Agra, Uttar Pradesh, India. केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्यमंत्री तथा आगरा के सांसद प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल से आगरा पेपर पैकिंग एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मुलाकात की। उन्हें अपनी समस्याएं बताईं। ज्ञापन सौंपा। मांग की लघु उद्योग से जुड़ी जो निर्यात इकइयां पैकिंग मैटेरियल सप्लाई करती हैं, विगत 3 माह से 50% तक आई तेजी के कारण बंदी के कगार पर पहुंच चुकी है। अगर कोरोना काल के पूर्व के दामों पर दृष्टि डाली जाए तो लगभग 150% तक बढ़ चुके हैं। अब हालात यह है कि ये इकाइयां स्वयं को आर्थिक दिवालिया घोषित करने को मजबूर है।
केन्द्रीय मंत्री को बताया गया कि कागज एवं अन्य कच्चे माल के रेट दिन प्रतिदिन बढ़ रहे हैं, जिससे मूल्य निर्धारण नहीं किया जा सकता है। इसी कारण माल लागत से कम में देने को बाध्य हैं। इस अस्थिरता के कारण कागज मिलें जो कोरोना काल से पूर्व उधार देती थीं, वह अब अग्रिम भुगतान के बाद भी माल की पूर्ति नहीं कर रही हैं। पूर्व में बॉक्स पर G S T दर 12% थी परंतु इस समय 18 % कर दिया है। पेपर पर जीएसटी जर 12% है। 6% जीएसटी का अतिरिक्त बोझ इन इकाइयों पर है। इसलिए तुरंत हस्तक्षेप करके मिलों को कालाबाजारी रोकने के लिए निर्देशित किया जाए।
प्रो. बघेल से मिलने वाले प्रतिनिधियों में अध्यक्ष प्रदीप पुरी, महामंत्री बटी ग्रोवर, कोषाध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल एव मंत्री प्रवीण तलवार शामिल थे। एसोसिएशन में नितिन शर्मा, शैलेन्द्र शर्मा, गुड्डू बंसल, सुशील जैन, रमन सग्गी, विकास महाजन, सागर सचदेवा, शुभम अग्रवाल, अमित अग्रवाल, योगेश जैन, मोनू ग्रोवर, रचित जिंदल सदस्य हैं।
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