यूपी के घनश्याम पांडे यानी स्वामी सहजानंद ने रखी थी स्वामीनारायण संप्रदाय की नींव

RELIGION/ CULTURE

 

उत्तर प्रदेश में जन्मे घनश्याम पांडे ने स्वामीनारायण संप्रदाय की ऐसी दुनिया रची कि कि दुनियाभर में इसके अनुयायी बढ़े. अमेरिका से लेकर ब्रिटेन और अफ्रीका तक दुनियाभर में इस संप्रदाय के एक हजार से अधिक मंदिर हैं.

1781 में जन्मे स्वामी सहजानंद को भगवान स्वामीनारायण के नाम से भी जाना गया, जिनका वास्तविक नाम घनश्याम पांडे था ज‍िन्होंने स्वामीनारायण  मंद‍िर की स्थापना की थी.

हिन्दू धर्म में कई संप्रदाय हैं. स्वामी नारायण संप्रदाय भी इसी धर्म का हिस्सा है. इसके समर्थक वैष्णव संप्रदाय के अनुयायी ही हैं, जो कृष्ण के अवतार को भी सर्वोच्च भगवान मानते हैं. इसकी नींव रखने वाले स्वामी सहजानंद ने एक योगी और तपस्वी के रूप में अपना पूरा जीवन कृष्ण भक्त के तौर पर बिताया.

स्वामी सहजानंद उत्तर प्रदेश से गुजरात पहुंचे. यहां भी उन्होंने करिश्माई व्यक्तित्व की छाप छोड़ी. यहां आकर ही वो घनश्याम पांडे से सहजानंद स्वामी बने और 200 साल पहले स्वामीनारायण संप्रदाय की नींव रखी.

उन्होंने गैर-ब्राह्मण और गैर-बनिया जातियों को एक साथ लाने की कोशिश की. जब उन्होंने अपनी गद्दी दोनों भतीजों को दी तो यह बात लोगों को रास नहीं आई. इसका विरोध शुरू हुआ और स्वामीनारयण संप्रदाय दो हिस्सों में बंट गया. सहजानंद स्वामी के खेमे ने वंश की परंपरा की विरासत को कायम रखा. दूसरे समूह में साधु परंपरा को अपनाया.

ऐसे नाम मिला BAPS नाम

साधू परंपरा को मानने वाले शास्त्री महाराज ने 20वीं शताब्दी में नई गद्दी की शुरुआत की. उन्होंने इसे नाम दिया बोचासनवासी अक्षय पुरुषोत्तम संप्रदाय. इसे ही BAPS के नाम से जाना जाता है. यही वजह है कि इसके समर्थक साधु परंपरा का पालन करते हैं. स्वामीनारायण संप्रदाय वैष्णव परंपरा का हिस्सा है.

स्वामीनारायण संप्रदाय का पहला हिंदू मंदिर गुजरात के अहमदाबाद में बनवाया गया था. इसके अलावा भुज , मुली, वडताल, जूनागढ़, धोलेरा, ढोलका, गढ़पुर और जेतलपुर के अलावा देश के कई राज्यों और दुनिया के कई देशों में बनवाए गए. ये मंदिर भगवान कृष्ण की लीलाओं और प्रधानता को दर्शाते हैं.

वर्तमान में महंत स्वामी महाराज इस संप्रदाय के छठवें उत्तराधिकारी हैं. उन्हें 20 जुलाई 2012 को संप्रद्राय का आध्यात्मिक गुरु घोषित किया था. इसके बाद महंत स्वामी महाराज के नेतृत्व में BAPS संस्था ने देश ही नहीं, दुनिया के कई देशों में कई स्वामीनारायण मंदिर बनवाए.

BAPS की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, दुनियाभर में इस संस्था के 1100 से ज्यादा मंदिर और 3850 से ज्यादा केंद्र हैं. BAPS का अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय अहमदाबाद में है. अमेरिका के तो कई शहरों में इसने मंदिर और सेंटर हैं. इसके अलावा यूके समेत यूरोप के देशों पुर्तगाल, बेल्जियम, अफ्रीकी देशों केन्या, तंजानिया, युगांडा, साउथ अफ्रीका, बोत्स्वाना, एशिया पैसिफिक में ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, चीन के हॉन्गकॉन्ग और जापान में भी स्वामीनारायण मंदिर हैं. मिडिल ईस्ट की बात करें तो शारजाह, दुबई, कुवैत, मनामा और मस्कट में BAPS के सेंटर हैं.

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Dr. Bhanu Pratap Singh