उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में शिष्या से दुष्कर्म के 12 साल पुराने मुकदमे में पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद को एमपीएमएलए कोर्ट ने दोषमुक्त करार देते हुए बाइज्जत बरी कर दिया। बृहस्पतिवार को कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने बताया कि स्वामी चिन्मयानंद पर साजिशन झूठे आरोप लगाए गए थे। सुनवाई के दौरान सारे आरोप झूठे पाए गए हैं।
यह था मामला
पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और मुमुक्षु आश्रम के अधिष्ठाता चिन्मयानंद के खिलाफ उनकी शिष्या ने 2011 में शाहजहांपुर चौक कोतवाली में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप लगाया था कि स्वामी चिन्मयानंद ने अपने कर्मचारियों की मदद से मुमुक्ष आश्रम में उसे बंधक बनाकर कई बार दुष्कर्म किया था।
प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद वर्ष 2018 में मुकदमा वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की थी। इसकी जानकारी होने पर पीड़िता ने एतराज जताया। पीड़िता के आपत्ति जताने पर अदालत ने केस वापसी का प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया था।
बाद में उनका केस एमपीएमएलए कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया था। अभियोजन पक्ष ने कुल छह गवाह पेश किए थे। बचाव पक्ष की ओर से स्वामी चिन्मयानंद के अधिवक्ता फिरोज हसन खां और अधिवक्ता मनेंद्र सिंह ने अपने तर्क किए और बहस की। चिन्मयानंद पर लगाए गए सारे आरोप झूठे पाए गए। इस मुकदमे में अभियोजन व बचाव पक्ष के वकीलों की दलीलें व बहस सुनने के बाद अदालत ने अपना निर्णय सुनाते हुए स्वामी चिन्मयानंद को दोषमुक्त करार दिया।
-एजेंसी
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