mount letera zee school students

माउंट लिट्रा जी स्कूल में जबर्दस्त दीपोत्सव, देखें तस्वीरें

PRESS RELEASE REGIONAL RELIGION/ CULTURE

Agra, Uttar Pradesh, India. माउंट लिट्रा ज़ी स्कूल में दिवाली उत्सव का आयोजन किया गया। उत्सव की मेजबानी प्राथमिक स्तर के विद्यार्थियों ने की। बच्चों ने इस उत्सव को बहुत ही खास तरीके से मनाया क्योंकि उन्होंने दिवाली के त्योहार पर अपनी धरती को प्रदूषण और शोर से बचाने का संदेश दिया।

सुबह-सुबह निकाली गई प्रभात फेरी में बच्चे हाथों में ‘अब की बारी हरी दिवाली’ और ‘इतना धुआँ, इतना शोर, साँसों को करता कमजोर’ जैसे संदेश लिखे हुए पोस्टर लिए नजर आए। इसी प्रकार के संदेशों को तेज आवाज में बोलते बच्चे इस बार पटाखे रहित दीवाली मनाने के लिए तैयार दिखाई दे रहे थे। बच्चे बड़ों को भी ये सिखाने का प्रयास कर रहे थे कि धरती को वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण से बचाने व जीवन को सुरक्षित रखने के लिए पटाखे बहुत हानिकारक है अब हमें पटाखे रहित दीवाली मनानी चाहिए।

इसके अतिरिक्त विद्यालय को पूरी तरह सजाया गया था। रंग-बिरंगे सुंदर पारंपरिक परिधानों में सजे अपनी अपनी कक्षा को सबसे सुंदर सजाना चाहते थे। बच्चों ने दीवाली से संबंधित अनेक प्रतियोगिताओं जैसे दीपक सजाना, मोमबत्ती सजाना, कंदील बनाना, तोरण बनाना, रंगोली बनाना आदि में बढ़ चढ़कर भाग लिया। मिठाइयाँ और अनेक प्रकार के पकवानों को मिल बाँटकर खाते हुए बच्चों ने विद्यालय में इस उत्सव को पूरे उत्साह और खुशी से मनाया।

इस अवसर पर विद्यालय के निदेशक स्पर्श बंसल ने कहा कि बढ़ती हुई प्रदूषण की समस्या को देखते हुए हमें इसके लिए जागरूक हो जाना चाहिए और विशेष रूप से अपने बच्चों को जागरूक करना चाहिए। पटाखे चलाने से मिलने वाली थोड़ी देर की खुशी हजारों लाखों जिंदगियों के लिए काल बन सकती है और हम अपनी खुशी की इतनी बड़ी कीमत नहीं चुका सकते।

प्रधानाचार्या रंजीता रानी ने अपने वक्तव्य में कहा कि हमें समय की आवश्यकता देखते हुए अपनी खुशियों और परंपराओं को मनाने के तरीकों में बदलाव करना होगा। आज हमारा पर्यावरण  अनेक प्रकार के प्रदूषण से घिरा हुआ है जो जीवन के लिए घातक है। अब दिवाली की इस सुंदर त्योहार की सुंदरता को बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि पटाखे बिल्कुल न चलाए जाएं। इससे हम सच्चे अर्थों खुशियों को संजो सकेंगे।

विद्यालय के प्रबंधक अंकुर काबरा ने कहा कि त्योहार के इस अवसर पर अच्छे स्वास्थ्य और सच्ची खुशियों के लिए पटाखों से दूर धरना जरूरी है। अब हमें वचनबद्ध होना पड़ेगा कि जीवन के विनाश के इस कुकृत्य में शामिल नहीं होंगे और अपने बच्चों को भी इससे दूर रखेंगे।

Dr. Bhanu Pratap Singh