dr bhanu pratap Singh, editor

लेखक और पत्रकार डॉ. भानु प्रताप सिंह ‘चपौटा’ का जीवन परिचय

Education/job My book NATIONAL लेख साहित्य

नामः डॉ. भानु प्रताप सिंह

साहित्यिक नाामः डॉ. भानु प्रताप सिंह ‘चपौटा’

शिक्षाः
एमबीए, पीएचडी

विशेष उपलब्धियां

-डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा से प्रबंधन विषय में हिन्दी माध्यम से विद्या वाचस्पति (पीएचडी) की उपाधि लेने वाला प्रथम।

-हिन्दी माध्यम से शोध के लिए भारत सरकार की संस्था ‘द सर्वे ऑफ इंडिया’ ने वर्ष 2008 के सर्वे में पृष्ठ संख्या 83 पर क्रमांक 9 पर नाम शामिल किया।

-उत्तर प्रदेश सरकार के क्षेत्रीय अभिलेखागार में पुस्तकें सूचीबद्ध

-फतेहपुर सीकरी पर विशेष शोध कार्य।

-मूलतः पत्रकार, अमर उजाला, दैनिक जागरण में लोकप्रिय व्यंग्य कॉलम लिखे।

-काव्यात्मक समाचार लिखने का पहली बार प्रयोग।

-10 पुस्तकें प्रकाशित, 5 पुस्तकें प्रकाशन की प्रतीक्षा में, 7 पुस्तकें संपादित।

 

माता-पिता- स्व. श्रीमती कस्तूरी देवी- स्व.जगदीश प्रसाद वर्मा (आशुकवि)

पत्नीः श्रीमती इन्दु सिंह, *पुत्री-* सुश्री प्रगति सिंह (एमबीए), *पुत्र* रजत प्रताप सिंह (एमबीए)

जन्म: 24 जुलाई, 1966

 निकासः ग्राम- चपौटा, पोस्ट- गनियावली, तहसील- अतरौली, जिला- अलीगढ़।

शिक्षा: एमबीए, पीएचडी

पीएचडी का विषयः उत्तर प्रदेश प्रशासन में मानव संसाधन की उन्नत प्रवृत्तियों का एक विश्लेषणात्मक अध्ययन- आगरा मंडल के संदर्भ में।

 

पत्रकार- सम्पादक के रूप में:

1989-90 से पत्रकार। 4000 से अधिक बाईलाइन खबरें प्रकाशित। दैनिक जागरण, आगरा में आगरा नगर निगम के बारे में लगातार 40 दिन तक बाईलाइन खबरें प्रकाशित, जो एक रिकॉर्ड।

आगरा के सांध्य दैनिक स्वराज्य टाइम्स से पत्रकारिता की शुरुआत। दैनिक जागरण, अमर उजाला, राष्ट्रीय सहारा दिल्ली, हिन्दुस्तान, राजस्थान पत्रिका के बाद ‘द सी एक्सप्रेस’ में सम्पादक रहे। फिर हिन्दी दैनिक कल्पतरु एक्सप्रेस में कंटेंट एडिटर के रूप में कार्य किया। पत्रिका समूह (राजस्थान पत्रिका) के डिजिटल एडिशन www.patrika.com आगरा जोन के संपादक। राजस्थान पत्रिका का पंजाब राज्य प्रभारी। 2006 में हिन्दुस्तान आगरा और अप्रैल, 2008 में हिन्दुस्तान के अलीगढ़ संस्करण को लॉन्च कराया।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को महत्वपूर्ण बीट के रूप में स्थापित करने का श्रेय।

जुलाई, 2001 में भारत-पाक शिखर वार्ता में विदेश मंत्री जसवंत सिंह की लाइव प्रेसवार्ता में 400 पत्रकारों के बीच आगरा से प्रश्न पूछने का साहस करने वाला एकमात्र पत्रकार।

अमर उजाला में ‘गपशप’ और ‘खरी-खरी’ तथा दैनिक जागरण में ‘शहरनामा’ के नाम से लोकप्रिय व्यंग्य कॉलम लिखे।

श्रीराम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद की कवरेज के लिए अमर उजाला ने दिसम्बर, 1992 में अयोध्या भेजा।

शहरी जनसमस्या, विकास, सामाजिक समस्याएं, पर्यटन, प्रशासन, शिक्षा, स्वास्थ्य, पुरातत्व, कृषि, राजनीति में अनेक न्यूजब्रेक।

काव्यात्मक खबरें लिखने का पहली बार प्रयोग।

फतेहपुर सीकरी पर विशेष शोध कार्य

 

संप्रतिः

सलाहकार संपादक, जनसंदेश टाइम्स (उत्तर प्रदेश में छह स्थानों से प्रकाशित)

संपादकः www.livestorytime.com

संपादकीय परामर्श मंडलः मासिक ई पत्रिका स्पंदन- हृदय से हृदय तक

संयुक्त सचिवः भारतीय इतिहास संकलन समिति, बृज प्रांत, आगरा

सदस्यः अधिष्ठाता मंडलः हिन्दी से न्याय अभियान

उपाध्यक्ष, ताज प्रेस क्लब, आगरा

 

विशेष उपलब्धि:

एमबीए करने के बाद डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा द्वारा अप्रैल, 2008 में प्रबंधन में विद्या वाचस्पति (पीएचडी) की उपाधि से सम्मानित। एमबीए में हिन्दी में उत्तर लिखने पर प्रथम सत्र में अनुत्तीर्ण। प्रबंधन क्षेत्र में हिन्दी माध्यम से किया गया पहला शोध प्रबंध। मीडिया में व्यापक कवरेज। आगरा आने वाले राष्ट्राध्यक्षों की कवरेज। हिन्दी भाषा के उत्थान के लिए समर्पित।

 

शोधः

सीकरी के सिकरवार- एक ऐतिहासिक अध्ययन

फतेहपुर सीकरी का किला अकबर से पहले का है। इस पर सिकरवारों का आधिपत्य था। राणा सांगा और बाबर के बीच हुए युद्ध में पराजय के बाद सिकरवार यहां से पलायन करके गहमर (जिला आजमगढ़-उत्तर प्रदेश) में चले गए। लिखित इतिहास मौन है,  लेकिन किंवदितयां और तत्कालीन साहित्य इस बात को प्रमाणित करता है। इस शोध प्रबंध को भारतीय इतिहास अनुसांधन परिषद, नई दिल्ली (आईसीएचआर) ने इसलिए अस्वीकृत कर दिया कि मुगलकालीन इतिहास बदलने जा रहा था। एक छिपा हुआ सच सबके सामने आ सकता था। शोध को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार का दौरा करना होगा। इसी शोध पर जैन धर्म का प्रमुख केन्द्र थी फतेहपुर सीकरी पुस्तक प्रकाशित।

सम्मान:

सामाजिक, सांस्कृतिक और साहित्यिक संस्थाओं द्वारा अब तक 88 संस्थाओं से सम्मान। प्रमुख राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर और पत्रकारिता के लिए मिले पुरस्कारों की सूची-

  अमेजन पर डॉ. भानु प्रताप सिंह की पुस्तकें

राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान

1.हिन्दी के लिए कार्य करने पर साहित्य मंडल, नाथद्वारा, राजस्थान द्वारा *पत्रकार प्रवर* की मानद उपाधि से सम्मानित। 2009

  1. श्रुतसेवा निधि न्यास, फिरोजाबाद द्वारा *आचार्य महावीर कीर्ति श्रुतसेवा अलंकरण-2013

3.श्रुतसेवा निधि न्यास, फिरोजाबाद द्वारा *पत्रकार विद्यामार्तण्ड* तथा *पुरातत्व विद्या मार्तंड* की मानद उपाधि से सम्मानित। 2013

  1. विश्व साहित्य सेवा ट्रस्ट एवं निखिल प्रकाशन समूह द्वारा *राष्ट्र गौरव सम्मान।* 2022
  2. उत्तर प्रदेश अमन कमेटी द्वारा *भू.पू. राष्ट्रपति स्व. श्री फखरुद्दीन अली अहमद शांति सद्भाव राष्ट्रीय सम्मान 1995-96*

 

राज्यस्तरीय

  1. उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक द्वारा विशिष्ट जनसेवा सम्मान 2015
  2. श्री कलिकुंड पार्श्वनाथ आदि 24 जिनालय जैन दादाबाड़ी आगरा द्वारा विशिष्ट सम्मान 2014
  3. श्रुत सेवा न्यास द्वारा द्वारा प्रकाशित मासिक मैगजीन अक्षर-2014 में जीवनवृत्त प्रकाशित
  4. मानव सेवा ब्लड बैंक और श्री नारायण कल्याण सेवा समिति द्वारा शान-ए-आगरा अवॉर्ड
  5. नटरांजलि थिएटर आर्ट्स द्वारा प्राइड ऑफ ओलंपियन अवॉर्ड 2018
  6. युवक बिरादरी राष्ट्रीय संगठन मुंबई द्वारा एक सुर एक ताल के लिए गौरव प्रमाणपत्र 1997

 

  1. अंतरराष्ट्रीय

1.छठवां अंतरराष्ट्रीय ताजरंग महोत्सव में ताज रत्न सम्मान- 2021

2.विश्व साहित्य सेवा ट्रस्ट एवं निखिल प्रकाशन समूह द्वारा राष्ट्र गौरव सम्मान 2022

3.आठवां अंतरराष्ट्रीय ताज रंग महोत्सव में विशिष्ट सम्मान 2023

4.पांचवां ग्लोबल ताज इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में विशिष्ट सम्मान 2023

 

पत्रकारिता

1.हिन्दुस्तान समूह द्वारा पत्रकारिता में अमूल्य निधि सम्मान- 2007

  1. राजस्थान पत्रिका समूह द्वारा श्रेष्ठ हम्यूमन स्टोरी वर्ग में श्री चंद्रभान पुरस्कार 201*
  2. लीडर्स आगरा द्वारा पंकज कुलश्रेष्ठ मेमोरियल अवॉर्ड 2021
  3. साहित्य संगम संगीत द्वारा रोशन लाल गुप्त करुणेश प्रतिभा प्रशस्ति सम्मान 2019
  4. पत्रकार परिषद उत्तर प्रदेश द्वारा सम्मान 2017 और 2018
  5. अखिल भारतीय माथुर वैश्य महासभा द्वारा स्वयं गौरव अवॉर्ड 1997
  6. डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय द्वारा अमर उजाला के माध्यम से पर्यटन विकास में अप्रतिम योगदान के लिए भारतीय पर्यटन दिवस (25 जनवरी) को अवॉर्ड 2001
  7. पत्रकारिता संवेदीकरण के लिए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और नेशनल काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी कम्युनिकेशन डीएसटी नई दिल्ली द्वारा प्रशस्ति पत्र (6-10-2008)
  8. हरप्रसाद व्यवहार अध्ययन संस्थान आगरा द्वारा पत्रकारिता, साहित्य, लेखन के लिए पं. हरप्रसाद भार्गव स्मृति सम्मान-2013

 

साहित्य की बात:

साहित्यकार होने का भ्रम नहीं। शुरू से कविता लिखने की रुचि। कवि सम्मेलनों में भाग। विद्यार्थी जीवन में निबंध, कहानी, कविता प्रतियोगिताएं कराईं। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में लेख और कविताएं प्रकाशित। आकाशवाणी, आगरा से अनेक वार्ताएं प्रसारित।

 

प्रकाशित पुस्तकें:

  1. जैन धर्म का प्रमुख केन्द्र थी फतेहपुरसीकरी (शोधपरक पुस्तक)
  2. क्या है फतेहपुर सीकरी का रहस्य? (शोधपरक पुस्तक)
  3. भारत के तलवारबाज और स्मारक प्रेमी किन्नर (शोधपरक पुस्तक)
  4. मेरे हसबैंड मुझको प्यार नहीं करते (उपन्यास)
  5. NM@2AM (जाने-माने स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नरेन्द्र मल्होत्रा की आत्मकथा)
  6. हिन्दू धर्म रक्षक वीर गोकुला जाट (ऐतिहासिक उपन्यास)
  7. 7. मेरौ गाम चपौटा (अपने गांव का 1857 का इतिहास खोजा)
  8. 10 Magical Thoughts & 10 Most Popular Global Leaders : That Can Change Your Life rxe.me/KLRQM2
  9. आपकी जिंदगी बदलने वाले विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय 10 नेताओं के 10 जादुई विचार

  1. The Power of Ten-2 Why Can’t We Do?

rxe.me/TYHK98

  1. The Power of Ten-2: हम क्यों नहीं कर सकते? rxe.me/TP92SY

 

प्रकाशन की प्रतीक्षाः

1.ताजमहल के गीत

2.ताजमहल में राम

3.क्या इंसान अमर हो सकता है?

4.तीरंदाज (व्यंग्य संग्रह)

5.संपादक के प्रेमपत्र

  1. 4 रईसजादे (माता-पिता को सार्थक संदेश देने वाली पुस्तक)

 

*संपादित पुस्तकें:*

  1. अहिंसा महाकुंभ: तरुण क्रांति मंच ट्रस्ट, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित एक मासिक पत्रिका 2010-2012
  2. 2. कड़वे प्रवचन भाग -8, क्रांतिकारी राष्ट्र संत जैन मुनि तरुण सागर महाराज द्वारा लिखित एक अंतरराष्ट्रीय सर्वश्रेष्ठ विक्रेता पुस्तक 2015
  3. मेरी कश्मीर यात्रा: चौधरी उदयभान सिंह, एमएसएमई राज्यमंत्री, यूपी 2015

4.परहित सरिस धर्म नहीं भाई: स्मारिका का विमोचन उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने किया। मंजीत सिंह स्मृति जनसेवा समिति आगरा द्वारा प्रकाशित।

  1. मैं हिन्दू: राजेश खुराना द्वारा लिखित और निखिल प्रकाशन द्वारा प्रकाशित 2021

6.राजपथ पर किसान राज: प्रोफेसर के.एस. राना, कुलपति द्वारा लिखित और निखिल प्रकाशन द्वारा प्रकाशित 2021-2022

  1. 7. A motivational Story: मुश्किल नहीं है कुछ भी गर ठान लीजिए (मेवाड़ विवि के कुलपति प्रो. केएस राना द्वारा रचित पुस्तक)

संपर्क

दूरभाष: 9412652233, 8279625939

मेलः  [email protected]

पताः एमआईजी/ए-107, शास्त्रीपुरम, सिकंदरा-बोदला रोड, आगरा- 282007

Why Can't We Do QR code in Hindi?
The Power of Ten: Why can’t We Do

 

why can't we do book in English
why can’t we do book in English