Mathura (Uttar Pradesh, India)। मथुरा। राष्ट्रीय हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यक्रम में कोविड-19 की गाइड लाइन की धज्जियां उड़ा कर रख दी गईं। थाना हाइवे क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में लोग एकत्रित हुए। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग जैसी कहीं कोई चीज नहीं थी। तमाम लोगों के मुहं पर न मास्क थे और नहीं सेनेटाइजिंग की कोई व्यवस्था थी। यहां तक कि लोगों के बैठने के लिए एक दूसरे से सटा कर कुर्सियां लगाई गयीं थीं। सब कुछ सामान्य परिस्थितियों में होने वाली किसी सभा अथवा बडे आयोजन जैसा था। इस दौरान पुलिस भी मौजूद रही। यहां तक कि कार्यक्रम के दौरान कई बार हंगामा हुआ और पुलिस इस दौरान गुत्थमगुत्था कर रहे लोगों को एक दूसरे से अलग करती रही। कार्यक्रम संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष के सम्मान में आयोजित किया गया था। बताया जा रहा है कि थाना हाइवे पुलिस ने संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष को बाकायदा सुरक्षा भी मुहैया कराई।
कोरोना नियंत्रण के लिए जनपद के नोडल अधिकारी एडीजी दो दिन जनपद में थे
यह सब उस दौरान हुआ जब कोरोना नियंत्रण के लिए जनपद के नोडल अधिकारी बना कर भेजे गये एडीजी अजय आनंद भी मथुरा में ही थे। उन्होंने शनिवार और रविववार को दो दिन जनपद में क्राइम की समीक्षा की। साथ ही दो दिवसीय साप्ताहिक लॉकडाउन की स्थिति का भी खुद जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने कोविड-19 की गाइड लाइन का पालन कराने के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिये। दूसरी ओर डिप्टी कलेक्टर राजीव उपाध्याय लगातार कोरोना की गाइड लाइन का उल्लंघन करने वालों पर कार्यवाही कर रहे हैं लेकिन वह भी यहां नहीं पहुंचे। लगातार सरकारी और गैर सरकारी लोगों पर कोविड-19 की कार्यवाही कर रहे डिप्टी कलेक्टर अगर यहां भी पहुंच कर कार्रवाही करते तो लोगों को उनकी सख्ती पर विश्वास और मजबूत होता।
राष्ट्रीय अध्यक्ष की भी खूब हुई फजीहत, बीच बचाव कराती रही पुलिस
कार्यक्रम के दौरान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर कार्यक्रम के बीच में ही एक महिला ने कई संगीन आरोप लगा दिये। महिला खुद को अधिवक्ता बता रही थी। इसके बाद कार्यक्रम में हंगामा हो गया। संगठन के कार्यकर्ताओं ने महिला के साथ धक्का मुक्की कर दी। इसके बाद संगठन की महिला कार्यकर्ताओं ने आरोप लगा रही महिला को जमीन पर गिरा कर पीट दिया। महिला का आरोप था कि उसके साथ ठगी हुई है।
थाना हाइवे में दर्ज कराया था धोखाधडी़ का मुकदमा
आरोप लगाने वाली महिला का कहना था कि इस मामले में थाना हाइवे में धोखाधडी की रिपोर्ट दर्ज कराई गयी थी। अब जिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गयी उसी थाने की पुलिस सुरक्षा में लगी थी। इस पर भी कई प्रश्न उठ रहे हैं।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अपने उपर लगाये गये आरोपों का किया खंडन
संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग ने अपने उपर लगाये गये सभी आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहाकि जो महिला आरोप लगा रही है वह पहले उन्हीं के संगठन में थी। महिला संगठन की सदस्यता शुल्क का मौटा पैसा खा गई। इसके बाद उसे संगठन से बाहर निकाल दिया गया। यह उनके विरोधियों की चाल है जो कार्यक्रम को विफल कराना चाहते हैं।
कुछ लोग लगातार कर रहे हैं गाइड लाइन का उल्लंघन
कोरोना काल में यह देखा गया है कुछ खास सगंठनों से जुड़े लोग लगातार कोविड-19 की गाइड लाइन का उल्लंघन कर रहे हैं। कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। इनके खिलाफ किसी तरह की कार्यवाही करने से अधिकारी पीछे हट जाते हैं जबकि आम आदमी के खिलाफ सख्ती बरती जा रही है लगातार चालान किये जा रहे हैं और दंडित किया जा रहा है।
लोगों के मन सवाल उठ रहे हैं कि
आयोजकों ने इतनी बडी संख्या में लोगों को एकत्रित करने की अनुमति कहां से ली। अगर आयोजन की अनुमति नहीं थी तो कार्यक्रम पूरे दिन कैसे चलता रहा। बिना अनुमति के कार्यक्रम आयोजित हो रहा था तो पुलिस की तैनाती किस के आदेश पर रही। कार्यक्रम की अनुमति नहीं थी तो संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष को पुलिस सुरक्षा क्यों देती रही? जब इतने बडा आयोजन हो रहा था तो कोविड-19 की गाइड लाइन का पालन कराने के लिए कोई अधिकारी मौजूद क्यों नहीं रहा?
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