Mathura (Uttar Pradesh, India)। मथुरा। राजस्थान के बहुचर्चित और भरतपुर के राजा मानसिंह हत्याकांड में 14 आरोपितों में 11 को दोषी ठहराया गया है, जबकि तीन आरोपितों को बरी कर दिया गया है। बुधवार को मथुरा की जिला जज साधना रानी दोषियों पर फैसला सुनाएंगी। 35 साल पुराने इस मुकदमे की सुनवाई के लिए राजा मानसिंह की बेटी दीपा सिंह, उनके पति विजय सिंह आदि स्वजन मथुरा कोर्ट पहुंच गए थे। राजा मानसिंह की बेटी दीपा कौर ने अदालत के फैसले पर खुशी जताई है। 21 फरवरी 1985 को पुलिस एनकाउंटर में राजा मानसिंह की उस वक्त मौत हो गई थी, जब वह चुनाव प्रचार के दौरान डीग अनाज मंडी में थे। मुख्य आरोपी डीएसपी कान सिंह भाटी समेत 14 पुलिसवाले फर्जी एनकाउंटर के आरोपित थे।
सीबीआई ने मामले में डीएसपी कान सिंह भाटी सहित 14 अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ आरोप दाखिल किया था
20 फरवरी 1985 यानी एनकाउंटर से एक दिन पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर ने राजा मान सिंह पर अपनी जोगा गाड़ी से हेलिकॉप्टर और मंच तोड़ने का आरोप लगाया था। इसे लेकर राजा मानसिंह के खिलाफ दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज किये गये थे। घटना के वक्त राजस्थान में कांग्रेस की सरकार थी। एनकाउंटर के बाद सीबीआई ने मामले में डीएसपी कान सिंह भाटी सहित 14 अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ आरोप पत्र सीबीआई ने दाखिल किया था। मामले की सुनवाई मथुरा के जिला एवं सत्र न्यायालय में चल रही है। पुलिस का कहना है कि उन्होंने आत्मरक्षा में गोली चलाई, जबकि परिजनों ने फर्जी एनकाउंटर का आरोप लगाया है।