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ईस्टर्न पेरीफरल और यमुना एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए इन्टरचेन्ज का निर्माण शुरू नहीं, जानिए क्या है लाभ और हानि

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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) एवं यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (येड़ा) के मध्य ईस्टर्न पेरीफरल एक्सप्रेसवे के 91.875 किलोमीटर पर इन्टरचेन्ज का निर्माण होना है। इसके उद्देश्य है यमुना एक्सप्रेसवे एवं ईस्टर्न पेरीफरल एक्सप्रेसवे की कनेक्टिविटी हो सके। इस महत्वपूर्ण इन्टरचेन्ज का कार्य अभी तक प्रारम्भ नहीं हो सका है। यह मामला शासन स्तर पर अभी निर्णय विचाराधीन है। इसका खुलासा सूचना अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत येड़ा द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के0सी0 जैन को उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ।

उपलब्ध करायी गयी सूचना में अवगत कराया है कि यमुना एक्सप्रेसवे के उपर से गुजर रहे ईस्टन पेरीफरल रोड पर आने जाने वाले मोटर वाहनों को यमुना एक्सप्रेसवे पर उतरने एवं यमुना एक्सप्रेसवे से ईस्टन पेरीफरल रोड पर जाने के लिए जो प्रस्तावित इन्टरचेन्ज है उसमें 04 लूप व 04 रैम्प व 04 अतिरिक्त रैम्प का निर्माण किया जाना है। यह इन्टरचेन्ज कितनी लागत में बनाया जाना प्रस्तावित है, के उत्तर में येड़ा ने बताया कि शासन के निर्णय के उपरान्त लागत का आंकलन किया जाना प्रस्तावित है। कुल मिलाकर इन्टरचेन्ज का निर्माण की न तो अनुमति शासन से प्राप्त हुई है और न ही उसकी लागत का आकंलन तैयार हुआ है। येड़ा को इस सम्बन्ध में शासन से कोई प्रतिवेदन या पत्र प्राधिकरण को प्राप्त नहीं हुआ है।

अधिवक्ता जैन ने उक्त सूचना के क्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की कि यमुना एक्सप्रेसवे पर बनने वाले उक्त इन्टरचेन्ज का जल्द से जल्द निर्माण शुरू किया जाये ताकि जेवर हवाईअड्डे पर गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर आदि के लोग आसानी से आ सकें और आगरा, मथुरा, हाथरस, फिरोजाबाद आदि जनपदों के लोग इन्टरचेन्ज के माध्यम से गाजियाबाद व मेरठ आदि स्थानों पर बिना ग्रेटर नोाएडा जाए सीधे जा सकें। इसके अतिरिक्त इस इन्टरचेन्ज के बनने के बाद जीटी करनाल रोड के लिए भी आगरा के लोगों को ग्रेटर नोएडा या दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा। दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेसवे पर भी कनेक्टिविटी आसान हो जाएगी। इस इन्टरचेन्ज के बनने से समय और ईधन दोनों की ही बचत होगी और सुगमता से लोग अपने गन्तव्य की ओर पहुंच सकेंगे। इन्टरचेन्ज निर्माण में यदि भूमि अधिग्रहण या कोई अन्य समस्या है तो शासन उसे शीघ्रता से समाधान करे। जेवर एयरपोर्ट जैसी महत्वाकांक्षी योजना के लिए यह इन्टरचेन्ज एक मील का पत्थर साबित होगा।

अधिवक्ता जैन ने यह भी बताया कि सूचना अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत एनएचएआई से जो सूचना दिनांक 14.12.2023 को उपलब्ध हुई थी उसके अनुसार येड़ा के द्वारा इन्टरचेन्ज के निर्माण का कार्य ई.पी.सी. कोन्ट्रेक्टर को दिया जा चुका है। लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि शासन की अनुमति के अभाव में इन्टरचेन्ज निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो सका है।

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