Agra, Uttar Pradesh, India. वैदिक सूत्रम चेयरमैन विश्वविख्यात एस्ट्रोलॉजर एवम वरिष्ठ पत्रकार पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि 21 दिसंबर को आयोजित डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के 86 वें दीक्षांत समारोह में आगरा विश्वविद्यालय से कार्य विरत किये गए कुलपति प्रो. ए के मित्तल को आमंत्रण का निमंत्रण तक नहीं दिया है। यह विश्वविद्यालय की गहरी साजिश की ओर इशारा करता है।
वरिष्ठ पत्रकार एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि विश्वविद्यालय से कार्य से विरत कुलपति प्रो. ए के मित्तल से लखनऊ से उनकी फ़ोन पर बातचीत हुई। इस दौरान प्रो. ए के मित्तल ने अपनी आंतरिक पीड़ा को बयान करते हुए कहा कि मुझे जानबूझकर सोची समझी रणनीति के तहत वर्तमान उत्तर प्रदेश सरकार के कुछ मंत्री झूठे आरोप लगाकर हटाना चाहते हैं, इसलिए मुझे दीक्षांत समारोह के कार्यक्रम में निमंत्रण तक नहीं दिया है।
डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से कार्य से विरत कुलपति प्रो. ए के मित्तल ने वरिष्ठ पत्रकार एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद से 21 दिसंबर 2021 को लखनऊ से फ़ोन से बातचीत के दौरान बताया कि उत्तर प्रदेश की महामहिम राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने जुलाई 2021 में जांच के लिए 3 व्यक्तियों की जांच समिति बनाई थी। इनमेंकि हाई कोर्ट की एक रिटायर्ड महिला जज रंजना पांडेय हैं, उन्होंने भी निष्पक्ष रूप से जांच नहीं की। कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि पिछले 5 माह से इस मामले में मुझे हटाने के लिए पूरी तरह षड्यंत्र रचा जा रहा है। इसमें उत्तरप्रदेश के बड़े मंत्रियों का हाथ भी हो सकता है।
आगरा विवि के 86वें दीक्षांत समारोह में यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल की 10 प्रमुख बातें
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