बांग्लादेश में ज्यादती के विरोध में सड़कों पर उतरे हिंदू, सरकार को दिया 72 घंटे का अल्टिमेटम

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फाइल फोटो

ढाका: बांग्लादेश में हिंदू एक बार फिर से सड़कों पर उतर आए हैं और इस बार सरकार को 72 घंटे का अल्टिमेटम दिया है। बता दें कि बांग्लादेश की सरकार ने राष्ट्र ध्वज के अपमान का मुकदमा थोपते हुए 19 हिंदू नेताओं को घेरने की साजिश की है। मोहम्मद यूनुस की सरकार जहां एक तरफ हिंदु समुदाय के खिलाफ हमलों को रोकने में नाकाम साबित हुई है, तो दूसरी तरफ हिंदू नेताओं पर ही मुकदमा कायम करना शुरू कर दिया है। सरकार की तरफ से हो रही इस ज्यादती के विरोध में बांग्लादेश के हिंदुओं ने अपनी आवाज उठानी शुरू कर दी है।

30 हजार से ज्यादा हिंदुओं ने किया प्रदर्शन

हिंदू नेताओं पर बांग्लादेश सरकार के इस कदम के खिलाफ चिटगांव की सड़कों पर 30 हजार से भी ज्यादा हिंदुओं ने प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के जरिये हिंदुओं ने बांग्लादेश की सरकार को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। बता दें कि बांग्लादेश में 4 अगस्त के बाद से हिंदुओं पर हमले के 2 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं लेकिन मोहम्मद यूनुस की सरकार इन हमलों को रोक पाने में नाकाम रही है। कट्टरपंथियों को बढ़ावा देने और उनके सामने घुटने टेकने के लिए बांग्लादेश की मौजूदा सरकार की इस वक्त पूरी दुनिया में आलोचना हो रही है।

फर्जी मुकदमों का विरोध कर रहे हैं हिंदू,

बांग्लादेश के हिंदू एकजुट होकर मोहम्मद यूनुस सरकार द्वारा थोपे जा रहे फर्जी मुकदमों का विरोध कर रहे हैं। देश के चिटगांव में स्थित चेरंगी बाजार चौराहे पर हजारों हिंदुओं ने इकट्ठा होकर अपने हक की आवाज बुलंद की। उन्होंने अतरिम सरकार से मांग की है कि हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर रोक लगाई जाए। 5 अगस्त के बाद से ही हिंदू मंदिर और उनके कार्यक्रमों को मुस्लिम कट्टरपंथी निशाना बना रहे हैं, लेकिन यूनुस की सरकार इन हमलों को रोक पाने में नाकाम साबित हुई है। उल्टा इस सरकार ने अब हिंदू धर्मगुरुओं पर मुकदमे शुरू कर दिए हैं।

19 हिंदू नेताओं पर केस दर्ज, 2 अरेस्ट

बांग्लादेश की युनूस सरकार ने अब तक 19 हिंदू नेताओं पर मुकदमे दर्ज किए गए हैं और इनमें से 2 को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। जिन नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है उनमें हिंदू धार्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी भी शामिल हैं। वह बांग्लादेश में अस्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ मुखर हैं।

इन सभी पर 25 अक्टूबर को चटगांव में एक प्रदर्शन के दौरान बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर भगवा झंडा फहराने का आरोप लगा है। बांग्लादेश सनातन जागरण मंच के नेता चिन्मय कृष्ण दास 5 अगस्त को शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद से हिंदुओं पर हमलों के खिलाफ होने वाले प्रदर्शनों में सबसे आगे रहे हैं।

चिन्मय ने कट्टरपंथियों को दी थी सीधी चुनौती

बता दें कि 25 अक्तूबर को हिंदुओं ने चटगांव में बड़ी सभा की थी, जिसमें चिन्मय कृष्ण ने कट्टरपंथियों को सीधी चुनौती दी थी। अपने खिलाफ देशद्रोह का केस फाइल होने के बाद चिन्मय ने कहा कि उनका आंदोलन किसी देश, सरकार या पार्टी के खिलाफ नहीं है, वह तो बस इतना चाहते हैं कि बांग्लादेश में हिंदुओं समेत बाकी अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की सुरक्षा की जाए।

चिन्मय इस्कॉन संस्था से भी जुड़े हैं इसलिए भारत में भी इस्कॉन से जुड़े लोगों ने चिंता जताई है। इस्कॉन के वाइस प्रेसीडेंट राधारमण दास ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है। अब देखना है कि बांग्लादेश की सरकार 72 घंटे के अंदर कुछ कदम उठाती है या हिंदू अपना आंदोलन तेज करते हैं।

साभार सहित

Dr. Bhanu Pratap Singh