vairagya nidhi maharaj

प्रभु व गुरु के समक्ष दोष प्रकट करने से पापमुक्तिः वैराग्य निधि महाराज

RELIGION/ CULTURE

आगरा में प्रथम बार जीव राशि खमाने का कार्यक्रम  हुआ

Agra, Uttar Pradesh, India. आगरा में चातुर्मास कर रहीं जैन साध्वी वैराग्य निधि महाराज की निश्रा में प्रथम बार समस्त जीव राशि खमाने ( क्षमा याचना) कार्यक्रम किया गया। जैन धर्म का प्रमुख सूत्र ‘मैं सभी जीवों को क्षमा करता हूँ सभी जीव मुझे क्षमा करें, मैत्री मेरी सभी से है, वैर मेरा किसी से नहीं है’ के तहत 84 लाख योनियों के उपार्जित कर्मों के लिए क्षमा याचना की गयी। जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक श्री संघ के सभी श्रावक श्राविकाओं ने अपने जीवन में किए गए पाप कर्मों के लिए क्षमायाचना की। साथ ही जीव दया के लिए राशि भी एकत्रित की गई। सभी ने दिल खोलकर मदद की।

इस मौके पर साध्वी वैराग्य निधि महाराज ने कहा कि पुण्य को छिपाएँ पाप को छपाएँ, मानव का सहज स्वभाव है। पाप के लिए एकांत व पुण्य के लिए समुदाय की खोज करता है। बीज को धरती में जितना गुप्त रखा जाता है वह उतना ही विशाल वटवृक्ष का रूप लेता है। पाप को छिपाने से पाप की जड़ें और गहरी व मजबूत हो जाती हैं। किंतु पाप आत्मा के लिए बोझरूप होता है। प्रभु व गुरु के समक्ष अपने सारे दोषों, अपराधों व भूलों को प्रकट करने से पापमुक्त हो सकते हैं। बड़े-बड़े तप, अनुष्ठान, दान करना आसान है किंतु निर्दोष बालक की तरह निष्कपट होकर पापों की क्षमायाचना करना महावीर के सामर्थ्य द्वारा ही संभव है।

जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक श्रीसंघ के तत्वावधान में दादाबाड़ी में हुए कार्यक्रम में चतुर्विक श्रीसंघ ने समस्त जीवों से अंतरहृदय से परस्पर क्षमा का आदान-प्रदान कर सद्‌भावना व आत्मीयता का वातावरण प्रस्तुत किया। यह जीवित महोत्सव मृत्यु से पूर्व की तैयारी है। अब कभी मृत्यु आ जाए, हम नहीं घबराएंगे।

कार्यक्रम आयोजक उत्तम चंद, विनय चंद, चंद्रकला चौरड़िया, उषा वैद थे। इस अवसर पर श्री संघ अध्यक्ष राजकुमार जैन, वीरेंद्र दूगड़, कमल चंद जैन, विजेंद्र लोढ़ा, दुष्यंत जैन, अजीत जैन, अर्पित वैद, दीपेश सेठिया, राजीव पाटनी, प्रेम, प्रमोद ललवानी की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

 

Dr. Bhanu Pratap Singh