आगरा। फोग्सी (फेडरेशन ऑफ ऑब्स्ट्रेटिक एंड गायनेकॊलिजिकल सोसायटी ऑफ इंडिया) ने भारत को सर्वाइकल कैंसर मुक्त बनाने की मुहिम छेड़ दी है। राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में यह पायलट प्रोजेक्ट (निर्मल बनारस अभियान) को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस से शुरु किया जा रहा है।
यह घोषणा होटल डबल ट्री बाई हिल्टन में एसएन मेडिकल कॉलेज के स्त्री व प्रसूति रोग विभाग व एओजीएस द्वारा आयोजित 36वें यूपीकॉन 2025 के शुभारम्भ समारोह में मुख्य अतिथि व फोग्सी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनीता तांदुलवाडकर ने की।
उन्होंने कहा कि कहा कि जल्दी ही आगरा सहित समूचे उत्तर प्रदेश व देश के अन्य प्रांतों में इस प्रोजेक्ट को लागू किया जाएगा। निर्मल बनारस अभियान में पांच हजार महिलाओं की एचपीवी सर्वाइकल स्क्रीनिंग की जाएगी। जिन महिलाओं की रिपोर्ट पॉजिटिव आएगी, उन्हें आगे जांच व उपचार के लिए टाटा मेमोरियल सेंटर वाराणसी भेजा जाएगा। इसके लिए 20 स्त्री रोग विशेषज्ञों की टीम तैयार की गई है।
डॉ. सुनीता ने बताया कि महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के बाद सबसे अधित मृत्यु सर्वाकल कैंसर के कारण ही होती है। सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन उपलब्ध है। इसलिए इससे बचाव के लिए जागरूकता की आवश्यकता है। सरकार के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट को देश भर में लागू करने की तैयारी है, जिससे भारत को सर्वाकल कैंसर मुक्त भारत बनाया जा सके।
कार्यशाला का शुभारम्भ मुख्य अतिथि डॉ. सुनीता तांदुलवाडकर व विशिष्ट अतिथि एसएन मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ. प्रशान्त गुप्ता ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। डॉ. प्रशांत गुप्ता ने फोग्सी के समक्ष ग्रामीण क्षेत्रों में भी सेवा कार्य करने का सुझाव रखा। अतिथियों का स्वागत आयोजन समिति की अध्यक्ष डॉ. सरोज सिंह व परिचय यूपीकॉन-2025 की आयोजन सचिव डॉ. रिचा सिंह ने दिया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से डॉ. उषा शर्मा, कीर्ति दुबे, भारती माहेश्वरी, , डॉ. नरेन्द्र मल्होत्रा, डॉ. जयदीप मल्होत्रा, आयोजन समिति की डॉ. शिखा सिंह, डॉ. निधि गुप्ता, डॉ. मोहिता पैंगोरिया, डॉ. आरती मनोज, डॉ. पूनम यादव, डॉ. हेमा सडाना, डॉ. मनीषा गुप्ता, डॉ. संध्या अग्रवाल, डॉ. सुधा बंसल, डॉ. अनुपम गुप्ता, डॉ. सुषमा सिहं, डॉ. नीलम रावत, डॉ. मीनल जैन, डॉ. उर्वशी, डॉ. अनु पाठक, डॉ. अभिलाषा यादव, डॉ. आकांक्षा गुप्ता, डॉ. रत्ना शर्मा, डॉ. सविता त्यागी, डॉ. कीर्ति दुबे, भारती माहेश्वरी आदि उपस्थित थीं।
किडनी फेल्योर के कुल मामलों में 20 फीसदी गर्भवती महिलाएं
आगरा। फोग्सी की पूर्व उपाध्यक्ष (गोरखपुर) की डॉ. साधना गुप्ता ने बताया कि किडनी फेल्योर के कुल मामलों में लगभग 20 फीसदी गर्भवती युवा महिलाएं होती हैं। इसलिए गायनेकोलॉजिस्ट को गर्भवती महिलाओं के किडनी फंक्शन का भी ध्यान रखना चाहिए। बहुत उल्टी आना, एबोर्शन के दौरान सेप्टिक हो जाना, गुर्दे में पथरी या इनफेक्शन, प्रतिरोधकता कम होने के कारण किडनी के फंग्शन प्रभावित हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रसव के तीन महीने बाद उन महिलाओं को विशेष खयाल रखना चाहिए जिनकी बीपी अधिक रहता है, उन्हें यूरिन से प्रोटीन आने और प्रसव में अधिक ब्लीडिंग होती है। प्लेटलेट काउंट पर भी गर्भावस्था में विशेष ध्यान रखना चाहिए।
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