भारतीय ध्वज लगा न होने के कारण लाल सागर में निशाना बना गैबॉन का जहाज

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भारतीय नौसेना का कहना है कि लाल सागर में शनिवार को गैबॉन के जिस जहाज़ को हूती विद्रोहियों ने ड्रोन से निशाना बनाया था, उस पर भारतीय ध्वज नहीं लगा था.

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार उस जहाज़ पर चालक दल की टीम में 25 भारतीय मौजूद थे, जो अब सुरक्षित हैं. नौसेना के एक अधिकारी ने भी इस ख़बर की पुष्टि की है.

इससे पहले अमेरिकी नौसेना ने बताया था कि शनिवार की शाम लाल सागर में शाम तीन बजे से आठ बजे के बीच दो जहाज़ों को निशाना बनाया गया था, उनमें से एक पर भारतीय ध्वज लगा हुआ था.

अमेरिकी नौसेना के सेंट्रल कमांड ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर रविवार की सुबह लिखा था, “गैबॉन के स्वामित्व वाला और भारतीय झंडे वाला कच्चे तेल का टैंकर एमवी (मर्चेंट वेसेल) साईबाबा ने बताया है कि उस पर ड्रोन ने एक ओर से हमला किया.”

क्या बताया था अमेरिकी सेना ने

23 दिसंबर को यमन के हूती नियंत्रित इलाक़ों से दक्षिणी लाल सागर के इंटरनेशनल शिपिंग लेन में दो एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गईं. किसी भी जहाज के बैलिस्टिक मिसाइलों से प्रभावित होने की सूचना नहीं है.

दोपहर बाद 3 से 8 बजे (यमन की राजधानी सना के समय के अनुसार) के बीच ऑपरेशन प्रॉस्पेरिटी गार्डियन (ओपीजी) के तहत दक्षिणी लाल सागर में गश्त कर रहे यूएसएस लैबून (डीडीजी 58) ने, उसे निशाना बनाते हुए यमन नियंत्रित हूती इलाक़ों से छोड़े गए मानव रहित चार ड्रोन मार ​गिराए. इस घटना में न कोई घायल हुआ न कोई क्षति हुई.

लगभग 8 बजे (सना के समय के अनुसार) अमेरिकी नौसेना के सेंट्रल कमांड को दक्षिणी लाल सागर से गुज़र रहे दो जहाजों से ख़बर मिली कि उन पर हमला हुआ है.

अमेरिकी नौसेना के अनुसार उनमें से एक जहाज नॉर्वे के स्वामित्व वाला और उसी का झंडा लगा था जबकि दूसरा जहाज गैबॉन के स्वामित्व वाला था जिस पर भारतीय झंडा लगा हुआ था. हालांकि अब भारतीय नौसेना ने साफ़ किया है कि इस जहाज़ पर भारतीय ध्वज नहीं था.

अमेरिकी नौसेना ने बताया था, ”नॉर्वे का ध्वज लगे और उसी के स्वामित्व वाले रासायनिक/तेल टैंकर ‘एमवी ब्लामेनन’ ने हूती से छोड़े गए ड्रोन के चूक जाने की सूचना दी, जिसमें किसी के घायल होने की सूचना नहीं है.”

उसके अनुसार ”यूएसएस लैबून (डीडीजी 58) ने इन हमलों के बाद ‘संकट आने’ की सूचना वाली कॉल का जवाब दिया.
हूती विद्रोही 17 अक्तूबर के बाद अब तक कुल 15 कारोबारी जहाज़ों पर हमले कर चुके हैं.

-एजेंसी

Dr. Bhanu Pratap Singh