आप राधा रानी के बारे में कितना जानते हैं, वृंदावन से पधारी देवी माहेश्वरी श्रीजी सुना रही अद्भुत कथा, 18 जून को होगा राधा जी का प्राकट्य

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कथा व्यास ने वरिष्ठ पत्रकार डॉ. भानु प्रताप सिंह की अयोध्या पर लिखित पुस्तक का किया लोकार्पण

डॉ भानु प्रताप सिंह

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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. विश्व में पहली बार श्री राधा रानी पर केंद्रित तीन दिवसीय भागवत कथा का शुभारंभ हो गया है। वृंदावन से पधारी श्री देवी माहेश्वरी श्रीजी ने राधा रानी के बारे में पहले दिन अनेक अद्भुत कथाएं सुनाई। आमतौर पर हम श्री राधा रानी के बारे में सिर्फ इतना जानते हैं कि श्री कृष्ण जी से उनका अलौकिक प्रेम था, लेकिन श्रीजी की कथा इससे आगे बढ़कर है। अगर आप कथा सुनने आते हैं तो राधा रानी के बारे में जानकर आपका हृदय प्रेम और श्रद्धा से भर जाएगा। व्यासपीठ से कामना की गई की सब पर राधा रानी की कृपा बनी रहे। देवी माहेश्वरी श्रीजी ने वरिष्ठ पत्रकार डॉ. भानु प्रताप सिंह की अयोध्या पर लिखित पुस्तक का लोकार्पण भी किया।

विश्व मंगल परिवार सेवा संस्थान 

विश्व मंगल परिवार सेवा संस्थान आगरा द्वारा श्री राधा माधव रासामृत कथा का आयोजन 17, 18. 19 जून को किया जा रहा है। श्री अग्रवाल सेवा सदन लोहामंडी आगरा में चल रही कथा का समय है अपराह्न 1.00 से 4:00 बजे तक। कथा स्थल को अत्यंत आकर्षक रूप दिया गया है। 18 जून को श्री राधा रानी का प्राकट्य की कथा होगी।

श्री राधा माधव रसामृत कथा के मुख्य बिंदु

श्री कृष्णा अपनी लीला समाप्त करके अपने धाम चले गए तो यादव वंश का सर्वनाश हो गया। श्री कृष्ण के प्रपौत्र वज्रनाभ और उद्धव जीवित रह गए।

देवी माहेश्वरी श्रीजी वृंदावन कथा का श्रवण करा रही हैं।

वज्रनाभ अब हस्तिनापुर जाकर राजा परीक्षित से मिले और उन्होंने वृंदावन देखने का आग्रह किया। राजा परीक्षित ने उन्हें वृंदावन भेजा। वज्रनाभ ने देखा कि वृंदावन की करील तक सूख गई है। एक कुटीर में एक ऋषि उनका जाप कर रहे हैं। वे नंद के पुरोहित शांडिल्य ऋषि थे।

 

जो चिन्ह ठाकुर जी के चरणों में है वही श्री राधा जी के चरणों में है।

 

भक्ति करो तो ठाकुर जी के चरण देखो, मुख दर्शन बाद में करना। बिहारी जी के चरणों के दर्शन अक्षय तृतीया पर होते हैं। चरणों में शंख, पदम, चक्र आदि हैं।

 

शंकर भगवान श्रीजी की भक्ति में रहते हैं। वे जब वह प्रसन्न हो जाते हैं तो राधा रानी की भक्ति प्रदान करते हैं और वृंदावन भेजते हैं।

ये हैं कथा में मुख्य भूमिका निभाने वाले।

श्री श्री श्री कहकर देखो, आप औरों से अलग हो जाओगे। श्रीजी सुकून है। सब कुछ श्री जी के चरणों में है पकड़ो तो सही। राधा रानी को सिर्फ भाव चाहिए।

 

कभी मोक्ष मत लेना। वृंदावन में आओ, भोग खाओ और खबाओ।

 

शनि देव राधा रानी के भैया हैं।  वे कोकिलावन में स्वयंभू प्रकट हुए हैं।

 

जब अंतःस्थल में प्रवेश करेंगे तो जानेंगे कि शरीर की नाड़ियां राधा रानी की सखियां हैं।

 

कथा के मुख्य यजमान श्रीमती करुणा तिवारी और श्री किशोर तिवारी (श्रमजीवी प्रॉपर्टी लिंकर, शास्त्रीपुरम), दैनिक यजमान हरेंद्र सिंह, कपिल तरकर, रामवीर तरकर, वीरेंद्र अग्रवाल ने आरती की।

विश्व मंगल परिवार सेवा संस्थान के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लालता प्रसाद सारस्वत और राष्ट्रीय संगठन मंत्री मुकेश गोयल ने बताया कि कथा ठीक 1:00 बजे शुरू हो रही है, इसलिए भक्तजन समय पर पधारें। सभी प्रवेशिका पहन कर आएं। मंच संचालन प्रतिभा जिंदल ने किया।

कथा का श्रवण करते भक्तजन।

देवी माहेश्वरी श्रीजी: भक्ति की साकार मूर्ति

सर्वव्यवस्था प्रमुख श्री ललिता प्रसाद सारस्वत ने बताया कि वृंदावन की पावन भूमि से पधारी पूज्य देवी माहेश्वरी श्रीजी एक ऐसी कथाव्यास हैं, जिनकी वाणी में भक्ति और अध्यात्म का संगम है। उनकी कथाओं में राधा-कृष्ण की लीलाओं का जीवंत चित्रण होता है, जो श्रोताओं को भाव-विभोर कर देता है। देश-विदेश में उनकी कथाओं ने लाखों भक्तों के हृदय को स्पंदित किया है। उनकी सौम्यता, विद्वता और भक्ति भाव ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक विशेष स्थान दिलाया है। इस कथा में उनकी उपस्थिति आगरा के भक्तों के लिए एक अनमोल उपहार है।

 

इन्हें मिला आशीर्वाद

इस अवसर पर रमाशंकर अग्रवाल, महेश अग्रवाल, रेखा अग्रवाल, निकिता अग्रवाल, महावीर मंगल, पंडित प्रेम प्रकाश शर्मा गीता मनीषी, बलकेश्वर मंदिर के महंत कपिल नगर, राजेंद्र शास्त्री, अजय अग्रवाल एडवोकेट, राकेश अग्रवाल, संजय शर्मा, बांके बिहारी मिष्ठान, जितेंद्र फौजदार फतेहपुर सीकरी, तपन अग्रवाल, केएल गर्ग, राजेश चतुर्वेदी, संजीव गोयल, वर्षा अग्रवाल वृंदावन, महेश गोयल, नीतू मित्तल, पवन अग्रवाल, स्वीटी गोयल, अदिति कात्यायन, विजय गोयल, कमलेश बंसल आदि ने व्यासपीठ से आशीर्वाद लिया।

 

कथा का आस्था चैनल पर लाइव प्रसारण किया जा रहा है, जिससे विश्वभर के श्रद्धालु लाभान्वित हो रहे हैं।

महिला श्रद्धालुओं की उपस्थिति उल्लेखनीय है।

कथा में इनकी मुख्य भूमिका

वीरेन्द्र अग्रवाल, अजय गोयल,  लालता प्रसाद सारस्वत, सर्वव्यवस्था प्रमुख मुकेशचन्द गोयल को-ऑर्डिनेटर, मुकेश नेचुरल मुख्य संयोजक, कालीचरन गोयल कोषाध्यक्ष, श्रीप्रकाश सिंह संयोजक, विजय गोयल संयोजक, मनीष गर्ग, राजीव शर्मा, अगम गौतम, राजेश चतुर्वेदी, रमाशंकर अग्रवाल, महेश गोयल, मनीष अग्रवाल, लक्ष्मीनारायन मित्तल (सभी उपाध्यक्ष), प्रतिभा जिंदल मंच संचालन, विमलेश सारस्वत, सीमा सिंह मंच व्यवस्था, सचिन अग्रवाल संगठन मंत्री , दीपक तोमर एड. प्रचार प्रसार प्रभारी, प्रमोद जिन्दल प्रसाद वितरण प्रभारी, शोभा कुलश्रेष्ठ कार्यक्रम व्यवस्था प्रभारी, प्रीतराज कार्यक्रम व्यवस्था प्रभारी, कंचन शर्मा कार्यक्रम व्यवस्था प्रभारी, अनीता अग्रवाल आरती व्यवस्था प्रभारी मुख्य भूमिका निभा रहे हैं।

राधा—श्रद्धा की चेतना

श्री राधा रानी कोई ऐतिहासिक चरित्र नहीं, वे चेतना हैं। वे भाव की वह अवस्था हैं जहाँ प्रेम निष्काम, शुद्ध और समर्पित हो जाता है। वृंदावन की गलियों में यदि कुछ जीवित है तो वह है—राधा का नाम। देवी माहेश्वरी श्रीजी जैसी साध्वी संतों के माध्यम से जो कथा बह रही है, वह केवल कानों की नहीं, आत्मा की तृप्ति का माध्यम बन रही है।

आज जब मनुष्य भौतिक उपलब्धियों को ही परम मान बैठा है, राधा रानी की भक्ति उसे पुनः अपने मूल भाव—प्रेम, त्याग और माधुर्य की ओर लौटने का आमंत्रण दे रही है। इस कथा को सुनना केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, आत्मा की यात्रा है।

जय श्री राधे।

Dr. Bhanu Pratap Singh