खाद्य विभाग, जीएसटी विभाग और नगर निगम कोई नहीं देखता इधर
ढाबों पर कीट युक्त सब्जी दिये जाने पर ग्राहक से बदसलूकी
मुख्य सड़क पर अवैघ कब्जा कर ढाबे का संचालन
मथुरा। एक तरफ जहां जिला प्रशासन व नगर निगम, मथुरा वृन्दावन में बढ़ते भीड़ के दबाव और जगह-जगह लगते जाम से परेषान है, तो वहीं सड़क किनारे लगते ढावों ने लोगों का सड़क पर चलना भी दूभर कर रखा है। जगह-जगह अवैध ढाबे खुल गये हैं जो कि सड़क पर ही लोगों को कुर्सी डाल कर खाना खिलाते हैं। जिसके कारण सड़कें भी सिकुडती जा रही हैं। वहीं इन ढाबों पर मिलने वाला खाना भी निम्न स्तर का परोसा जा रहा है। न तो नगर निगम का ध्यान इस ओर है, न खाद्य विभाग ऐसे ढाबों की नियमित जांच ही करता है। स्थानीय पुलिस की मिली भगत से ढाबा करोवारी खूब फल फूल रहे हैं।
मथुरा जंकशन स्टेशन से पंजाबी पेच तक अनगिनत सड़क पर लगने वाले ढाबे खुल गये हैं, सड़क पर खुले में ही लोगों को कुर्सी टेबिल डाल कर खाना खिलाया जा रहा है। खाने की क्वालिटी की शिकायत यात्री परदेशियों द्वारा आय दिन की जाती है। शिकायत करने पर ग्राहक को ढाबा संचालक द्वारा गाली गलोज करके वहां से भगा दिया जाता है। झगड़ा ज्यादा बढ़ता देख ढाबा संचालक द्वारा कहा जाता है कि हम तो पुलिस तक को मोटी रकम देकर यहां ढाबा चलाते हैं। यहां तक कहते सुना गया कि हमारा कोई कुछ नहीं कर सकता है।
मथुरा जंकशन रोड़ स्थित योगीराज होटल एण्ड रेस्टोरेन्ट द्वारा तो आधी से ज्यादा सड़क घेर कर सड़क पर ही लागों को बिठाकर खाना परोसा जा रहा है इसके यहां न तो खाद्य विभाग का कोई अधिकारी आता है, न ही पुलिस इससे कुछ कहती है, इस ढाबा संचालक का कहना है कि स्थानीय पुलिस व बड़े अधिकारियों तक को ढेड लाख रुपये प्रति माह पहुंचाता हूँ, तब जाकर सड़क पर ढाबा चलाता हूँ, कोई मेरा कुछ नहीं कर सकता है।
यहां आने वाले यात्री परदेशी खाना खाने के वाद दी गई रकम की रसीद की मांग करते हैं जिसको लेकर आयदिन झगड़े होते देखे जा सकते हैं। खाद्य विभाग को न तो यहां मानकों के अनुसार साफ सफाई दीखती है, न जीएसटी विभाग को यहां होने वाली मोटी कमाई पर कोई बिल दिया जा रहा है या नहीं यह दीखता है, न ही नगर निगम को यह दीखता है कि सड़क पर किस तरह से अवैध कब्जा करके ढाबा चलाया जा रहा है। पुलिस विभाग तो मोटी रकम बसूल कर यहां सड़क किनारे लगने वाले ढाबों का संचालन कराता है, स्थानीय पुलिस चौकी बाग बहादुर द्वारा किसी का झगड़ा होने पर ढाबा संचालक को कुछ कहने के बजाय ग्राहकों को ही हडका कर चलता कर दिया जाता हैं, यहां तक कि ढाबा संचालक ने कुछ गुन्डें़ भी पाल रखे है जो किसी से भी झगड़े की स्थिति में आकर चारों ओर से झगड़ा करने वाले ग्राहक को घेर कर गाली गलोज करते हुए मारने पीटने की धमकी तक देते हैं।
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