विकास दर के मामले में निश्चित तौर पर चीन से आगे निकल गया है भारत: पॉल ग्रुएनवाल्ड

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भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के वैश्विक मुख्य अर्थशास्त्री पॉल ग्रुएनवाल्ड दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं पर कड़ी नजर रखते हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने भारत की मजबूत वृद्धि, मध्यम आय वाले देश के रोडमैप और वैश्विक जोखिमों के बारे में बात की है। भारत के ग्रोथ नंबर को वह किस तरह से देखते हैं इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विकसित देशों की तुलना में उभरते बाजार तेजी से बढ़ रहे हैं लेकिन भारत स्टार जान पड़ता है।

अब विकास दर के मामले में यह निश्चित रूप से चीन से आगे निकल गया है। अभी कुछ और करना बाकी है। भारत अच्छे रास्ते पर है। हमारे पास अच्छा निवेश है, अच्छी खपत है। हमने इस वर्ष 7.3% (विकास) और अगले वित्तीय वर्ष में 6.5% का अनुमान लगाया है। इसी के साथ 6.5-7% का ट्रेंड ग्रोथ जो काफी अच्छी है।

सवाल- आप कौन से जोखिम देखते हैं?

जवाब – विश्व स्तर पर जोखिम एक है। हमने चार दशकों में ब्याज दरों में सबसे तेज़ वृद्धि देखी है। प्रत्येक प्रमुख केंद्रीय बैंक ने दरों में 400 या 500 आधार अंकों की वृद्धि की है। वाणिज्यिक अचल संपत्ति जैसी चीजों की मांग में बदलाव हैं। हमें कोई संभावित खतरा या बड़ा बदलाव नहीं दिख रहा है, लेकिन अर्थव्यवस्थाओं को उच्च दरों के साथ तालमेल बिठाना होगा। भू-राजनीति एक जोखिम है। भले ही आधार रेखा काफी अनुकूल है, हमारे पास हमेशा जोखिमों की एक लिस्ट होती है। जिन पर हम नजर रख रहे होते हैं।

सवाल – चीन के बारे में क्या?

जवाब – चीन दो-तीन दशकों से वैश्विक विकास का चालक रहा है। इस शताब्दी में अकेले चीन एक तिहाई विकास के लिए जिम्मेदार रहा है। चीन में अब 7% या 8% की विकास दर नहीं है। चीन के लिए चुनौती दोहरी है। बड़ी चुनौती यह है कि चीन के विकास के संदर्भ में, लेबर फोर्स विकास को आगे नहीं बढ़ाएगी। लेबर फोर्स चरम पर है। चीन वैश्विक विकास का सबसे बड़ा चालक है, इसलिए यह वैश्विक विकास के लिए निगेटिव है।

सवाल – भारत नया रॉक स्टार है?

जवाब – प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में, भारत स्पष्ट रूप से एक ऐसी अर्थव्यवस्था है जो सबसे तेजी से बढ़ रही है। चीन विकास का नंबर एक चालक रहा है। इसके बाद अमेरिका है, लेकिन भारत संभावित रूप से, नए नंबर दो विकास चालक के रूप में अमेरिका को चुनौती दे सकता ह।, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस विनिमय दर का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन, अगर हम इस दशक के शेष भाग में 6-7% की वृद्धि का रुझान रखते हैं, तो यह भारत को काफी अच्छी स्थिति में रखता है।

-एजेंसी

Dr. Bhanu Pratap Singh