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मंदिर में जाकर भगवान से क्या मांगना चाहिए?

NATIONAL PRESS RELEASE REGIONAL RELIGION/ CULTURE

Agra, Uttar Pradesh, India. बालाजीपुरम में श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन व्यासपीठ से संत स्वामी श्री राम प्रपन्नाचार्य महाराज ने श्रीमद्भागवत कथा के मंगलाचरण में राजा परीक्षित का जन्म, नारद जी के जन्म, सनकादिक ऋषियों द्वारा सूत जी के श्रष्टि विषयक प्रश्नों का उत्तर, ध्रुव चरित्र ध्रुव चरित्र जड़ भरत चरित्र अजामिल उपाख्यान नरसिंह अवतार आदि कथाओं को सुंदर प्रसंगों से सुनाया।

संत स्वामी राम प्रपन्नाचार्य जी ने कहा धर्म में लगा धन प्रेम और मेल जोल बढ़ाता है। गलत कार्यों में लगाया धन जेल कराता है। ईश निंदा व पर निंदा से बड़ा कोई पाप नहीं है। पहले सभी घरों में  गुरु,  विप्र और देव पूजन होता था, आज कितनों में हो रहा है? आज  घर-घर कुत्तों का पूजन  हो रहा है। मंदिर जाओ- कुछ मांगना है, तो धर्म मांगो क्योंकि धर्म आपके साथ हैं, तो सब कुछ आपके साथ होगा। क्योंकि मानव योनि ही धर्म योनि है  बाकी सब  कुत्ता,गधा,घोड़ा आदि भोग योनि है।

सद्गुरु की कृपा के बिना आत्मज्ञान संभव नहीं है मन को भगवान को अर्पण कर भागवत सुने तब ही कल्याण संभव है क्योंकि भागवत कल्पतरु है। इसके श्लोक को सुनते ही कष्ट दूर हो जाते हैं। कथा में भानुदेवाचार्य, भाजपा नेता केके भारद्वाज, राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल, ठाकुर राजवीर सिंह, महावीर सिंह चाहर, मुन्ना कुलश्रेष्ठ, पंडित रघुवीर दास दीक्षित, विष्णु पंडित आदि प्रमुख लोगों  ने आरती व कथा श्रवण कर धर्म लाभ लिया।