खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए बेहतरीन समय, 35 प्रतिशत खर्चा देगी सरकार

BUSINESS

चैंबर आफ फूड प्रसोसिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन की कार्यकारिणी बैठक में फूड पार्क की स्थापना पर चर्चा

उप्र खाद्य प्रसंस्करण नीति 2023 पर गहन चर्चा, विशेषज्ञ मुक्तेश गुप्ता ने बताए नीति के विशेष लाभ

केंद्र और राज्य सरकार तक खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े उद्योगों की पहुंचायी जाएगी समस्या

आगरा। उत्तर प्रदेश तेजी से खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का बड़ा केंद्र बन रहा है। इसे देखते हुए उप्र खाद्य प्रसंस्करण इंडस्ट्री नीति 2023 पर चैंबर आफ फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन ने कार्यकारिणी सभा का आयोजन किया। करकुंज, आवास विकास स्थित भगत हलवाई के सभागार में आयोजित सभा का शुभारंभ मां भारती के चित्र के समक्ष कार्यवाहक अध्यक्ष राजकुमार भगत, महासचिव अनुज सिंघल, सीएस अनुज अशाेक, सीए नितेश गुप्ता, संरक्षक सुभाष चंद्र गोयल, द्वारिका प्रसाद अग्रवाल, उपाध्यक्ष नितिन गोयल, उत्कर्ष अग्रवाल, आशीष गर्ग, तरुण अग्रवाल ने दीप प्रज्जवलन कर किया। कार्यक्रम में संगठन ने आगामी कार्ययोजनाओं पर चिंतन किया। इसके साथ ही आगरा में फूड पार्क की स्थापना को लेकर विचार मंथन हुआ।

कार्यवाहक अध्यक्ष राजकुमार भगत ने कहा कि संगठन अपने मुख्य उद्देश्य के साथ आगे बढ़ रहा है। आगरा को आवश्यकता है खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को निर्यात के क्षेत्र में संगठित होकर आगे ले जाया जाए।

महासचिव अनुज सिंघल ने बताया कि संगठन शीघ्र ही खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के संगठित विकास एवं सुरक्षा मानकों से जुड़े विषयों को केंद्र एवं प्रदेश सरकार के विभागीय मंत्री एवं अधिकारियों को खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की समस्याओं को सुझावों के साथ अवगत कराएंगे।

सभा के मुख्य वक्ता सीए मुक्तेश गुप्ता ने उप्र खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति 2023 के अंतर्गत निर्यात, नवनीकरण, नवीन उद्योग की स्थापना को लेकर चर्चा कर सरकार की नीतियों को बताया। उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 लागू होने के बाद निवेशकों को कई तरह की छूट का प्रावधान किया गया है। इसमें सब्सिडी, ब्याज सबवेंशन, ट्रांसपोर्ट सब्सिडी और प्रोत्साहन सब्सिडी को शामिल किया गया है। यही नहीं खाद्य प्रसंस्कण इकाई को सीधे अपने उत्पाद बेचने वालों को भी मंडी शुल्क और उपकर में छूट दी जा रही है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की परियोजना लागत का 35 प्रतिशत या अधिकतम पांच करोड़ का अनुदान दे रही है। प्रदेश में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग फूड प्रोसेसिंग पर आधारित सूक्ष्म इकाइयों के उन्नयन के लिये लगातार प्रयास कर रही है। सरकार लोकल फॉर वोकल के जरिये नये स्टार्ट अप को बढ़ावा दे रही है। इसके लिये खाद्य प्रसंस्करण की छोटी इकाइयां भी स्थापित की जा रही हैं। कृषि योग्य जमीन पर यूनिट लगाने वाले निवेशकों को गैर कृषि उपयोग की घोषणा में लगने वाले शुल्क में 2 प्रतिशत की छूट मिलेगी। इसके अलावा सरकारी जमीन के आदान प्रदान पर लगने वाला शुल्क एक चौथाई सर्किल रेट पर ही देना होगा। भू उपयोग के परिवर्तन शुल्क में भी 50 प्रतिशत छूट मिलेगी। साथ ही प्रसंस्करण यूनिट लगाने वाले निवेशक को प्रदेश के किसी भी शहर से कच्चा माल खरीदने या किसानों से सीधे कृषि उत्पाद खरीदने पर मंडी शुल्क या उपकर नहीं देना पड़ेगा।

कार्यक्रम का संचालन संगठन के मुख्य सलाहाकार मनीष अग्रवाल(रावी) ने किया। नए सदस्यों मनोज कुमार अग्रवाल, प्रेमचंद्र अग्रवाल, जयंत मगरानी, अभिमन्यु दीक्षित, विमल गोयल, मोहित अग्रवाल, राकेश छाबड़ा, आशीष बंसल, विकास गोयल, मोहित गुप्ता, संजय खंडेलवाल, मनोज बसरानी, अजय अग्रवाल, वैभव गर्ग, अमित बंसल, अमित गुप्ता को शपथ ग्रहण के साथ सदस्यता प्रदान की गयी।

Dr. Bhanu Pratap Singh