Agra, Uttar Pradesh, India. डॉ. भीमराव आम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा का 86वां दीक्षांत समारोह खंदारी परिसर स्थित जेपी सभागार में भव्यता के साथ हुआ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान कीं। कला संकाय में 22, वाणिज्य संकाय में 04, विधि संकाय में 02, विज्ञान संकाय में 10, प्रबंधन संकाय में एक, ललित संकाय में एक, शिक्षा संकाय में 02 व लाइफ साइंस संकाय आदि के छात्र छात्राओं को गोल्ड मेडल उच्चतम अंक प्राप्त करने पर अलंकृत किया गया। एम0बी0बी0एस0 की छात्रा को सपसे अधिक अंक प्राप्त करने पर गोल्ड मेडल से अलंकृत किया गया।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ई-माध्यम से चाणक्य भवन, सीनेट हाउस, पालीवाल पार्क स्थित कुलपति निवास, महिला अध्ययन एवं कौशल विकास केंद्र, (गृह विज्ञान संस्थान) विश्वकर्मा भवन आदि का लोकार्पण किया। कुलाधिपति ने पोषित बच्चों एवं क्षय रोग से ग्रसित बच्चों को बैग व पुस्तक एवं उपहार वितरण किया गया। कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने कहा देश के चौमुखी विकास के लिए कार्य करेंगे।
इस मौके पर कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने 5 महत्वपूर्ण बातें कहीं। ये इस प्रकार हैं-
1.उत्तर भारत का पुरातन विवि संविधान निर्माता डॉ. आंबेडकर के नाम पर है। वे शिक्षाविद, अर्थशास्त्री, विधिवेत्ता, राजनीतिज्ञ, पत्रकार, समाजशास्त्री और समाज सुधारक थे। उन्होंने संस्कृति, धर्म, अध्यात्म में अमूल्य योगदान दिया। उनके अवदान के विषय में गहन और विस्तृत अध्ययन राष्ट्र निर्माण में सहायक होगा। अपेक्षा कि उनके सपनों के अनरूप समता और समानता पर आधारित समाज के निर्माण में योगदान देते रहें।

2,देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। देश का स्वाधीनता आंदोलन विश्व के महानतम आंदोलन में एक था। गुलाम भारत को मुक्ति दिलाने में बृज क्षेत्र के अनेक लोगों का योगदान रहा है। अनेक लोगों ने मातृभूमि, संस्कृति और अध्यात्म के लिए संघर्ष किया है। अमृत महोत्सव उन सभी पुरोधाओं और देश के विकास में योगदान देने वाले महापुरुषों के स्मरण करने और उनसे प्रेरणा लेने का अवसर है।
3.दीक्षांत किसी भी विद्यार्थी की जिन्दगी का एक स्पेशल डे होता है। आज के बाद आप जीवन की महान चुनौतियों को विजित करने के लिए तत्पर होते हैं। यह आवश्यक है कि विवि से अर्जित ज्ञान को देश और समाजहित में समर्पित करें।
4.उच्चतर शिक्षा का राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका है। इसका वास्तविक उद्देश्य युवाओं का बहुमुखी विकास करना है, दो हमारे विविधताओं से महान राष्ट्र की समृद्धि के लिए आवश्यक है। इस बहुमुखी विकास से हमारे युवा महान नागरिक बन सकेंगे।
5.शिक्षा वह स्रोत है जो मानव जीवन में पथ प्रदर्शन का कार्य करती है।
- विश्वविद्यालय मात्र उपाधि वितरण के केन्द्र नहीं हैं अपितु उनके अन्य दायित्व भी हैं। इन्हीं में से एक है आत्मनिर्भर राष्ट्र के निर्माण में सहयोग करना। एक0क गांव को गोद वेकर वहां पर सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक उत्थान सुनिश्चित करना चाहिए।
7.हमारे विश्वविद्यालय का दायित्व है कि वे आज के अंतरराष्ट्रीय चुनौतियां से भरे वातावरण में ऐसे पाठ्यक्रमों की रचना करें, जो युगीन आवश्यकताओं को पूरा कर सकें, साथ ही राष्ट्र को महान नागरिक भी मिल सकें।
8.आगरा विश्वविद्यालय से पांच हजार डिग्रियां फ्री में दी गई, जिस पर केस भी चला। अब जो भी डिग्रियां दी जाएंगी एक भी फर्जी नहीं होनी चाहिए।
9.सभी विश्वविद्यालय डिजिटल लॉकर बनायें और जितनी भी डिग्रियां है सब डिजिटल लॉकर में रखी जाएं। विद्यार्थी को ऑनलाइन डिग्री निकालने के भी सुझाव दिए थे और इस निर्देश का पालन किया गया। आज के दौर में डिजिटल लॉकर द्वारा विद्यार्थियों को ऑनलाइन की व्यवस्था की गई।
10.महिला सशक्तीकरण के अंतर्गत महिलाओं का व्यवहार, महिलाओं की समस्याएं, बेटियों की समस्याएं, बच्चों की समस्या जो माताओं के साथ जुड़ी हुई है, बच्चों की परवरिश और बच्चों के साथ का व्यवहार यह सभी बातें महिला सशक्तीकरण सेल में होनी चाहिए। महिला सशक्तीकरण सेल सभी विश्वविद्यालयों में होनी चाहिए। आज पूरे उत्तर भारत में महिला स्वयं सहायता समूह का गठन हुआ है, जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं।
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