार जुड़े हुए हैं। घोटाले में दोषियों के नाम उजागर करने की लड़ाई लड़ रहे हैं श्याम सिंह चाहर। 2019 में उन्हें दो करोड़ रुपये में खरीदने का प्रयास किया गया। नहर सफाई घोटाला, ट्रैक्टर घोटाला, पंचायत घर घोटाला का भी खुलासा कर चुके हैं।
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस और यमुना एक्सप्रेस वे को जोड़ने के लिए इनर रिंग रोड बना है। इनर रिंग रोड पर सभी किसानों को एक समान मुआवजा देने की मांग को लेकर दो बार आंदोलन किया। रेलवे ट्रैक जाम किया। 10 दिसम्बर, 2013 को ताजमहल घेराव के लिए प्रस्थान किया। पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। 22 किसान जेल गए। फिर ग्वालियर रोड स्थित रोहता पर किसानों की महापंचायत हुई। इसमें भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत आए। चेतावनी के बाद 14 दिसम्बर, 2013 को किसानों को बिना शर्त रिहा कर दिया गया। वादा किया था कि कोई मुकदमा नहीं लगाया जाएगा, फिर भी दो मुकदमे कायम कर दिए। फिर से मुकदमा वापसी का आदेश हुआ है।
इनर रिंग रोड के लिए 2009 में जमीन का अधिग्रहण शुरू किया। जेपी ग्रुप ने किसानों से करार करा लिया। उसमें न रेट है और न ही डेट है। 2011 में अधिग्रहण हो गया। इसके बाद घोटाला हुआ। अधिकारियों से मिलकर अधिगृहीत भूमि से आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) का नाम हटाकर फिर से किसानों के नाम कर दिया। राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के लोगों के नाम किसानों से बैनामे कराए गए। उत्तर प्रदेश के तो सभी 75 जिलों के लोगों ने बैनामे कराए। बैनामे में जमीन को रोड और आबादी से दूर दिखाया गया। मुआवजा लिया रोड के सहारे जमीन दिखाकर। यह काम 2013, 2014 और 2015 में हुआ। चार रेट तय कि गए 648, 1057, 1486 और 1902 रुपये प्रति वर्गमीटर। 1486 और 1902 रुपये प्रति वर्गमीटर वाले सभी बैनामे मुख्य सड़क से दूर हैं, लेकिन मुआवजा निकट का लिया। किसानों को नोटिस भेजे गए कि कि आपकी जमीन पट्टे की है, खादर की है, आप बैनामा कर दो नहीं तो कुछ नहीं मिलेगा। इस कारण किसान घबरा गया था। सवाल यह है कि जब सरकार के नाम जमीन हो गई तो किसान के नाम दोबारा क्यों की गई? बैनामा कराने में स्टाम्प चोरी की गई। 938.8975 हेक्टेअऱ जमीन छलेसर से लेकर रोहता और जखोदा गांव तक है। कुल 24 गांव हैं। इनरिंग रोड, लैंड पार्सल, इंटरचेंज के लिए एक साथ बसपा के समय जमीन का अधिग्रहण किया गया।
उचित मुआवजे के लिए किसान जनवरी, 2019 में घुटनों के बल चलकर सर्किट हाउस में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा के पास गए। जनवरी में ही घुटनों के बल चलकर जिलाधिकारी के पास गए। जांच जल्दी कराने की मांग की क्योंकि जो भी अधिकारी जांच शुरू करता, उसी का ट्रांसफर हो जाता था। 8 जून, 2019 की पहली रिपोर्ट आई कि एडीए, एसएलओ (विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी), तहसील एत्मापुर और तहसील सदर के चपरासी लेकर उच्चाधिकारी तक दोषी हैं। रिपोर्ट में नाम किसी का नहीं था। श्याम सिंह चाहर ने कहा कि नाम खोलो। एडीएम प्रशासन ने कहा कि आप कोर्ट चले जाएं। कई दोषी अधिकारी श्याम सिंह चाहर घर पर कथित किसान नेताओं को लेकर। दबाव में लेने का प्रयास किया। साथियों को लालच दिया। दो करोड़ रुपये का ऑफर दिया गया। श्याम सिंह चाहर ने कहा- मरना मंजूर है लेकिन झुकना नहीं। दिलाना ही है तो एडीए से मुआवजा दिलवाओ।
9 सितम्बर, 2019 को रावली से कलक्ट्रेट तक लेटकर प्रदर्शन किया। डीएम ने ज्ञापन लिया। दोषियों के नाम खोलने की मांग रखी। प्रदर्शन के बाद सात किसान बुरी तरह से बीमार हो गए। होश आया तो जिला अस्पताल में थे। 10, 2021 सितम्बर को घोषणा की कि या तो दोषियों के नामों का खुलासा करो नहीं तो अस्पताल में ही भूख हड़ताल करेंगे। तत्कालीन एडीएम सिटी केपी सिंह और सिटी मजिस्ट्रेट प्रभाकर अवस्थी ने गोपनीय रिपोर्ट दी। चाहर ने शर्त रखी कि रिपोर्ट जनता के सामने रखें। प्रशासन ने कहा कि शासन से रिपोर्ट सार्वजनिक करने की अनुमति नहीं मिली है। इसे लेकर 15 सितम्बर को कमिश्नरी का घेराव किया। गेट पर ताला लगाया। तत्कालीन अपर आयुक्त साहब सिंह वर्मा ने कहा कि रिपोर्ट सार्वनजिक नहीं करेंगे लेकिन दोषी बचेगा नहीं। सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल और राजकुमार चाहर तथा यूपी के राज्यमंत्री डॉ. जीएस धर्मेश आए कि भूख हड़ताल समाप्त करो। आश्वासन दिया कि जांच करवाएंगे। डीएम ने कहा कि मेरे स्तर का मामला नहीं है। पूर्व सांसद चौधरी बाबूलाल ने फोन पर पर मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा से बात की। तब चाहर का रक्तचाप (बीपी) 55/75 था और भूख हड़ताल तुड़वा दी जबरन। 18 सितम्बर को सर्किट हाउस में डॉ. दिनेश शर्मा से मिले। सीबीआई जांच की मांग की लेकिन उच्चस्तरीय जांच का आश्वासन दिया है।
श्याम सिंह चाहर ने बताया कि 2012 में नहर और माइनर की सफाई को लेकर आंदोलन शुरू किया। आगरा में 620 किलोमीटर का नहर, माइनर और रजवाह है। शासन से तली झाड़ खुदाई और सफाई के लिए पैसा आया था, लेकिन सिर्फ झाड़ियां हटाई जा रही थीं। इसके खिलाफ आवाज उठाई। काम बंद कराया। नहर में धरना दिया। तीन बार भूख हड़ताल की। कोई कार्रवाई न हुई तो 10 दिसम्बर, 2013 को बड़ा आंदोलन हुआ। जेल गए। इसके बाद एसडीएम स्तर से जांच हुई। जांच में मौका मुआयना से पहले ही नहर में पानी छोड़ दिया। तकनीकी जांच हुई तो फिर पानी छोड़ दिया। संयुक्त विकास आयुक्त राम आसरे वर्मा ने जांच की। तीन माह बाद खुलासा हुआ कि करोड़ों रुपये की हेराफेरी की गई है। तीन साल से एक ही स्थान पर काम दिखाया जा रहा था। लिंक रोड और हाईवे के एक-एक किलोमीटर में नहर की सफाई की गई। 14 अधिकारी दोषी पाए गए। इनके खिलाफ कोर्ट के माध्यम से थाना सदर में रिपोर्ट दर्ज कराई है। कार्रवाई कुछ नहीं हुई है।
आज किसान नेताओं के पास अपर नगर मजिस्ट्रेट चतुर्थ विनोद कुमार और साथ में पुलिस इंस्पेक्टर सदर भी पहुंचे। उन्होंने आग्रह किया कि आमरण अनशन और भूख हड़ताल समाप्त कर दें क्योंकि जिलाधिकारी ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है। किसान नेताओं ने उनसे कहा कि पहले भ्रष्टाचार में शामिल दोषियों के खिलाफ एफआईआर कीजिए, उसके बाद भूख हड़ताल समाप्त करेंगे।
जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह के बुलावे पर किसानों का प्रतिनिधिमंडल उनसे मिला। अश्वासन दिया है कि जल्द ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी से मिलने वाले किसानो के प्रतिनिधिमंडल में देवपकाश, विशम्भर फौजदार, रविन्द्र सिंह, प्रदीप शर्मा, महेश फौजदार, लाखन सिंह फौजदार आदि किसान शामिल थे।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामजीलाल सुमन किसान नेता सोमवीर यादव औ श्याम सिंह चाहर का हाल चाल लेने के लिए जिला अस्पताल पहुंचे। उन्होंने किसान नेताओं को भरोसा दिलाया है कि हम आपके साथ हैं और रहेंगे।
काँग्रेस के नेता चंद्रमोहन पराशर और अतुल यादव ने दूरभाष के माध्यम से अपने प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू से किसान नेताओं की वार्ता कराई । अजय कुमार लल्लू ने किसान नेताओं को पूरा साथ देने का भरोसा दिलाया। यह भी कहा कि आगरा कमिश्नर से इनर रिंग रोड प्रकरण पर वार्ता करेंगे।
सिस्टम सुधार संगठन के अंशुमान ठाकुर एवं सतीश कुमार ने कहा है कि जिला प्रशासन जल्दी से जल्दी दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करे नही तो हमें सड़कों पर उतरने को मजबूर होना पड़ेगा।
तहसील सदर में बदस्तूर जारी धरना प्रदर्शन में किसान दाताराम तोमर, पंडित ओमप्रकाश शर्मा, देवी सिंह छोकर, विशम्भर सिंह, लाखन सिंह, राकेश सोलंकी, मुकेश पाठक घनश्याम सिंह, मेहताब सिंह, केदार सिंह, बच्चू सिंह, रवि सोलंकी, गजेन्द्र चाहर, भोला जाट, वेदप्रकाश शर्मा आदि किसान उपस्थित रहे।
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