शास्त्रीपुरम में चल रही है भागवत कथा, भगवान वामन अवतार की कथा सुनाई, 8 जनवरी को कृष्ण जन्म और नंदोत्सव
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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. भागवत कथा के तीसरे दिन लाड़ली किशोरी जी सेवा ट्रस्ट श्रीधाम वृंदावन, मथुरा के अध्यक्ष और अंतरराष्ट्रीय भागवत प्रवक्ता संजय शास्त्री जी महाराज ने पयोव्रत के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस व्रत को करने से पुत्र की प्राप्ति होती है। मेरे कई शिष्यों ने पयोव्रत करके पुत्र की प्राप्ति की है। इसके साथ ही उन्होंने भगवान वामन की अवतार की रोचक कथा सुनाई। उन्होंने यह भी रहस्य खोला का धर्म भाई-बहन का प्रचलन कब शुरू हुआ। 8 जनवरी को श्रीकृष्ण जन्म और नंदोत्सव होगा।
भागवत कथा का स्थान है- 119, एमआईजी, ए ब्लॉक, शास्त्रीपुरम के सामने वाला पार्क। समय है- दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक। मुख्य यजमान हैं- शास्त्रीपुरम निवासी मनोज कुमार शर्मा और श्रीमती पूरन शर्मा (दोनों प्रधानाध्यापक)। प्रातः 8 बजे से रोजाना हवन होता है। कलश उठाने वाली बहनें हवन में शामिल होती हैं।

व्यास पीठ पर विराजमान संजय शास्त्री जी महाराज ने बताया कि पयोव्रत का वर्णन श्रीमद्भागवत के प्रथम खंड के आठवें स्कंध में है। यह 12 दिन करना होता है। जंगल में शूकर द्वारा खोदी गई मिट्टी को लाएं। इस मिट्टी को गंगादल में मिलाकर शरीर पर लेप करें। श्यामा गाय के दूध की खीर बनाएं। इसी का सेवन करना है। भूमि पर शयन करें। भोगों का त्याग करें। 12 दिन विधिपूर्वक व्रत करने से पुत्र की प्राप्ति होती है।
देवी अदिति ने भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए पयोव्रत किया था। यह भी उल्लेख है कि यह फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष में किया जाता है। भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेने के लिए पयोव्रत किया था।

उन्होंने कहा कि गर्भ में बच्चा हरिभजन करता है ताकि बाहर निकल सके। बहू गर्भवती है तो सास बहुत सेवा करती है। जरूरत यह है कि प्रेम हमेशा रहे।
वामन भगवान ने राजा बलि से तीन डग धरती मांगी। फिर राजा बलि से पत्नी को बुला कर संकल्प करने को कहा। गुरु शुक्राचार्य ने मना किया। संकल्प के लिए जल की जरूर होती है। शुक्राचार्य कमंडल की नलकी में छिप गए ताकि जल बाहर न निकले। भगवान वामन ने आँख फोड़ दी। जो दान देने में बाधा बनता है, उसे आंख फूटने के समान दंड मिलता है।
भगवान ने ढाई डग में सबकुछ ले लिया। आधे डग में बलि का शरीर लिया। बलि की पत्नी से वरदान मांगने को कहा तो उसने अपने महल की चौकीदारी मांग ली। लक्ष्मी ने राजा बलि की राखी बांधी और अपने पति विष्णु को मुक्त करने को कहा। लक्ष्मी राजा बलि की धर्म की बहन बनीं। तभी से धर्म भाई-बहन का रिश्ता शुरू हुआ।
इस मौके पर महाराज के सहयोगी जतिन सारस्वत ने कहा कि लाड़ली किशोरी जी सेवा ट्रस्ट द्वारा वृंदावन में आश्रम बनाया जा रहा है। यहां गोशाला भी खुलेगी। इसके निर्माण और गोसेवा हेतु सेवा दे सकते हैं। दान की रसीद अवश्य लें। ऑनलाइन भी दान दे सकते हैं।
कथा स्थल पर 8 जनवरी को दोपहर 12 बजे से फ्री हेल्थचेकअप लगाया जाएगा। इसमें मशीन के माध्यम से पता लगाया जाएगा कि शरीर में फैट कितना है और खान-पान बदलकर कैसे स्वस्थ रहा जा सकता है।
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