danpur fort

भारत के इस किले में छिपे हैं कई रहस्य, देखें वीडियो

NATIONAL PRESS RELEASE REGIONAL

Bulandshahr, Uttar Pradesh, India. आज हम आपको ले चलते हैं दानपुर गांव। नहीं सुना न। कोई बात नहीं, हम बताते हैं। दानपुर गांव भारत में उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिला मुख्यालय से कोई 40 किलोमीटर दूर है। डिबाई से दानपुर 8.6 किमी, पहासू से दानपुर 15.2 किमी और अनूपशहर से दानपुर 18.2 किमी किलोमीटर दूर है। दानपुर ब्रिटिश भारत के दौरान एक जागीर था, जिसका मालिकाना हक लालखनी बड़गुजर मुस्लिम राजपूत समुदाय के पास था। दानपुर प्रसिद्ध है विशाल किले के कारण। यह किला 416 वर्ष पुराना है। सबसे बड़ी बात यह है कि दानपुर किला से राजघाट (गंगा जी) तक कोई 20 किलोमीटर लम्बी सुरंग है। राजा अनिराय ने इसका निर्माण कराया था।

राजा अनिराय ने कराया निर्माण, लंदन से आया था घंटा

दानपुर किले का निर्माण तत्कालीन राजा अनिराय ने हिजरी सन 1025 में करवाया था। इस समय हिजरी सन 1441 है। राजा अनिराय शिकार खेलने के दौरान इस किले में रुककर आराम किया करते थे। बाद में इस किले का जीर्णोद्धार कुंवर अंबार मियां ने कराया। इस किले में चार मीनारें हैं, जो दूर से ही दिखाई देती हैं। एक बड़ा घंटाघर है, जिसमें चालीस मन का घंटा लगा था। हालांकि कुछ वर्ष पूर्व यह घंटा चोरी हो चुका है। किले का घंटा जब बजता तो आवाज 12 किमी तक सुनाई देती थी। इस विशेष घंटे को लंदन से हाथियों द्वारा डिप्टी वजीर अली साहब लाए थे। दानपुर किले में सात गुंबदों का भी अपना महत्व है। एक महिला मस्जिद आज भी मौजूद है।

20 किलोमीटर लम्बी सुरंग

दानपुर किले से जमीन के अंदर राजघाट गंगातट के लिए लगभग 20 किमी लंबी सुरंग जाती है। इसी सुरंग से सात घोड़ों की बग्गी पर सवार होकर राजा अनिराय की पत्नी गंगा स्नान के लिए जाया करती थीं। किले की सभी दीवारों पर आज भी घड़ी लगी हैं। इन घड़ियों का प्रयोग लोग समय देखने के लिए करते थे। दानपुर निवासी सोनपाल सिंह ने बताया कि किले का मालिकना हक जावेद मियां निवासी सेंटर पॉइंट, अलीगढ़ के पास है। वे यहां आते रहते हैं। उन्होंने कई बार किले की मरम्मत भी कराई है।

फिल्मों की शूटिंग

दानपुर किले में डुप्लीकेट, मुगले आजम, मुजाहिदे आजादी, अशफाक उल्लाह खां, बुलेट प्रूफ फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है। इसके अलावा डीडी उर्दू चैनल के धारावाहिक सीरियल ‘चमन की मैना’ की शूटिंग भी हो चुकी है।

1200 वर्ष पुराना इतिहास है बुलंदशहर का

बुलन्दशहर का प्राचीन नाम बरन था। इसका इतिहास लगभग 1200 वर्ष पुराना है। इसकी  राजा अहिबरन ने की थी। बुलन्दशहर पर उन्होंने बरन टॉवर की नींव रखी थी। राजा अहिबरन ने एक सुरक्षित किले का भी निर्माण कराया था जिसे ऊपर कोट कहा जाता रहा है।  इस किले के चारों ओर सुरक्षा के लिए नहर का निर्माण भी था, जिसमें इस ऊपर कोट के पास ही बहती हुई काली नदी के जल से इसे भरा जाता था। ब्रिटिश काल में राजा अहिबरन के वंशज राजा अनूपराय ने भी यहाँ शासन किया जिन्होंने अनूपशहर नामक शहर बसाया। उनकी शिकारगाह आज शिकारपुर नगर के रूप में प्रसिद्ध है। मुगल काल के अंत और ब्रिटिश काल के उद्भव समय में जनपद में ही मालागढ़ रियासत, छतारी रियासत व दानपुर रियासत की भी स्थापना हो चुकी थी जिनके अवशेष आज भी विद्यमान है। दानपुर रियासत का नवाब जलील खान था और छतारी रियासत ब्रिटिश परस्त रही।