ब्रज में है रयो हल्ला, यशोदा जायो लल्ला

NATIONAL PRESS RELEASE REGIONAL RELIGION/ CULTURE

Mathura (Uttar Pradesh, India) मथुरा भाद्र मास कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मथुरा में कंस के कारागार में जन्मे देवकी नंदन सुबह गोकुल में नंदनंदन हो गये। कान्हा के जन्म की खुशियां गोकुल में मनाई गयीं। कंस के कारागार से भगवान भी कृष्ण को सूप में रख कर भगवान वासुदेव ने यमुना पार कर रात में ही बालकृष्ण को माता यशोदा के पास गोकुल पहुंचा दिया था

इसी उत्सव को गोकुल में हम नंदोत्सव के रूप में मनाते हैं

भगवान वासुदेव लौट कर कारागार में देवकी के पास आ गये और कंस के पहरेदारों को आभास तक नहीं हुआ। सुबह माता याशोदा के साथ समस्त गोकुलवासियों ने कान्हा के जन्म की खुशियां मनाईं। इसी उत्सव को गोकुल में हम नंदोत्सव के रूप में मनाते हैं। नंद चौक पर उपहार लुटाये जाते हैं। नंदाबाबा और माता यशोदा के साथ ब्रजवासी ही नहीं देश विदेश से आने वाले श्रद्धालु भी इस अद्भुत आलौकिक लीला के साक्षी बनते हैं।

श्रद्धालुओं के लिए 16 अगस्त तक मंदिर में प्रवेश वर्जित है

यह लीला इस बार भी होगी लेकिन नंद चौक पर नहीं  नंदभवन में कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा और श्रद्धालुओं के साथ ही गोकुलवासियों को भी इस लीला का गवाह बनने का सौभाग्य नहीं मिलेगा। गोकल नगर पंचायत के चेयरमैन संजय दीक्षित कहते हैं। गोकुल आज भी गांव है। दुनियां बदल गई, ब्रज में भी बहुत बदलाव आया है लेकिन कान्हा का गोकुल नहीं बदला है। वही यमुना के घाट हैं, वही वन उपवन हैं, पूरा गोकुल हरियाली से आच्छादित और रमणीय है। गोकुल को इस बार भी सजाया संवारा गया है। ऐसा होगा क्यों नहीं हमारे कान्हा जो आ रहे हैं लेकिन कोराना के चलते प्रशासन ने श्रद्धालुओं का आगमन प्रतिबंधित किया हुआ है। नंदभवन मंदिर 6 दिन के लिए श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेगा। 16 अगस्त तक मंदिर में श्रद्धालुओं का प्रवेश वर्जित है। हालांकि छटी पूजन से लेकर नंदोत्सव तक के सभी कार्यक्रम विधिविधान से मंदिर के अंदर ही होंगे।

Dr. Bhanu Pratap Singh