समावेशी शिक्षा की प्रेरक पहल, नेशनल एसोसिएशन फॉर ब्लाइंड द्वारा विशेष भ्रमण का आयोजन
Live Story Time
Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat.
आगरा। के.के. नगर, सिकंदरा स्थित नेशनल एसोसिएशन फॉर ब्लाइंड की ओर से दृष्टिबाधित छात्र-छात्राओं के लिए एक विशेष समावेशी शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन किया गया। इस प्रेरणादायक यात्रा के लिए ऐतिहासिक स्थल अकबर टॉम्ब, सिकंदरा को चुना गया। उद्देश्य था – इन विशेष बच्चों को सांस्कृतिक, सामाजिक और ऐतिहासिक अनुभव से जोड़ना, उनमें आत्मविश्वास और आनंद का संचार करना।
इतिहास को सुनकर समझा, अनुभव को आत्मसात किया
बच्चों ने महसूस किया समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का स्पर्श
भ्रमण के दौरान छात्र-छात्राओं ने पूरे उत्साह और उमंग से हिस्सा लिया। स्पेशल एजुकेटर मोहम्मद शुएब और कृष्णकांत ने सरल भाषा और संवेदनशील दृष्टिकोण के साथ अकबर टॉम्ब की ऐतिहासिक जानकारियाँ बच्चों को दीं। यह केवल एक शैक्षणिक भ्रमण नहीं, बल्कि इतिहास को अनुभव करने की एक सजीव प्रक्रिया रही।
ब्रेल लिपि में सुनाया गया इतिहास
छात्रा ने सुनाया अकबर के मकबरे का वर्णन
इस भ्रमण का सबसे मार्मिक क्षण वह रहा जब एक दृष्टिबाधित छात्रा ने ब्रेल लिपि में लिखित अकबर टॉम्ब का इतिहास पढ़कर सुनाया। यह दृश्य सभी के लिए प्रेरणा बन गया और दर्शाया कि संकल्प और शिक्षा के माध्यम से कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती।

सहृदय संस्थाओं का योगदान
भोजन और भजनों की भेंट ने बढ़ाया आत्मबल
बच्चों को बीकानेर वाला द्वारा नाश्ते के पैकेट वितरित किए गए, वहीं पैसालो डिजिटल द्वारा भजनों की इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी प्रत्येक छात्र को उपहार स्वरूप दी गई। इन सहयोगों ने बच्चों के मन में स्नेह और अपनत्व का भाव पैदा किया।
समाजसेवियों की गरिमामयी उपस्थिति
कार्यक्रम में अनेक गणमान्य सदस्य शामिल
इस आयोजन में संस्था के जनरल सेक्रेटरी एन.सी. जैन, कोषाध्यक्ष एस.एन. द्विवेदी, प्रीति जैन, रतिका जैन, एम.पी. जैन, हरपाल सिंह और अनीता यादव सहित अनेक सदस्य उपस्थित रहे। उन्होंने बच्चों का उत्साहवर्धन किया और आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आभार और सराहना
अध्यक्ष आशीष गोस्वामी ने की प्रशासनिक सहयोग की सराहना
संस्था के अध्यक्ष आशीष गोस्वामी ने अकबर टॉम्ब सिकंदरा के सी.ए. श्री मुसहर अली और उनकी टीम को हृदय से धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक सहयोग के बिना इस तरह की समावेशी पहल संभव नहीं होती।
✍️ संपादकीय टिप्पणी
दृष्टिबाधित छात्र-छात्राओं को सामाजिक और सांस्कृतिक अनुभवों से जोड़ना न केवल एक मानवीय दायित्व है, बल्कि समावेशी शिक्षा की आत्मा भी है। नेशनल एसोसिएशन फॉर ब्लाइंड की यह पहल समाज के उन वर्गों तक ऐतिहासिक चेतना पहुंचाने का सुंदर प्रयास है, जिन्हें अक्सर मुख्यधारा से अलग समझ लिया जाता है।
इस प्रकार के कार्यक्रम हमें यह सिखाते हैं कि ज्ञान और अनुभूति की कोई सीमा नहीं होती। यदि भावना शुद्ध हो और दृष्टिकोण संवेदनशील हो, तो हर बच्चा, चाहे उसकी भौतिक इंद्रियां पूर्ण हों या नहीं, समृद्धि और समझ के शिखर तक पहुंच सकता है। ऐसे प्रयासों को केवल सराहा ही नहीं जाना चाहिए, बल्कि पूरे देश में मॉडल के रूप में अपनाया जाना चाहिए।
- Agra News: आईफोन के लिए दो नाबालिगों ने लूटी थी व्यापारी की सौ ग्राम वजनी सोने की चेन, दोनों पकड़े गये - July 12, 2025
- आगरा की नगमा बेगम हरियाणा के नूंह जिले से अरेस्ट, साइबर अपराधियों को उपलब्ध कराती थी फर्जी बैंक खाते और सिम कार्ड - July 12, 2025
- Agra News: दुकान का शटर तोड़कर 18 लाख के मोबाइल चोरी कर ले गए चोर, सीसीटीवी में कैद हुए शातिर - July 12, 2025