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सत्य प्रकाश विकल चैरिटेबल नेत्रालय का स्थापना दिवसः कमलानगर के लोग पुलिस के लट्ठ खाकर भी सेवा करते हैं: पुरुषोत्तम खंडेलवाल

HEALTH

सत्य प्रकाश विकल चैरिटेबल नेत्रालय की 200 किलोमीटर के दायरे में साख

चार साल में एक लाख मरीजों का इलाज, 5 हजार अधिक ऑपरेशन हुए

डॉ. अंकिता मित्तल ने लाइलाज कालापानी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी

राकेश गर्ग ने कहा- नेत्रालय में क्वालिटी टॉप पर, नेत्रदान पर भी ध्यान दें

ऑपरेशन कराने वालों की कमी है, पैसा देने वालों की नहीं: सुनील विकल

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Agra, Uttar Pradesh, India. उत्तर प्रदेश के आगरा में अग्रवाल संगठन कमलानगर द्वारा सत्य प्रकाश विकल चैरिटेबल नेत्रालय (Satya prakash vikal charitable netralaya) संचालित किया जा रहा है। स्थान है कमलानगर और बल्केश्वर के मध्य में स्थित चांदनी चौक। चार साल में नेत्रालय की उपलब्धियां हजार हैं। नेत्रालय की साख बढ़ी है। चार साल में एक लाख से अधिक मरीज देखे गए हैं। 5 हजार से अधिक ऑपरेशन हुए हैं। ग्लोकोमा यानी कालापानी की जांच वाली मशीन स्थापित है जो रीजन की इकलौती है। सिर्फ 30 रुपये के पर्चे पर सारी जांचें होती हैं। 3000 रुपये में मोतियाबिन्द का ऑपरेशन किया जाता है। गरीबों के लिए ऑपरेशन फ्री हैं। नेत्रालय के स्टाफ का व्यवहार अनुकरणीय है। नेत्रालय में ओपीडी (बाह्य रोग विभाग) अब प्रातः नौ से शाम 5 बजे तक है। समय बढ़ने के कारण बाहर से आने वाले मरीजों को लाभ हुआ है। नेत्रालय की खास बात यह है कि उच्च वर्ग के लोग भी ऑपरेशन करवा रहे हैं।

यह जानकारी नेत्रालय के चार वर्ष पूरे होने पर स्थापना दिवस मनाया गया। महाराज अग्रसेन सेवा सदन, कमलानगर, आगरा में शानदार कार्यक्रम के साथ स्वादिष्ट पार्टी दी गई। भोजन के साथ दलिया भी परोसा गया। नेत्रालय के कर्ताधर्ता, वरिष्ठ समाजसेवी सुनील विकल अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा- अग्रवाल संगठन की 40 वर्षों की साधना का परिणाम नेत्रालय है। समाज के लोग 2019 से निरंतर सहयोग कर रहे हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चार साल में सर्वाधिक प्रतिष्ठा प्राप्त अस्पताल के रूप में पहचान बनी है। 200 किलोमीटर के दायरे से एक लाख लोग लाभान्वित हुए, वे संदेश वाहक बने कि आगरा में ऐसा नेत्रालय है जो चैरिटेबल के साथ क्वालीटेटिव भी है। कमजोर वर्ग को सस्ता इलाज देना चैरिटेबल नहीं है लेकिन जब सम्पन्न वर्ग सेवाओं को स्वीकार करे तो उपलब्धि है। महाराजा अग्रसेन के सिद्धातों पर चलते हुए निर्णय किया कि किसी भी वर्ग का असहाय व्यक्ति आया है तो निराश नहीं होगा। ऑपरेशन कराने वालों की कमी है, पैसा देने वालों की नहीं है।

उन्होंने कहा कि फार्मा ट्रैक कंपनी के निदेशक भरत अग्रवाल ऑपरेशन के बाद मरीजों को निःशुल्क दवा देते हैं। पूरे आगरा का कोई भी मरीज अगर अपनी किसी भी प्राकर की जांच कराना चाहता है तो उसे अग्रवाल संगठन कमला नगर की पर्ची के साथ 30 से 50 फीसदी छूट दी जाती है। स्व. विकल जी की पुण्य तिथि और जन्मदिन पर निशुल्क कैम्प लगाते हैं। आप सब जरूरतमंद को मरीज को भेजें ताकि हम सेवा कर सकें। अस्पताल के पटल पर असहाय मरीज फार्म भरकर फ्री ऑपरेशन करा सकते हैं। ग्लोकोमा जांच की मशीन लगाई है जो अमेरिका से लेटेस्ट तकनीक की है। मरीजों का डाटा कम्प्यूटरीकृत कर दिया गया है।

Satya Prakash vikal charitable netralaya
Satya Prakash vikal charitable netralaya का स्टाफ अतिथियों के साथ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवनाल ने कहा– मैं  सत्यप्रकाश विकल की पाठशाला का विद्यार्थी बनकर राजनीति में आया हूँ। उनसे बहुत कुछ सीखने का अवसर मिला है। राजनीति के माध्यम से सेवा कैसे हो सकती है, यही विकल जी का जीवन था। अग्रवाल सेवा सदन बनाने में विकल जी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। विकल जी सेवा का पर्याय थे। भाजपा के संगठन मंत्री सुनील बंसल जब यहां आए तब उन्हें पता चला कि विकल जी अग्रवाल हैं।

श्री खंडेलवाल ने कहा कि कमलानगर में वह लोग हैं जो पूर आगरा में सेवा के लिए जाने जाते हैं। रामलीला कमेटी कमलानगर से चलती है। सेवा भारती का काम होता है। लोकहितम ब्लड बैंक चलती है। अग्रवाल संगठन कमलागर में वह लोग हैं जो पूरे आगरा में जन्म से लेकर मृत्यु संस्कार तक कराने का काम करते हैं। महाराजा अग्रसेन से सेवा की प्रेरणा मिलती है। कमलानगर के लोग तो ऐसे हैं जो पुलिस के लट्ठ खाकर भी सेवा करते हैं। नेत्रालय की सेवा अपने परिजनों को दिलवा चुका हूँ, इससे गुणवत्ता का अंदाज लगा सकते हैं। आप सबकी कृपा से आगरा से ही, नहीं पूरे उत्तर प्रदेश में राजनीति की है।

दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री और उद्यमी राकेश गर्ग ने कहा- नेत्रालय इतना नाम कमा रहा है कि मेरे से हर सप्ताह में दो-तीन लोग चिट्ठी लिखने का आग्रह करते हैं। यहां की क्वीलिटी टॉप पर है। मेरे कोल्ड स्टोरेज के मैनेजर ने यहीं पर ऑपरेशन कराया है। अग्रवाल समाज की खूबी है कि काम नम्बर वन करते हैं। आँखें भगवान की सबसे बड़ा आशीर्वाद है, इन्हें संभालें। नेत्रदान का संकल्प लें। एक व्यक्ति के नेत्रदान से दो लोगों को रोशनी मिल जाती है।

नेत्र सर्जन डॉ. अंकिता मित्तल ने अवगत कराया कि कालापानी (ग्लोकोमा) होने पर एक बार रोशनी चली गई तो दोबारा वापस नहीं आती है। इस बीमारी को गंभीरता से लेकर समय पर इलाज करें। कालापानी बीमारियों का समूह है। इसमें आँखों की ऑप्टिक नर्व पर दवाब पड़ता है जो धीरे-धीरे सूखती जाती है। बढ़ती उम्र, आनुवांशिक, उच्च रक्तचाप, स्टीरॉयड, आँख की चोट को नजरंदाज करना, मायोपिया से ग्लोकोमा हो जाता है। अगर इनमें से कोई भी समस्या है तो तत्काल डॉक्टर को दिखाएं। शुरुआती दौर में कालापानी का कोई लक्षण नहीं आता है। अंतिम स्तर पर ही अहसास होता जब दिखना कम हो जाता है लेकिन इसे फिर ठीक नहीं किया जा सकता है। दवा और ऑपरेशन से रोक सकते हैं। कालापानी में नजर कम नहीं होती लेकिन नजर का दायरा कम होता जाता है। इसकी गति इतनी कम होती है तो शुरुआत में पता नहीं चल पाता। जब बगल से गाड़ी निकल जाए और पता न चले तो यह कालापानी का लक्षण है।

मंच पर अग्रवाल संगठन अध्यक्ष पियूष अग्रवाल, अग्रवाल संगठन मुख्य संरक्षक शिव शंकर अग्रवाल,  महाराजा अग्रसेन सेवा सदन अध्यक्ष कौशल सिंघल भी विराजमान रहे।

इस मौके पर नव अग्रवाल महिला समाज ने 51 हजार रुपये भेंट किए ताकि 17 गरीबों का निःशुल्क ऑपरेशन किया जा सके। नेत्रालय परिवार के स्टाफ का परिचय कराया गया। ये हैं- डॉ. निधि यादव, ओटी प्रभारी एसपी सिंह, महाप्रबंधक उमेश (बबलू भाई), भगवान सिंह, काउंसलर अनुराधा अग्रवाल, दीपक, कृष्ण गोपाल, सुलभ शर्मा आदि। कार्यक्रम का शुभारंभ महाराजा अग्रसेन के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। सीताराम अग्रवाल, अनुज विकल आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

 

Dr. Bhanu Pratap Singh